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दोस्ती या मित्रता पर निबंध Essay in Friendship in Hindi

दोस्ती या मित्रता पर निबंध Essay in Friendship in Hindi

परीक्षाओं में कई बार बच्चों को दोस्ती या मित्रता पर निबंध (Essay in Friendship in Hindi) पूछ लिया जाता है। यदि आप ऐसे किसी आर्टिकल की तलाश कर रहे हैं। यह निबंध बहुत ही सरल भाषा में दिया गया हो तो यह लेख आपके लिए लिखा गया है।

Table of Content

इस आर्टिकल में आप मित्रता की परिभाषा, सच्ची मित्रता के बारे में तथा महत्व और लाभ पढ़ेंगे साथ ही आप मित्रता पर पांच प्रख्यात दोहों को भी पढ़ेंगे।

मित्रता या दोस्ती क्या है? What is friendship in Hindi?

जब किसी बालक का जन्म होता है, तो ठीक उसके जन्म के पश्चात से ही कई रिश्ते-संबंध बनना प्रारंभ हो जाता है। माता-पिता , भाई बहन, दादा-दादी इत्यादि कई परिवार के लोगों से उस बालक का एक गहरा रिश्ता जुड़ जाता है। मृत्यु तक रिश्ते जुड़ने का सिलसिला ताउम्र चलता ही रहता है।

बच्चे जब बड़े होते हैं, तो वे आमतौर पर अपनी आयु वाले दूसरे बच्चों के साथ खेलना, पढ़ना और उनके साथ ही स्कूल जाना बहुत पसंद करते हैं। यहां तक की अपनी सभी यादगार बातों को उनके साथ साझा करना भी बच्चों को अच्छा लगता है।

मित्रता अथवा दोस्ती परिवार की तरह ही एक दूसरा रिश्ता होता है। जिस प्रकार परिवार के लोगों के साथ एक भावनात्मक लगाव जुड़ा होता है, उसी तरह अपने दोस्तों से भी एक अलग सा ही लगाव होता है।

मित्रता की परिभाषा किसी भी जाति, धर्म, लिंग, समुदाय इत्यादि से मुक्त होता है। बचपन में हम निर्जीव खिलौनों को ही अपना मित्र समझते थे। हम जहां कहीं भी जाते थे, उसे अपने साथ ही रखते थे। यहां तक कि बचपन में उन खिलौनों में हमारी जान बसती थी।

जैसे-जैसे इंसान की उम्र बढ़ती जाती है, जीवन में परिपक्वता के साथ नए-नए परिवर्तन भी आते हैं।

यह जरूरी नहीं है, कि किसी बाहर के व्यक्ति विशेष के साथ ही मित्रता हो। कई बार घर में माता-पिता, भाई बहन या अन्य कोई सदस्य भी हमारे एक मित्र जैसा होता है, जिसके साथ रहना और अपने विचारों को साझा करना हमें अच्छा लगता है।

सच्ची मित्रता / दोस्ती क्या होती है? What is true friendship in Hindi?

जिस प्रकार खजाने को ढूंढना एक कठिन काम होता है, उसी प्रकार एक सच्चे मित्र को ढूंढना भी बेहद मुश्किल कार्य होता है। हालांकि सच्ची मित्रता तो खून का रिश्ता नहीं होता है, लेकिन कभी-कभी उससे भी बढ़कर साबित होता है।

जीवन में एक अच्छे मित्र का होना ईश्वर के किसी वरदान से कम नहीं है। कई बार ऐसी परिस्थितियां आ जाती हैं, जहां अपने भी साथ देने से पीछे हट जाते हैं। लेकिन एक सच्चा मित्र कभी भी अपने मित्र को मुश्किल हालातों में अकेला नहीं छोड़ता है।

जब सच्ची मित्रता की बात की जाए तो भला श्री कृष्ण और उनके सखा सुदामा को किस प्रकार भुलाया जा सकता है। जब तक इस संसार में जीवन रहेगा तब तक कृष्ण और सुदामा की अनोखी और अद्वितीय मित्रता को हमेशा स्मरण किया जाता रहेगा।

सच्ची मित्रता कभी भी समय की मोहताज नहीं होती है। क्योंकि दो मित्रों के जीवन के बाद भी उनकी निश्चल और कपट रहित दोस्ती को कोई नहीं भुलाता है। सच्ची मित्रता में वह ताकत होती है, जिससे एक समर्थ व्यक्ति भी घुटने टेक दे। क्योंकि गरीब ब्राह्मण सुदामा ने भी अपने सखा भगवान श्री कृष्ण को अपने आगे झुकने पर मजबूर कर दिया था।

किसी को अपना मित्र समझने से पहले उसकी दोस्ती का परीक्षण जरूर कर लेना चाहिए। अक्सर लोग दोस्ती की सही परिभाषा को नहीं समझ पाते हैं। वे ऐसे लोगों को भी अपना मित्र कहते हैं, जो कुछ समय तक उनके साथ रहता हो और बातचीत करता हो।

दो सच्चे मित्र हमेशा एक दूसरे के लिए निस्वार्थ भाव से समर्पित रहते हैं। समय बीतने के बाद भी धन दौलत, अभिमान, कामकाज, परिवार इत्यादि कोई भी चीज मित्रता के रास्ते में फूट नहीं डाल पाती है।

मित्रता का महत्व क्या है? What is the importance of friendship in Hindi

सच्ची मित्रता का जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। इंसान के चारों तरफ का माहौल अथवा उसके आसपास रहने वाले लोगों के चरित्र रेखा जिस प्रकार की होगी, वैसा ही परिवर्तन मनुष्य में होता जाएगा।

अच्छे मित्र हमेशा ही हमें उचित दिशा में चलने के लिए प्रेरित करते हैं। जीवन में कोई भी तकलीफ हो केवल एक बार आवाज देने पर मित्र हमेशा ही उस मुश्किल भरी स्थिति से निकालने के लिए तैयार रहता है।

यदि एक ईमानदार और श्रेष्ठ मित्र की बात की जाए, तो वह सदा ही अपने मित्र को अंधकार भरे जीवन से निकाल कर एक उज्जवल भविष्य की तरफ दिशा निर्देश करता है। ऐसे लोगों का जीवन में होना वाकई में एक सौभाग्य की बात होती है, जो हमें हर पल बुरी परिस्थितियों तथा मानसिकता वाले लोगों से सचेत करते हों।

कई बार किसी कारणवश हम हताशा और दुखों से घिर जाते हैं। यह ऐसा समय होता है, जब हम अंदर से बहुत बुरा महसूस करते हैं। ऐसी परिस्थितियों में हम चाह कर भी किसी को अपने मन की बात नहीं बता पाते।

लेकिन अपने पक्के और सच्चे मित्र से अपनी बातें साझा करने में कोई परेशानी नहीं होती है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हमें यह विश्वास होता है, कि हमारा मित्र अवश्य ही इस परेशानी का भी हल ढूंढ लेगा। इस प्रकार का अनोखा भावनात्मक लगाव और समर्थन कई बार परिवार की तरफ से भी नहीं देखा जाता है।

जितना अधिक मौज-मस्ती और आनंद का अनुभव हम अपने मित्र के साथ करते हैं उतना और किसी के साथ नहीं करते। अपने दोस्त के साथ बिताए गए प्रत्येक पल बड़े ही रोमांचक और मजेदार यादगारों से भरे होते हैं।

मानव प्रवृत्ति के अनुसार व्यक्ति अपने मित्र के साथ बेहद सहज तथा आत्मविश्वास से भरा हुआ महसूस करता है। अपने मित्र के साथ ही मनोरंजन वाली गतिविधियां जैसे फिल्में देखना, यात्राएं करना, खरीदारी, गपशप और मौज-मस्ती करना सबसे अधिक प्रिय होता है।

जीवन में मित्रता या दोस्ती के लाभ Benefits of Friendship in Life in Hindi

एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, जिन लोगों के अच्छे और मजेदार दोस्त होते हैं उन्हें कभी भी डिप्रेशन अथवा मानसिक तनाव और ह्रदय संबंधित बीमारियां होने का खतरा बहुत हद तक कम हो जाती हैं।

यदि आपके साथ एक इमानदार और छल कपट रहित कोई दोस्त है, तो आपको किसी भी परिस्थिति से बहुत कम समय में ही बाहर निकलने में सहायता मिलती है।

जीवन में एक अच्छा दोस्त होने का सबसे बड़ा लाभ यह होता है, कि उससे अपनी दिल की सारी बातों और समस्याओं को कहकर एक सुकून और शांति महसूस होता है।

अच्छे लोगों के साथ रहने से हमेशा सकारात्मक भावना हमारे मन में प्रवेश करती रहती है तथा नकारात्मक विचारों का नाश होता है।

बनावटी और लालची लोगों की बात की जाए, तो ऐसे लोग सिर्फ आपका साथ तभी तक देते हैं, जब तक आपके पास धन दौलत और रुतबा हो जिनसे उन्हें फायदा हो रहा हो। ऐसे लोग अपना काम निकलवाने अथवा स्वार्थ पूरा हो जाने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखते हैं।

हर मुश्किल घड़ी में चाहे आपकी हालात कैसी भी हो यदि कोई मदद करने सबसे पहले आगे आता है, तो वह एक सच्चा मित्र होता है।

अच्छे मित्रों की यह सबसे बड़ी खासियत होती है, कि वे गलत को गलत और सही को सही कहने में संकोच नहीं करते हैं। यदि एक सच्चा मित्र अपने दोस्त को किसी बात के लिए डांटता अथवा आलोचना करता है, तो इसके पीछे उसका धेय केवल और केवल बुरे मार्ग पर भटकने से रोकना होता है।

अच्छे व बुरे मित्र की पहचान क्या है? What is the Difference Between a Good and a Bad Friend in Hindi?

संगति एक ऐसी चीज है जो किसी का भी जीवन बदल सकती है। यह साधारण बात है की लोगों की संगति अक्सर उनके परिवार तथा मित्रों के साथ सबसे अधिक होती है।

यह बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए, कि शहद और मीठे खाद्य पदार्थ सबसे जल्दी खराब होते हैं। ठीक उसी प्रकार अगर कोई व्यक्ति जिसे आप मित्र मानते हैं, वह सदैव ही आपकी प्रशंसा करें, भले ही आप गलत की ही क्यों ना हो। ऐसे लोग स्वार्थ से भरे होते हैं। इसीलिए वह मित्र नहीं शत्रु की संज्ञा में गिने जाएंगे।

आज के समय की बात करें तो सच्चे मित्र की उपस्थिति एक भाग्यशाली बात है। ऐसे तथाकथित दोस्त हमें हर जगह और हर क्षण दिख जाएंगे जो सिर्फ ‘फ्रेंडशिप डे’ के दिन ही अपने मित्र को याद करेंगे।

यह बहुत निराशा की बात है कि मित्रता की मिसाल पेश करने वाले हमारी भारतीय संस्कृति को अब लोग भूलते जा रहे हैं और अंग्रेजों द्वारा बनाए गए त्योहारों को मनाने में अपनी शान समझते हैं।

सच्चे मित्र की पहचान सिर्फ कठिन परिस्थितियों में की जा सकती है। क्योंकि अच्छे दिनों में तो हर कोई हमारे साथ अच्छा व्यवहार करता है। लेकिन जो हमारे बुरे हालातों में भी हमारा साथ ना छोड़े और अच्छे से व्यवहार करें वही एक सच्चा मित्र होता है।

वे लोग जो सामने तो बहुत अच्छे और संस्कारी बनते हो और हमेशा अपने दोस्त के सामने उसकी बढ़ाई करते हों ऐसे ही लोग सबसे बड़े आलोचक होते हैं।

एक इमानदार मित्र कभी भी अपने संबंधों को झूठ और फरेब के आधार पर विकसित नहीं करता है। वे विरले लोग होते होंगे जिनका मित्र उनकी परेशानियों को बिना कहे ही समझ सकता हो।

मित्रता या दोस्ती पर 5 प्रमुख दोहे 5 main couplets on friendship in Hindi

  • आगें कह मृदु वचन बनाई। पाछे अनहित मन कुटिलाई। जाकर चित अहिगत सम भाई। अस कुमित्र परिहरेहि भलाई।

अर्थ : जो सामने मीठी-मीठी बातें करता है और पीठ पीछे इष्या भाव से बुराई करता है तथा जिसका मन साॅप की भांति टेढा है, ऐसे खराब मित्र को त्याग देने में ही हित है।

  • देत लेत मन संक न धरई, बल अनुमान सदा हित करई। विपती काल कर सतगुन नेहा, श्रुति कह संत मित्र गुन एहा।

अर्थ:  मित्रों से लेन-देन में शंका नहीं करनी चाहिए। अपनी क्षमता के अनुसार सदैव अपने मित्र की सहायता करनी चाहिए। वेदों के अनुसार विपत्ति के समय में जो स्नेह प्रेम करें और साथ ना छोड़े यह गुण एक सच्चे मित्र के होते हैं।

  • कहि रहीम संपति सगे बनत बहुत बह रीत। विपति कसौटी जे कसे, तेई सांचे मीत।।

अर्थ: ऐसे लोग जो हमेशा सुख में साथ देते हो और सदैव आपके हितेषी बनते हो, विपत्ति काल में ऐसे लोग मुंह मोड़ लेते हैं। लेकिन जो लोग दुख में भी आपका साथ ना छोड़े वही सच्चे मित्र होते हैं।

  • सौ सौ बार विचारिए, क्या होता है मित्र। खूब जाँचीये पराखिए, उसका चित्त चरित्र।।

अर्थ: मित्र बनाने से पहले उस व्यक्ति के विषय में सब कुछ जान लेना चाहिए। मन तथा चरित्र को परखने के बाद ही मित्र बनाने चाहिए।

  • जिन्ह कें अति मति सहज न आई, ते सठ कत हरि करत मिताई। कुपथ निवारि सुपंथ चलावा, गुन प्रगटै अब गुनन्हि दुरावा।।

अर्थ: केवल मित्रता कर लेने से कोई मित्र नहीं होता है। अर्थात मित्र धर्म को निभाना और अपने कर्तव्यों का पालन करना की मित्रता कहलाती है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने मित्रता या दोस्ती पर हिंदी में निबंध (Essay in Friendship in Hindi) पढ़ा। आशा है कि यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।

10 thoughts on “दोस्ती या मित्रता पर निबंध Essay in Friendship in Hindi”

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अच्छा दोस्त पर निबंध (A Good Friend Essay in Hindi)

आजकल के दौर में यदि आपके पास एक ऐसा मित्र है, जिसे आपने सदैव अपनी आवश्यकता के दौरान अपने समीप पाया हो। तो यकीन मानिये आप बहुत ही भाग्यशाली हैं और ऐसे ही मित्र सच्चे मित्र कहलाते हैं।

अच्छा दोस्त पर छोटे-बडे निबंध (Short and Long Essay on A Good Friend in Hindi, Achha Dost par Nibandh Hindi mein)

अच्छा दोस्त पर निबंध – 1 (300 शब्द) – achha dost par nibandh.

एक अच्छा दोस्त 100 पुस्तकों के बराबर होता है; ऐसा स्वयं श्री ए. पी. जे. अब्दुल कलाम जी का मानना था। क्योंकि हम पुस्तकों को पढ़ सकते हैं, उनसे सीख सकते हैं परंतु उन बातों को प्रयोग में ला रहे हैं कि नहीं यह कोई और नहीं अपितु हमारे दोस्त ही समझ पाते हैं। हम पर हमारे संगत का असर इस कदर पड़ता है कि, कोई बच्चा या तो बन ही जाता है या बिगड़ ही जाता है।

अच्छा दोस्त – हमारा सच्चा मार्गदर्शक

अच्छे दोस्तों का होना जीवन में बहुत आवश्यक होता है। बच्चे जितना अपने अध्यापक या माता-पिता से नहीं सीखते, उससे कई गुना वे अपने दोस्तों से सीखते हैं। और ऐसे स्थिति में दोस्तों के महत्व को आप समझ ही सकते हैं।

कई बार जो एक अभिभावक नहीं सिखा पाते, बच्चे अपने दोस्तों से सीख जाते हैं। एक अच्छा दोस्त खुद तो अच्छे पथ पर चलता ही है और साथ ही अपने दोस्तों को भी अच्छी आदतें सिखाता है। और अपने दोस्तों को भी गलत मार्ग पर जाने से रोकता है। शायद इसी वजह से जीवन में अच्छे दोस्तों का होना बेहद आवश्यक होता है।

एक सच्चे मित्र के कुछ गुण होते हैं जैसे कि; वे कभी भी किसी से अपने मित्रों कि बुराई नहीं करते, वे आपके पीठ पीछे आपकी बातें नहीं करते, किसी भी तरह कि मुसीबत में आपको अकेला नहीं छोड़ते, बेमतलब की बातों पर बहस नहीं करते, आपकी हालातों का कभी फायदा नहीं उठाते, आदि।

हर व्यक्ति को जीवन के किसी न किसी पड़ाव में एक अच्छे साथी कि आवश्यकता होती है। जो कि उचित समय पर हमारा उचित मार्गदर्शन करा के हमारे जीवन को भी रोशन करते हैं।

आजकल के दौर में सच्चे दोस्तों का मिलना बेहद मुश्किल है। इसी वजह से यदि आपके पास कोई सच्चा मित्र है तो अपनी दोस्ती को संभाल कर रखें और सदैव उसकी कद्र करें। अच्छा दोस्त मिलना किसी वरदान से कम नहीं होता।

इसे यूट्यूब पर देखें : Essay on A Good Friend in Hindi

निबंध – 2 (400 शब्द) – Achha Dost par Nibandh

एक व्यक्ति के जीवन में कई महत्वपूर्ण रिश्ते होते हैं और दोस्ती उन सब में सबसे अहम भूमिका निभाती है। कोई भी इंसान अपनी सारी समस्याओं को केवल अपने दोस्तों से ही साझा कर पाता है। कुल मिलाकर हम यह कह सकते हैं कि दोस्त वह इंसान होता है जो हम सब के जीवन में बहुत अहम भूमिका निभाता है। और कहीं न कहीं हम सब के जीवन को प्रभावित करता है।

अच्छे दोस्त कि परिभाषा

एक अच्छा दोस्त वह नहीं जो सदैव आपके हां में हां मिलाये, अपितु वे आपकी गलती पर आपको टोकता भी रहें। वे आपको प्रेरित भी करते हैं, और आपको आगे बढ़ाने के लिए अपना पूरा प्रयास भी करते हैं। एक सच्चा मित्र खुद भी प्रगति के पथ पर चलता है और अपने सहयोगियों की भी भरपूर मदद करता है।

एक अच्छा दोस्त सदैव अपने साथियों का भला चाहता है और सब को अपने साथ लेकर चलता है। वे कभी किसी से अपने दोस्तों कि बुराई नहीं करता, न तो उन्हें नीचा दिखाता है। एक अच्छा दोस्त पाना सच में किसी वरदान से कम नहीं।

जीवन में अच्छे दोस्त का महत्व

सभी माता–पिता अपने बच्चों को अच्छा आचरण सिखाते हैं, परंतु उनको अमल में लाना बच्चों पर निर्भर करता है। आपका आचरण ठीक वैसा ही होता है जैसे कि आपके दोस्त होते हैं, अर्थात हमारे जीवन में किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हमारे दोस्त ही होते हैं।

आपकी संगत या तो आपका जीवन बना ही देती है, या तो उसे बिगाड़ ही देती है। कोई भी व्यक्ति अपने हम उम्र दोस्तों के साथ अपनी बातें आसानी से साझा कर पाता है, और एक दूसरे के गुण एवं दोषों में पूरी तरह रच-बस जाता है। इसलिए अच्छे दोस्तों का होना जीवन में बहुत आवश्यक होता है।

अच्छे दोस्त के फायदे

आपने दोस्तों के ऊपर ढेरों कहावतें तो सुनी ही होंगी, और आपने स्वयं भी आपने दोस्तों का आपके जीवन में योगदान भी देखा ही होगा। एक अच्छे दोस्त का हमारी सफलता में बहुत बड़ा योगदान होता है। वे सदैव अपने दोस्तों के अवगुणों को उजागर करते हैं और उन्हें खत्म करते हैं साथ ही साथ उनके गुणों को निखारने में उनकी मदद करते हैं। और यह जरूरी नहीं कि आपका कोई हम उम्र हो, वह आपके अध्यापक, अभिभावक, कोई भी हो सकते हैं।

हम यह कह सकते हैं कि जीवन का सफर दोस्तों के बगैर अधूरा है और हमें स्वयं भी इन गुणों को जरूर अपनाना चाहिये। और हमें यदि कोई ऐसा शख्स मिलता है जो हमारे लिए सोचे और हर परिस्थिति में हमारा साथ दे, तो यकीन मानिये कि आप बहुत किस्मत वाले हैं।

निबंध – 3 (500 शब्द) – Achha Dost par Nibandh

दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जिसे चंद शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता। यह कभी-कभी एक भाई से बढ़ कर प्रेम देता है, तो कभी मां का आंचल बन हमें मुसीबतों से निकालता है। ऐसा कोई कार्य नहीं जो एक मित्र न कर सके और यदि आपके जीवन में ऐसा कोई हो तो आप वाकई में भाग्यशाली हैं, क्यों कि आज कल के दौर में मित्र तो बहुत मिल जाएंगे परंतु अच्छे दोस्तों का मिलना आसान बात नहीं।

अच्छे दोस्त के गुण

  • यह एक निश्छल रिश्ता होता है, जिसमें लोग एक दूसरे कि मदद खुशी से करते हैं और सब के आगे बढ़ने कि कामना करते हैं। वे जीवन के किसी भी क्षेत्र में आपको अकेला नहीं छोड़ते एवं सदैव आपके साथ रहते हैं।
  • एक अच्छा दोस्त सदैव आपको सही राह पर चलने को प्रेरित करता है, चाहे वह राह कितना भी कठिन ही क्यों न हो।
  • वे आपकी सामाजिक एवं भावनात्मक दोनों रूप से मदद करते हैं।
  • एक अच्छा दोस्त कभी भी आपके अनुपस्थिति में, आपके लिए अनुचित शब्दों का प्रयोग नहीं करता।
  • अच्छे दोस्त कभी भी मुसीबत आने पर आपको कभी अकेला नहीं छोड़ते।
  • एक अच्छा दोस्त आपसे अपेक्षा तो कर सकता है परंतु कभी आपकी उपेक्षा नहीं करता।
  • हम अपने मित्रों से अपनी सभी बातें आसानी से साझा कर पाते हैं और आशा करते हैं कि वे हमें इस दुनिया में सबसे अधिक समझते हैं।
  • एक अच्छा दोस्त किसी भी आयु, लिंग और जाती का हो सकता है। कई बार हमारे अभिभावक हमारे सबसे अच्छे मित्र बन जाते हैं, जो हमारा सही मार्गदर्शन तो करते ही हैं साथ ही साथ हमें सबसे अधिक समझते भी हैं।
  • जीवन में अच्छे दोस्तों का होना किसी वरदान से कम नहीं होता। उन्हें सदैव सजो के रखें और उनका आदर करें।

अच्छा दोस्त – वफादारी का दूसरा नाम

दोस्तों को वफादारी का दूसरा नाम कहना गलत नहीं होगा। क्योंकि वे कभी आपको धोका नहीं देते और समय-समय पर कुछ ऐसे मिसाल कायम कर जाते हैं कि, हमारे दिल के और भी करीब हो जाते हैं।

कई बार हम देखते हैं कि उम्र व समय के साथ हमारे कई नए दोस्त बनते हैं और खत्म हो जाते हैं। पर जो हमारे साथ रह जाते हैं वे ही हमारे परम मित्र बन जाते हैं। और ज्यादातर देखा गया है कि ऐसी दोस्ती बहुत आगे तक जाती है। ऐसे लोग जो जीवन के हर पड़ाव पर हमारे साथ होते हैं वे हमारे और भी करीब हो जाते हैं।

हम किसी के साथ अपना सुख-दुख तभी साझा करते हैं जब वह भरोसेमंद होता है और एक वफादार इंसान सदैव हमारे दिल में अलग स्थान रखता है जो एक सच्चा दोस्त कहलाता है।

दोस्ती के बारे में जितना कहा जाए कम ही होगा। वह एक ऐसा व्यक्ति होता है जो भले ही दूसरी मां से जन्मा हो पर आप दोनों कि सोच एक समान होती है। शायद यही वजह है कि हमारे बड़े बुजुर्ग कह गये हैं कि ‘जैसी संगत वैसी रंगत’। अर्थात हम पर अपने दोस्तों का असर बहुत ही जल्दी पड़ता है। इसलिए जीवन में एक अच्छा मित्र अवश्य कमायें। दोस्ती कमानी पड़ती है, ठीक उन्हीं आदतों को अपना कर जिसकी कामना आप अपने मित्र से करते हैं।

निबंध – 4  (600 शब्द)

दोस्ती शब्द अपने आप में इतना समृद्ध है कि इसका कोई एक अर्थ निकालना इसे कम आंकना कहलाएगा। शायद दुनिया में माता-पिता के बाद दोस्त ही होते हैं जो हमारे सबसे करीब होते हैं। और हमें सबसे अच्छे से समझते हैं, तथा ऐसे में किसी बेहतरीन व्यक्ति का साथ मिल जाए तो जीवन संवर जाता है। दुनिया का हर दूसरा व्यक्ति देखने, सुनने और समझने में एक दूसरे से भिन्न होता है। पर जहां दो लोगों कि सोच थोड़ी मेल खाए वहीं दोस्ती पनपती है।

अच्छे दोस्तों का हमारे जीवन पर असर

ज्यादातर लोग अपना पहला दोस्त अपने स्कूल में बनाते हैं और यकीन मानिये, यह ये भी दर्शाता है कि आप दुनियादारी सीख रहे हैं। जब बच्चे अपने बल-बूते पर दोस्त बनाते हैं तो उनमें एक अलग प्रकार का आत्मविश्वास जन्म लेता है। जो कि आगे चल कर उनके जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

चूंकि बच्चे बहुत जल्दी सीखते हैं, इस लिए ऐसा पाया गया है कि जिन बच्चों ने स्कूल आकर सबसे पहले दोस्त बनाये उनमें सीखने कि क्षमता भी अधिक पाई गई। वे अपने दोस्तों का नकल करने लगते और नई-नई आदतें व बातें एक दूसरे से सीखते हैं।

मान लीजिए की एक बच्चे का परिवेश ऐसा है कि वह आए दिन अपने घर के आस-पास कहीं न कहीं गालियां सुनता रहता हो। तो वहीं एक ऐसा बच्चा भी हो जिसके घर अनुचित शब्दों के प्रयोग पर डाटा जाए तो यकीन मानिये वह अपने दोस्त को भी समझाएगा कि वह गलत है। ठीक इसी प्रकार चाहे वह जीवन का कोई भी पड़ाव क्यों न हो, दोस्तों से हम सीखते हैं।

दोस्त बनाना भी एक कला होता है जो शायद सब को नहीं आता। जिसमें खुद को भी झोंकना पड़ता है, तब जा के भरोसे कि चाशनी तैयार होती है और एक बार यह चाशनी तैयार हो जाए आप इसका आनंद सारी उम्र उठा सकते हैं।

अच्छी मित्रता के कुछ खास उदाहरण

यह जरूरी नहीं कि आप अपने दोस्तों से रोज बात करें परंतु आवश्यकता पड़ने पर आप सदैव उन्हें अपने समीप पाएंगे। हमारे इतिहास में कुछ ऐसे उदाहरण हैं जो वाकई अच्छी दोस्ती के मिसाल हैं।

कृष्ण और सुदामा : शायद ही कोई ऐसा भारतीय होगा जो इतिहास के इस किस्से को नहीं जानता होगा। इनकी दोस्ती बाल्यावस्था में हुई थी जब दोनों बालक थे और अपनी-अपनी शिक्षा प्राप्त की। परंतु बाद में कृष्ण राजा बन गये और सुदामा एक गरीब ब्राह्मण। परंतु जब सुदामा श्री कृष्ण से मिलने गये, तो श्री कृष्ण ने उनके सारे कष्ट हर कर अपनी मित्रता को अमर कर दिया।

राम एवं सुग्रीव , कृष्ण एवं अर्जुन, दुर्योधन एवं कर्ण , कुछ ऐसे ऐतिहासिक उदाहरण हैं जो मित्रता के रिश्ते को और भी खास बना देते हैं और जीवन में अच्छे दोस्तों के महत्व को और बढ़ा देते हैं।

जीवन में अच्छे दोस्तों का होना बेहद आवश्यक होता है, उनके होने मात्र से मन में हिम्मत आ जाती है, क्योंकि कई बार हमारे फैसले ऐसे होते हैं जिससे घर वाले हमारे खिलाफ हो जाते हैं, तब वे हमारे दोस्त ही होते हैं जो हमारी भावना को समझते हैं और सब को हमारे नजरिये से समझाने का प्रयास करते हैं। या फिर हमारे गलत होने पर हमें भी समझाते हैं।

एक अच्छा मित्र इतनी आसानी से नहीं मिलता थोड़ा त्याग खुद भी करना पड़ता है और अगर आपके पास ऐसा मित्र है तो उसकी कद्र अवश्य करें। वे स्वयं भगवान का प्रसाद होते हैं, जो जीवन के कठिन परिस्थितियों में इस कदर मदद कर जाते हैं कि आप आजीवन उन्हें भूल नहीं पाते। अगर भगवान ने आपको कुछ अधिक दिया है तो सदैव दूसरों कि मदद करें और एक अच्छे मित्र का उदाहरण आप भी बनें।

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Friendship Essay in Hindi – दोस्ती प्यार और स्वीकृति पर संबंधों का खजाना है। यह उन लोगों के बीच विकसित एक बंधन है जो घर जैसा महसूस करते हैं। जो दोस्ती का बंधन विकसित होता है, वह एक दिन, एक महीने या सालों तक चल सकता है। समान भावनाओं या भावनाओं के आधार पर मित्रता विकसित करना आवश्यक नहीं है; दोस्ती की कोई उम्र, लिंग या संस्कृति नहीं होती है।

आप साहसिक प्रकार के हो सकते हैं, लेकिन आपका सबसे अच्छा दोस्त एक बेवकूफ हो सकता है। किस्से शेयर करने से लेकर चॉकलेट चुराने तक दोस्ती दिल में खास रखती है। हालांकि, एक समर्पित और भरोसेमंद दोस्त के बिना जीवन कभी-कभी अकेला होता है। दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो समय के साथ और मजबूत होता जाता है। इस प्रकार, मित्रता पर निबंध प्रासंगिक विषय हैं

असाइनमेंट उद्देश्यों के लिए निबंध लिखने वाले छात्रों की सहायता के लिए, संदर्भ के लिए यहां एक लंबा और छोटा निबंध है। इसके अतिरिक्त, हमने बेहतर समझ के लिए लेख के माध्यम से आपका मार्गदर्शन करने के लिए दस-लाइन पॉइंटर्स को मानचित्र के रूप में नोट किया है और बेहतर समझ वाले निबंधों को तैयार करने में आपकी सहायता करते हैं।

मैत्री पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Friendship Essay 10 Lines in Hindi)

  • 1) मित्रता उन व्यक्तियों के बीच पारस्परिक बंधन है जो समान मानसिकता या विचार साझा कर सकते हैं।
  • 2) एक अच्छा दोस्त वह होता है जिसके साथ आप अपने विचार साझा कर सकते हैं जो आप दूसरों के साथ साझा नहीं कर सकते।
  • 3) समय बीतने के साथ दोस्ती गहरी होती जाती है और एक मजबूत रिश्ते में बदल जाती है।
  • 4) सच्ची मित्रता में प्रत्येक व्यक्ति दूसरों में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करता है और हमेशा नेक मार्ग दिखाता है।
  • 5) त्याग की भावना सच्ची मित्रता की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है।
  • 6) एक सच्चा मित्र अपने मित्रों की भलाई के लिए बलिदान के लिए हमेशा तैयार रहता है।
  • 7) मित्रता दोस्तों को उनके बुरे समय में देखभाल और सहायता प्रदान करने में भी मदद करती है।
  • 8) सच्ची दोस्ती में हमेशा सम्मान और जिम्मेदारी की भावना होती है।
  • 9) ‘ज़रूरतमंद दोस्त ही दोस्त होता है’ सच्ची दोस्ती का सार दर्शाता है।
  • 10) भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता मित्रता के निस्वार्थ बंधन की एक मिसाल है।

मैत्री पर निबंध 20 लाइन्स (Friendship Essay 20 Lines in Hindi)

  • 1) दोस्ती दो या दो से अधिक लोगों के बीच आपसी स्नेह, देखभाल और चिंता का रिश्ता है।
  • 2) एक सामाजिक प्राणी के रूप में मनुष्य के लिए मित्रता आवश्यक है।
  • 3) एक अच्छी दोस्ती नैतिक मूल्यों को स्थापित करती है और साझा करने और देखभाल करने की भावनाओं का संचार करती है।
  • 4) दोस्ती यह सुनिश्चित करती है कि आपकी तरफ से कोई न कोई हमेशा जरूरत और निराशा में रहे।
  • 5) दोस्ती आपको अपने परिवार के अलावा, दूसरों के साथ बातचीत करने और मेलजोल करने का मौका देती है।
  • 6) मित्रता दुख में सुखी रहने का और सुखी अनुभव करते हुए प्रसन्न रहने का साधन है।
  • 7) दोस्ती एक अद्भुत रिश्ता है जो आपके दुखों को कम करता है और आपकी खुशियों को कई गुना बढ़ा देता है।
  • 8) मित्रता केवल मनुष्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह मानव-पशु और पशु-पशु के बीच भी स्थापित हो सकती है।
  • 9) दोस्ती किसी को अपना कंधा उधार देने के लिए रोने और दर्द के माध्यम से उसका हाथ पकड़ने के समान है।
  • 10) अगर आप किसी की कंपनी में सहज हैं और हमेशा उसके साथ रहना चाहते हैं – यह दोस्ती है।
  • 11) दोस्ती दो या दो से अधिक लोगों के बीच एक सौहार्दपूर्ण और विश्वास आधारित रिश्ता है।
  • 12) पारस्परिक लाभ के लिए दो व्यक्तियों के बीच जो मित्रता होती है, वह उपयोगिता की मित्रता है।
  • 13) जिस मित्रता में दो या दो से अधिक लोग एक-दूसरे की संगति का आनंद लेते हैं, वह सुख की मित्रता है।
  • 14) मित्रता पारस्परिक रूप से मित्रों को भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
  • 15) सदियों पुराना, मानव-कुत्ते का रिश्ता मानव-पशु मित्रता का एक बेहतरीन उदाहरण है।
  • 16) दोस्ती भी उम्र की बाध्यता नहीं है और यहां तक ​​कि किशोरों और बुजुर्गों के बीच भी मौजूद है।
  • 17) दोस्ती प्यार, देखभाल और चिंता के रूप में एक आशीर्वाद है जो जीवन भर आपके साथ रहती है।
  • 18) दोस्ती आपके चेहरे पर सारे दरवाजे बंद होने पर भी मुस्कुराने की वजह देती है।
  • 19) पूरी तरह से प्यार पर आधारित दोस्ती दोस्ती का सबसे अच्छा रूप है।
  • 20) सच्ची मित्रता और मित्र दुर्लभ हैं, और हमें उन्हें किसी भी कीमत पर संरक्षित करना चाहिए।

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छात्रों के लिए दोस्ती पर निबंध लघु निबंध (Essay On Friendship Short Essay For Students in Hindi)

मित्रता मनुष्य को ईश्वर प्रदत्त वह विशेष उपहार है जिसके साथ कोई भी कई प्रतिध्वनित भावनाओं को साझा कर सकता है। एक अच्छा दोस्त सही मार्गदर्शन देता है और व्यक्तिगत मकसद से रहित सबसे ईमानदार व्यक्ति होता है और अविश्वसनीय बलिदान करता है

एक अच्छा दोस्त अच्छे और खराब मौसम की परवाह किए बिना पहरा देता है। किसी से दोस्ती करना हमेशा आसान और सीधा होता है; हालाँकि, एक अच्छा दोस्त बनने में जीवन भर लग जाता है। एक अच्छा दोस्त या दोस्ती होना जीवन का कोई अस्थायी दौर नहीं है।

दोस्ती एक संवेदनशील और नाजुक बंधन है जिसे चोट की भावना को रोकने के लिए सावधानी से निपटने की जरूरत है। यह युगों तक चल सकता है और एक अटूट बंधन बना सकता है जब तक कि कोई गलत साबित न हो जाए। हालांकि, अलग-अलग लोग दोस्त नहीं बनते। एक मजबूत दोस्ती बंधन तब विकसित होता है जब दोस्त एक पारस्परिक मूल्य प्रणाली, विचार और स्वाद साझा करते हैं। भावनाओं के समान संतुलन वाली दोस्ती टूट जाएगी।

एक अच्छी दोस्ती के लिए संचार की आवश्यकता होती है। अच्छे दोस्त हर समस्या, कठिनाई को साझा करते हैं और मतभेदों को सुलझाते हैं। वे चरित्र को ढालने में मदद कर सकते हैं, और किसी से मित्रता करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है। इसलिए दोस्ती भगवान की ओर से एक खास तोहफा है।

दोस्ती निबंध 100 शब्द (Friendship Essay 100 words in Hindi)

जरुरतमंद दोस्त ही वास्तव में दोस्त होता है, यही एक सच्चे दोस्त की परिभाषा है जो आपकी मुश्किलों, सफलता और असफलता के दौरान आपको कभी नहीं छोड़ेगा। हम अपने दोस्त चुन सकते हैं। असली दोस्त हमेशा एक दूसरे को शेयर और सपोर्ट करते हैं। जब हम खुश होते हैं तो वे खुशी महसूस करते हैं, और हमारे दुख के दौरान वे हमारे साथ दुख भी साझा करते हैं। सच्ची मित्रता सभी चीजों को साझा करने, गलतियाँ करने, मूर्खतापूर्ण बातों के लिए लड़ने, लेकिन एक दूसरे का समर्थन करने के लिए फिर से गले लगाने के बारे में है। सुखी जीवन के लिए दोस्ती एक जरूरी चीज है। जब भी आप चिंता में होते हैं, तो किसी मित्र के साथ चैट करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं। यही दोस्ती की ताकत है।

दोस्ती निबंध 150 शब्द (Friendship Essay 150 words in Hindi)

दोस्ती एक ईश्वरीय रिश्ता है। हमारे खून में समानता तो नहीं है, लेकिन फिर भी वो शख्स हमारी परवाह करता है। सभी मतभेदों के बावजूद, एक दोस्त आपको चुनता है, आपको समझता है और आपका समर्थन करता है। जब भी आप आत्म-संदेह में हों या आत्मविश्वास की कमी हो, तो किसी मित्र से बात करें, और आपकी चिंता निश्चित रूप से दूर हो जाएगी।

एक सच्चा दोस्त हमेशा आपकी खुशी चाहता है। एक अच्छे दोस्त के बिना जीवन केवल खाली होता है। दोस्ती को हमेशा के लिए बनाए रखने के लिए ईमानदारी महत्वपूर्ण कारक है। एक-दूसरे की भावनाओं को समझने के लिए आपको एक-दूसरे के साथ पूरी तरह से ईमानदार रहना होगा। दोस्ती के लंबे समय तक चलने के लिए धैर्य और स्वीकृति भी अन्य कारक हैं। मतभेदों को समझना और उन्हें स्वीकार करना दोस्ती में एक परिपक्वता कारक है। दोस्ती आपको मीठी यादों से भर देगी जिसे आप जीवन भर संजो कर रख सकते हैं। असीम प्यार और देखभाल ही दो दोस्तों के बीच के रिश्ते को मजबूत बनाती है।

दोस्ती निबंध 200 शब्द (Friendship Essay 200 words in Hindi)

सबसे पवित्र रिश्तों में से एक दोस्ती का रिश्ता है। मित्र के बिना व्यक्ति कठिन जीवन जीता है। हमारे अनुभव से निपटने के लिए हर किसी को एक साथी की जरूरत होती है। यह आप पर निर्भर है कि आप दोस्ती को कैसे परिभाषित करते हैं। यह आपके भोजन को साझा करना, उस व्यक्ति की देखभाल करना, उनके मोटे और पतले में उनका समर्थन करना हो सकता है। आप इसके बारे में जोर से नहीं हो सकते हैं, लेकिन अगर आप चुपचाप किसी व्यक्ति की परवाह करते हैं, तो यही दोस्ती है। दोस्ती छोटी-छोटी बातों पर एक साथ हंसने, आपके द्वारा साझा किए गए हर पल को संजोने, एक-दूसरे के लिए एक साथ खड़े होने के बारे में है, तब भी जब दुनिया उनकी ओर पीठ कर लेती है।

दोस्ती कभी-कभी प्यार के रिश्ते से ज्यादा टिकाऊ होती है। भले ही दोस्ती की परिभाषा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो, लेकिन इसके पीछे का मूल अर्थ सभी के लिए समान है। दोस्त के बिना जिंदगी अधूरी है। इसलिए जब आपको एक सच्चा दोस्त मिले, तो सुनिश्चित करें कि आप उसे पूरे दिल से संजोते हैं। एक सच्चा दोस्त वाला व्यक्ति, जिसके साथ सब कुछ साझा किया जा सकता है, वह दुनिया में सबसे भाग्यशाली है। एक दोस्त आपको कभी जज नहीं करेगा, और अगर आप गलत हैं तो वे आपको डांटना बंद नहीं करेंगे। लेकिन जो भी स्थिति हो, वे हमेशा आपका समर्थन करने के लिए मौजूद रहेंगे।

दोस्ती निबंध 250 शब्द (Friendship Essay 250 words in Hindi)

दोस्ती दो लोगों के बीच का सबसे गहरा रिश्ता है। अगर आप दोस्ती में हैं, तो आप भाग्यशाली हैं। आपका दोस्त आपके जैसा हो भी सकता है और नहीं भी। उसे पढ़ाई पसंद हो सकती है, जबकि आपको खेल पसंद हो सकते हैं। फिर भी, आप भोजन मित्र हैं। दोस्ती जीवन भर हमारे साथ रहती है। हम स्कूल में एक दोस्त बनाते हैं। जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं हम कॉलेज में दोस्त बनाते हैं।

फिर से हम ऑफिस में दोस्त बनाते हैं। दोस्ती एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। जीवन में दोस्ती कभी खत्म नहीं होती, चलती रहती है। आपके कई दोस्त हो सकते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही सबसे करीबी होते हैं। आपके सबसे करीबी दोस्त दोस्ती का सही मतलब समझाते हैं। जब आप उदास और अकेले होते हैं तो दोस्ती की जरूरत होती है। इन स्थितियों में आपके दोस्त आपके पास आते हैं। वे आपको आराम देते हैं, आपका मार्गदर्शन करते हैं और आपको खुश करने की कोशिश करते हैं।

एक सच्चा दोस्त आपको कभी अकेला और भ्रमित नहीं छोड़ेगा। सच्ची मित्रता सभी प्रकार के विभाजनों से मुक्त होती है। यह अमीर और गरीब के बीच हो सकता है; युवा एवं वृद्ध; छोटे और बड़े, आदि। दो बिल्कुल विपरीत लोग वास्तव में अच्छे दोस्त हो सकते हैं। इंसान और जानवर भी अच्छे दोस्त हैं।

आपने मुहावरा तो सुना ही होगा – “कुत्ता आदमी का सबसे अच्छा दोस्त होता है।” कुत्ता आदमी की परवाह करता है और आदमी भी कुत्ते की देखभाल करता है। वे दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं और परवाह करते हैं, बिना रूप के बारे में सोचे। यही सच्ची दोस्ती है। सच्ची दोस्ती इस बात की परवाह नहीं करती कि आप कैसे दिखते हैं। यह सिर्फ इस बात की परवाह करता है कि आप कौन हैं। एक सच्चा दोस्त आपको वैसे ही प्यार करता है जैसे आप हैं।

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दोस्ती निबंध 300 शब्द (Friendship Essay 300 words in Hindi)

मित्रता जीवन के मूल्यवान दान के रूप में सबसे महत्वपूर्ण है। दोस्ती सबसे सम्मानित रिश्तों में से एक है। जिन लोगों के पुराने दोस्त होते हैं, वे अपने जीवन में सबसे ज्यादा सराहना करते हैं। सच्ची दोस्ती वफादारी और समर्थन पर निर्भर करती है। एक पुराना दोस्त वह व्यक्ति होता है जो चुनौतियों के नियंत्रण से बाहर होने पर आपके साथ रहेगा। एक दोस्त कोई अनोखा होता है जिस पर आप हर पल तारीफ करने के लिए निर्भर हो सकते हैं। दोस्ती एक वास्तविक संपत्ति की तरह होती है, और यह हमें प्रगति की ओर ले जा सकती है। सब कुछ हमारे निर्णय पर निर्भर करता है कि हम अपने दोस्तों को कैसे चुनते हैं। अपने जीवन में एक वास्तविक मित्र का चयन करना एक कार्य हो सकता है। यदि आप एक बुरा साथी चुनते हैं, तो वे आपको गुमराह कर सकते हैं, लेकिन सच्चे दोस्त हमेशा आपका सही मार्गदर्शन करेंगे।

मित्रता का स्वरूप हमारी संतुष्टि के लिए आवश्यक है। सच्ची मित्रता के लाभ दीर्घायु होते हैं। इसी तरह एक विश्वसनीय मित्र मंडली होने से भी हमारी निडरता में सुधार होता है। सच्ची मित्रता को स्थिति या विश्वास के बयान जैसी सीमित सीमाओं के भीतर काम नहीं किया जा सकता है। यह हमें एक झुकाव देता है कि किसी को हमारी जरूरत है, और हम अकेले नहीं हैं। यह सच है कि इंसान अकेला नहीं रह सकता।

आम तौर पर, हम उन लोगों के साथ एक साथी बनाते हैं जो हमारे समान उम्र के होते हैं। वही उम्र का जमावड़ा आपको कुछ भी साझा करने की अनुमति दे सकता है। दोस्ती एक ऐसा कनेक्शन है जो हमें जीवन के हर चरण में बना या बिगाड़ सकता है। हालाँकि, दोस्ती एक अनमोल फायदा है। वैसे ही दोस्ती की देखभाल करना इतना आसान नहीं है। यह आपके समय का अनुरोध करता है जैसे कि प्रयास। अंतिम लेकिन कम से कम, यह एक मायावी और वास्तविक मित्रता है; हालाँकि, एक बार जब आप इस रिश्ते में जीत जाते हैं, तो आप कुछ शानदार यादें बना लेंगे। उसके बदले में, एक साथी को आपके महत्वपूर्ण समय और विश्वास की आवश्यकता होगी।

दोस्ती निबंध 500 शब्द (Friendship Essay 500 words in Hindi)

दोस्ती सबसे महान बंधनों में से एक है जिसकी कोई भी कामना कर सकता है। भाग्यशाली वे होते हैं जिनके पास ऐसे दोस्त होते हैं जिन पर वे भरोसा कर सकते हैं। दोस्ती दो व्यक्तियों के बीच एक समर्पित रिश्ता है। वे दोनों एक दूसरे के लिए अत्यधिक देखभाल और प्यार महसूस करते हैं। आमतौर पर, एक दोस्ती दो लोगों द्वारा साझा की जाती है जिनके समान हित और भावनाएँ होती हैं।

आप जीवन के रास्ते में बहुत से मिलते हैं लेकिन कुछ ही हमेशा आपके साथ रहते हैं। वही आपके असली दोस्त होते हैं जो हर समय आपके साथ रहते हैं। दोस्ती सबसे खूबसूरत तोहफा है जिसे आप किसी को भी दे सकते हैं। यह वह है जो हमेशा के लिए एक व्यक्ति के साथ रहता है।

सच्ची दोस्ती

एक व्यक्ति अपने जीवन में कई व्यक्तियों से परिचित होता है। हालाँकि, सबसे करीबी हमारे दोस्त बन जाते हैं। स्कूल या कॉलेज में आपका एक बड़ा मित्र मंडली हो सकता है, लेकिन आप जानते हैं कि आप केवल एक या दो लोगों पर ही भरोसा कर सकते हैं जिनके साथ आप सच्ची मित्रता साझा करते हैं।

मूल रूप से दो प्रकार के मित्र होते हैं, एक अच्छा मित्र होता है और दूसरा सच्चा मित्र या सबसे अच्छा मित्र होता है। वे वही हैं जिनके साथ हमारा प्यार और स्नेह का विशेष बंधन है। दूसरे शब्दों में, एक सच्चा दोस्त होने से हमारा जीवन आसान और खुशियों से भरा होता है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सच्ची दोस्ती किसी भी निर्णय से मुक्त रिश्ते के लिए है। एक सच्ची दोस्ती में, एक व्यक्ति न्याय किए जाने के डर के बिना पूरी तरह से खुद हो सकता है। यह आपको प्यार और स्वीकृत महसूस कराता है। इस प्रकार की स्वतंत्रता वह है जो प्रत्येक मनुष्य अपने जीवन में प्राप्त करने का प्रयास करता है।

संक्षेप में, सच्ची मित्रता ही हमें जीवन में मजबूत बने रहने का कारण देती है। एक प्यारा परिवार होना और सब कुछ ठीक है लेकिन पूरी तरह से खुश रहने के लिए आपको सच्ची दोस्ती भी चाहिए। कुछ लोगों के तो परिवार भी नहीं होते लेकिन उनके ऐसे दोस्त होते हैं जो उनके परिवार की तरह ही होते हैं। इस प्रकार, हम देखते हैं कि सच्चे मित्र सभी के लिए बहुत मायने रखते हैं।

दोस्ती का महत्व

जीवन में दोस्ती महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें जीवन के बारे में बहुत कुछ सिखाती है। दोस्ती से हम बहुत कुछ सीखते हैं जो हमें कहीं और नहीं मिलेगा। आप अपने परिवार के अलावा किसी और से प्यार करना सीखते हैं। आप जानते हैं कि दोस्तों के सामने खुद कैसे रहना है।

दोस्ती हमें बुरे वक्त में कभी नहीं छोड़ती। आप लोगों को समझना और दूसरों पर भरोसा करना सीखते हैं। आपके सच्चे दोस्त हमेशा आपको प्रेरित करेंगे और आपका उत्साहवर्धन करेंगे। वे आपको सही रास्ते पर ले जाएंगे और आपको किसी भी बुराई से बचाएंगे।

इसी तरह दोस्ती भी आपको वफादारी के बारे में बहुत कुछ सिखाती है। यह हमें वफादार बनने और बदले में वफादारी पाने में मदद करता है। दुनिया में आपके प्रति वफादार दोस्त होने से बड़ी कोई भावना नहीं है।

इसके अलावा, दोस्ती हमें मजबूत बनाती है। यह हमारा परीक्षण करता है और हमें बढ़ने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, हम देखते हैं कि हम अपने दोस्तों के साथ कैसे लड़ते हैं, फिर भी अपने मतभेदों को दूर करके एक साथ वापस आ जाते हैं। यही हमें मजबूत बनाता है और हमें धैर्य सिखाता है।

इसलिए इसमें कोई शक नहीं है कि सबसे अच्छे दोस्त हमारी मुश्किलों और जीवन के बुरे समय में हमारी मदद करते हैं। वे हमेशा हमें हमारे खतरों से बचाने की कोशिश करते हैं और साथ ही समय पर सलाह भी देते हैं। सच्चे दोस्त हमारे जीवन की सबसे अच्छी संपत्ति की तरह होते हैं क्योंकि वे हमारे दुखों को साझा करते हैं, हमारे दर्द को शांत करते हैं और हमें खुश करते हैं।

दोस्ती पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

फ्रेंडशिप डे कब मनाया जाता है.

हर साल 30 जुलाई को हम अपने जीवन में सच्चे दोस्तों की सराहना करने के लिए दोस्ती दिवस मनाते हैं। हम उनकी सराहना करते हैं, खासकर उस दिन, उन्हें यह बताने के लिए कि वे हमारे जीवन में कितना मायने रखते हैं।

आप किसे अच्छा दोस्त कह सकते हैं?

एक व्यक्ति जो आपके मोटे और पतले में आपके साथ रहता है, आपके साथ धैर्य रखता है, आपको समझता है और आपका समर्थन करता है, यही एक अच्छे दोस्त की परिभाषा हो सकती है।

सच्ची मित्रता का अर्थ समझाइए।

हर इंसान के लिए सच्ची दोस्ती के मायने अलग-अलग होते हैं। लेकिन आम तौर पर, प्यार, सम्मान, सच्चाई, स्नेह का संयोजन ऐसे कारक हैं जो वास्तविक सद्भाव या सच्चे मित्र में होने चाहिए।

आप अपने सबसे अच्छे दोस्त के लिए एक विशेष भावना क्यों रखते हैं?

एक व्यक्ति जो पहले से ही आपके बुरे समय को अच्छे के साथ देख चुका है, हर पल आपका समर्थन करता है, जब आप खो जाते हैं तो आपका मार्गदर्शन करते हैं, और जब हर कोई अपनी पीठ फेरता है, तो वह आपके साथ खड़ा होता है, जिसे आप सबसे अच्छा दोस्त कहते हैं, जो उन्हें आपके जीवन में बहुत खास बनाता है।

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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध: My Best Friend Essay in Hindi

दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो दो या दो से अधिक लोगों के बीच बिना किसी स्वार्थ के बनता है। यह एक ऐसा रिश्ता है जिसमें विश्वास, प्यार, सम्मान और सहयोग होता है। दोस्त एक दूसरे की मदद करते हैं, एक दूसरे का ख्याल रखते हैं और एक दूसरे को खुशी देते हैं। दोस्ती कई ... Read more

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Reported by Saloni Uniyal

Published on 1 March 2024

दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो दो या दो से अधिक लोगों के बीच बिना किसी स्वार्थ के बनता है। यह एक ऐसा रिश्ता है जिसमें विश्वास, प्यार, सम्मान और सहयोग होता है। दोस्त एक दूसरे की मदद करते हैं, एक दूसरे का ख्याल रखते हैं और एक दूसरे को खुशी देते हैं।

दोस्ती कई रूपों में हो सकती है। यह बचपन से दोस्ती हो सकती है, स्कूल या कॉलेज से दोस्ती हो सकती है, या काम से दोस्ती हो सकती है। दोस्ती के लिए कोई उम्र, जाति, धर्म या लिंग नहीं होता है।

दोस्ती के कई फायदे हैं। दोस्त हमें जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में मदद करते हैं। वे हमें खुशी और समर्थन प्रदान करते हैं। वे हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। तो चलिए आज हम आपको (My Best Friend Essay in Hindi) मेरा प्रिय मित्र पर निबंध लिखकर बताएंगे जो कि आपके जीवन में कभी भी काम आ सकता है।

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध (My Best Friend Essay in Hindi)

मेरे प्रिय मित्र पर 100 शब्दों में निबंध

दोस्ती जीवन का एक अनमोल रत्न है। जब दो लोग गहरे स्तर पर जुड़ते हैं, तो वे मित्र बन जाते हैं और एक दूसरे के जीवन में स्थिर हो जाते हैं। अनिल, मेरा प्रिय मित्र, मेरे जीवन में इसी तरह का एक अनमोल रत्न है।

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हमारी दोस्ती लगभग 5 साल पहले शुरू हुई थी। जब हम पहली बार मिले, तो हमें लगा जैसे हम एक दूसरे को हमेशा से जानते हैं। हमारे विचार, पसंद और स्वभाव लगभग एक जैसे थे। यह सच्ची व गहरी दोस्ती के लिए महत्वपूर्ण है। अनिल सिर्फ एक दोस्त नहीं, मेरे लिए एक सहारा भी है। वह मेरी समस्याओं को सुनता है और समझता है। वह उन्हें सुलझाने में मेरी सहायता करता है और मुझे हर वक्त खुश और तनाव मुक्त महसूस कराता है।

उसके आसपास मैं कम अकेलापन महसूस करता हूं। वह मुझे सहज महसूस कराता है और उसके साथ बिताया हर लम्हा आनंददायक होता है। जब मैं उसके आसपास होता हूं, तो हमेशा हँसता रहता हूँ। वह सबसे मजेदार व्यक्तियों में से एक है जिन्हें मैं जानता हूं। मुझे यह एहसास है कि मैं किसी भी चीज के लिए हमेशा अनिल पर भरोसा कर सकता हूं। हमने साथ में काफी बेहतरीन पल बिताए हैं, और मैं जानता हूं कि यह दोस्ती आने वाले कई सालों तक चलेगी। अनिल ने मेरे जीवन को कई मायनों में बेहतर बनाया है। वह मेरे लिए एक सच्चा दोस्त, एक सहारा और एक मार्गदर्शक है। मैं उसके लिए हमेशा आभारी रहूंगा।

यह भी पढ़ें- निबंध : होली पर 10 पंक्तियाँ – 10 Lines Essay on Holi in Hindi

मेरे प्रिय मित्र पर 200 शब्दों में निबंध

सच्ची दोस्ती एक अद्भुत रिश्ता है जो जीवन को अर्थ और खुशी प्रदान करता है। यह एक ऐसा रिश्ता है जो बिना शर्त प्यार, विश्वास और समर्थन पर आधारित होता है। मेरे जीवन में भी एक ऐसा ही अनमोल मित्र है, जो मेरे लिए एक आशीर्वाद से कम नहीं है।

मेरा प्रिय मित्र, अनमोल, मेरे जीवन के सबसे बड़े खजानों में से एक है। जब मैं उसके साथ होता हूं, तो समय जैसे पंख लगाकर उड़ जाता है। हम एक दूसरे के साथ अपनी खुशी और दुःख, सपने और आकांक्षाएं, और जीवन के हर पहलू को साझा करते हैं।

अनमोल मेरे लिए सिर्फ एक दोस्त नहीं, बल्कि एक सहारा भी है। जब भी मुझे सहायता या प्रोत्साहन की आवश्यकता होती है, वह हमेशा मेरे लिए मौजूद होता है। हमने एक साथ अनेक यादें बनाई हैं, जो हमेशा मेरे दिल में रहेंगी।

मेरे लिए अनमोल सबसे खास है क्योंकि:

  • वह हमेशा मेरे लिए मौजूद रहता है:  चाहे कोई भी परिस्थिति हो, अनमोल हमेशा मेरे लिए खड़ा रहता है।
  • वह एक अच्छा श्रोता है:  मैं बिना किसी हिचकिचाहट के अनमोल को अपनी हर बात बता सकता हूं।
  • वह मुझे प्रेरित करता है:  जब मैं हार मानने लगता हूं, तो अनमोल मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
  • वह मेरे साथ हंसता है और रोता है:  अनमोल मेरे हर सुख-दुःख में मेरे साथ शामिल होता है।

मेरा प्रिय मित्र निबंध (My Best Friend Essay in Hindi)

मेरे जीवन में अनमोल का होना एक सौभाग्य की बात है। मैं उससे मिली हर पल को संजो कर रखता हूं। हमेशा एक दूसरे के साथ रहने का वादा करते हुए, हम अपनी दोस्ती को जीवन भर निभाने का प्रयास करेंगे।

इसके अलावा, मैं कुछ अन्य बातें भी जोड़ना चाहूंगा:

  • हम एक साथ नई चीजें करते हैं:  हम हमेशा रोमांचक चीजों की तलाश में रहते हैं, चाहे वह कोई नया व्यंजन हो या कोई नई किताब।
  • हम एक दूसरे को बेहतर बनाते हैं:  हम एक दूसरे को प्रेरित करते हैं और अपनी कमियों को दूर करने में मदद करते हैं।
  • हम एक दूसरे के लिए हमेशा मौजूद रहेंगे:  हम जानते हैं कि हम हमेशा एक दूसरे पर भरोसा कर सकते हैं, चाहे कुछ भी हो जाए।

मेरे प्रिय मित्र पर 500 शब्दों में निबंध (500 Words Essay on My Best Friend Nibandh)

प्रस्तावना.

जीवन में अनेक मित्र मिलते हैं, कुछ क्षणिक होते हैं, कुछ जीवन भर साथ निभाते हैं। मेरे जीवन में भी अनेक मित्र हैं, पर एक मित्र ऐसा है जो मेरे लिए किसी अनमोल रत्न से कम नहीं। हम पिछले 10 वर्षों से दोस्त हैं, और इस दौरान हमने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं, पर हर परिस्थिति में मेरे दोस्त ने मेरा साथ दिया है।

वह मेरे लिए सिर्फ एक दोस्त नहीं, बल्कि एक भाई, एक सहारा, और एक सच्चा मार्गदर्शक है। जब भी मुझे उसकी आवश्यकता होती है, वह हमेशा मेरे लिए उपलब्ध होता है। वह मेरी बात सुनता है, मेरी भावनाओं को समझता है, और मुझे हर संभव सहायता प्रदान करता है। वह एक अत्यंत मजेदार और मनोरंजक व्यक्ति है। उसके साथ समय बिताना हमेशा मेरे लिए आनंददायक होता है। हमने साथ में अनेक यादें बनाई हैं, जो मेरे जीवन का अमूल्य हिस्सा हैं।

मेरा प्रिय मित्र

मेरे जीवन में भी एक ऐसा प्रिय मित्र है, जिसके साथ मैं कई वर्षों से दोस्ती कर रहा हूँ। उसका नाम [मित्र का नाम] है। हम दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते हैं और एक ही मोहल्ले में रहते हैं। हमारी दोस्ती बचपन से ही शुरू हुई थी और आज भी यह दोस्ती उतनी ही मजबूत है।

मेरा दोस्त मेरे लिए ईमानदारी का प्रतीक है। वह हमेशा मुझसे सच बोलता है, चाहे वह कितना भी कड़वा क्यों न हो। वह मुझे मेरे गलतियों से सीखने और बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करता है। मैं अपने मित्र के लिए बहुत आभारी हूँ। वह मेरे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है, और मैं उसे अपना दोस्त कहने पर गर्व महसूस करता हूँ।

हमारी दोस्ती कैसी है?

मेरे दोस्त का नाम अमन है। हम दोनों के कई विचार बहुत मिलते-जुलते हैं। हमें एक साथ खेलना, पढ़ना, और घूमना बहुत पसंद है। हम अपनी हर बात एक दूसरे से साझा करते हैं और एक दूसरे की मदद करते हैं। [मित्र का नाम] एक बहुत ही बुद्धिमान और समझदार लड़का है। वह हमेशा मुझे अच्छे रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

मित्रता के फायदे

मेरा मानना ​​है कि सच्चा मित्र जीवन का अनमोल रत्न होता है। मित्र हमें जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है। मित्र हमें खुशी और समर्थन प्रदान करता है। मित्रता हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

निष्कर्ष

मैं अपने प्रिय मित्र [मित्र का नाम] का बहुत आभारी हूँ। उसने मेरा जीवन बहुत खुशहाल बना दिया है। मैं उसकी दोस्ती को हमेशा संजोकर रखूंगा। जीवन में एक प्रिय मित्र का होना बहुत आवश्यक है।

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी:

  • मित्रता एक दोतरफा रिश्ता होता है।
  • एक अच्छे मित्र को हमेशा अपने दोस्त का सम्मान करना चाहिए।
  • एक अच्छे मित्र को हमेशा अपने दोस्त की मदद करनी चाहिए।
  • मित्रता जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

यह जानकारी आपको अपने मित्रों के साथ बेहतर संबंध बनाने में मदद कर सकती है।

My Best Friend Nibandh पर प्रश्न/उत्तर

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध लिखकर बताइए?

हमने इस लेख में मेरा प्रिय मित्र पर निबंध लिख दिया है आप देख सकते हैं और अपनी तैयारी कर सकते हैं।

प्रिय मित्र कर अर्थ समझाइए?

प्रिय मित्र एक ऐसा व्यक्ति होता है जो आपके जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसके साथ आप अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को साझा करते हैं। यह एक ऐसा व्यक्ति होता है जो आपके लिए हमेशा मौजूद रहता है, चाहे कुछ भी हो जाए।

प्रिय व्यक्ति किसे कहते हैं?

प्रिय एक ऐसा व्यक्ति होता है जो आपके एक दिल में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह एक ऐसा व्यक्ति होता है जिसके साथ आप अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को साझा करते हैं।

हमारे जीवन में परम मित्र क्या भूमिका निभाता है?

हमारे जीवन में परम मित्र कई मुख्य भूमिका निभाता है यह हमारे सुखी पलों के साथ -साथ दुखी पलों में भी साथ रहता है। स्कूल में खेल कूद के साथ मेरी पढ़ाई में भी मदद करता है।

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आदर्श मित्र की प्राप्ति

आदर्श मित्र सदा अपने मित्र के हित की कामना करता है। वह आपत्तिकाल में ढाल बनकर मित्र की रक्षा करता है। ऐसा मित्र हमारे सुख-दुख को अपने सुख दुख और हमारे हानि-लाभ को अपने हानि-लाभ समझता है। जब हम निराश हुए हों, तब वह हममें आशा का संचार करता है। हमारे आँसू पोंछकर वह हमें सदा कर्तव्यपथ की ओर प्रेरित करता है।

आदर्श मित्र बुद्धिमान, दृढ मनोबलवाला और नि:स्वार्थ होता है। वह हमें अपने दोष और त्रुटियाँ बताकर उनसे मुक्त होने की प्रेरणा देता है। अगर हम कुमार्ग पर जा रहे हों तब वह हमें सावधान करके गिरने से बचा लेता है। आदर्श मित्र कभी अपने स्वार्थ के लिए हमें हानि नहीं पहुँचाता । उससे किसी प्रकार का धोखा नहीं हो सकता। दौलत की चमक उसकी आँखों को कभी अंधा नहीं बना सकती।

आदर्श मित्र में सहिष्णुता और उदारता की भावना होती है । वह कभी मित्र को भूलों और दोषों से नाराज होकर उससे मुँड नहीं फेर लेता । वह मित्र की कमियों को बड़े स्नेह से दूर करता है । मित्र के लिए वह तन, मन, धन सभी कुछ न्यौछावर कर सकता है। ऐसा मित्र अपने मित्र की प्रगति को देखकर फूला नहीं समाता । वह ईर्ष्या की आग में जलनेवाला तुच्छ जीव नहीं होता। वह कभी मित्र के सामने झूठ का नाटक नहीं खेलता । मित्र की निंदा करना या सुनना उसके लिए असंभव है। ऐसे मित्र की मित्रता बादल में चमकनेवाली बिजली की रोशनी की तरह अस्थायी नहीं होती, वह तो आजीवन बनी रहती है।

श्रीकृष्ण और सुदामा की कथा किसे मालूम नहीं? कहाँ द्वारिका के राजा श्रीकृष्ण और कहाँ दीन-हीन सुदामा ! फिर भी नंगे पाँव दौड़कर श्रीकृष्ण ने सुदामा का बड़े हर्ष के साथ स्वागत किया था। कैसी आदर्श मित्रता ! राम और सुग्रीव की मित्रता भी प्रसिद्ध है। संस्कृत के ‘मुद्राराक्षस’ नाटक में सेठ चंदनदास और मंत्री राक्षस की बात आती है। उनकी मित्रता भी अनुपम थी। मित्र के लिए चंदनदास अपनी पत्नी, पुत्र, धन आदि को छोड़कर मरने के लिए तैयार हो जाता है।

सचमुच, आदर्श मित्र दुख की औषधि और सुख का दीपक है । जीवन को मधुर और सुखद बनाने में आदर्श मित्र का बड़ा योगदान होता है। सच तो यह है कि आदर्श मित्र जीवनगंगा की गंगोत्री है, वह परमेश्वर का अनमोल आशीर्वाद है।

Rakesh More

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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- My Best Friend Essay in Hindi

In this article, we are providing My Best Friend Essay in Hindi | Mera Priya Mitra Par Nibandh, मेरा प्रिय मित्र पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों हमने Mera Priya Mitra   Nibandh | Essay on My Best Friend in Hindi लिखा है मेरा प्रिय मित्र पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है। 5 simple Essay on My Best Friend in Hindi language.

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- My Best Friend Essay in Hindi 10 lines ( 100 words )

1. राहुल मेरा प्रिय मित्र है।

2. हम पहली कक्षा से साथ-साथ पढ़ते आए हैं। तभी से हमारी अच्छी मित्रता हो गई है।

3. राहुल बहुत अच्छा लड़का है। वह सभी से प्रेम और आदर से बात करता है।

4. हमारी भी आपस में कभी लड़ाई नहीं हुई।

5. राहुल पढ़ाई में चुस्त और अध्यापकों का भी प्रिय है। वह खेल-कूद में भी आगे रहता है।

6. राहुल सदा अपनी चीजें मुझसे बाँटता है और पढ़ाई में मेरी सहायता करता है।

7. राहुल के साथ रहकर मैंने भी खेल-कूद का महत्त्व समझ लिया है।

8. हम पाठशाला के बाद नियमित रूप से घुड़सवारी के लिए जाते हैं।

9. मेरे माता-पिता भी राहुल को बहुत पसंद करते हैं।

10. पिता जी कहते हैं कि अच्छी संगति से ही हम आगे बढ़ सकते हैं।

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- Mera Priya Mitra Nibandh | Essay ( 120 words )

मेरे कई मित्र हैं। पर मेरा प्रिय मित्र रोहन है। उसके प्यार का नाम टिंकू है।

रोहन मेरी ही उम्र का है। हम एक ही कक्षा में पढ़ते हैं। वह पढ़ाई लिखाई में बहुत होशियार है। गणित पढ़ने में वह मेरी मदद करता है। मैं उसे चित्रकारी सीखाता हूँ |

हम सदा साथ खेलते, पढ़ते और चित्रकारी करते हैं। हममें कभी लड़ाई भी हो जाती है| रोहन ही सदा सुलह करता है। वह बहुत नम्र है। बाद में मैं अपनी गलती की माफी माँगता हूँ|

रोहन बहुत अच्छा लड़का है। वह सदा बड़ों का आदर करता है। सभी उसे चाहते हैं।

मैं चाहता हूँ रोहन सदा मेरे साथ रहे। हम सदा अच्छे मित्र रहें।

Essay on My Family in Hindi Essay on My Father in Hindi

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- My Best Friend Essay in Hindi ( 200 words )

अच्छा मित्र एक दुर्लभ वस्तु है। आज के युग में जहाँ स्वार्थ ही सब कुछ है, अच्छा मित्र पाना एक वरदान जैसा ही है। इस मामले में मैं बड़ा भाग्यशाली हूँ। मेरे तीन-चार मित्र हैं, परन्तु मेरा प्रिय मित्र विकास है। वह मूल रूप से कानपूर का रहने वाला है। पर अब वह पिछले कई वर्षों से दिल्ली में ही रह रहा है। उसके पिता एक ऊँचे पद पर सरकारी कर्मचारी हैं। माँ एक कुशल गृहणी हैं।

विकास और मैं एक ही कक्षा में पढ़ते हैं और कक्षा में पास-पास ही डेस्कों पर बैठते हैं। वह रोहिणी में रहता है और मैं पीतमपुरा में। अतः एक-दूसरे से ज्यादा दूर नहीं रहते। इसीलिए एक-दूसरे के घर आना-जाना तो लगा ही रहता है। उसके माता-पिता मुझे विकास जैसा ही प्यार करते हैं। मेरे माता-पिता का भी विकास पर अपार स्नेह है।

विकास एक होनहार छात्र है। कक्षा में हमेशा प्रथम आता है। उसकी स्मरण-शक्ति असाधारण है। लेकिन उसे तनिक भी घमण्ड नहीं है। पढ़ने-लिखने में वह मेरी सहायता करता है। उसको और मुझे दोनों को बागवानी का शौक़ है। हम दोनों इस विषय पर जब-तब बातचीत करते हैं और पेड़-पौधों की प्रदर्शनियाँ भी देखने जाते हैं। मेरे घर के पीछे एक अपना छोटा-सा उद्यान है। उसे सजाने-संवारने में हम दोनों मित्र अपना खाली समय लगाते हैं।

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- My Best Friend | Mera Priya Mitra Essay in Hindi ( 300 words )

मेरा नाम रोनित है। मैं कक्षा 8 का छात्र हूँ। यूँ तो मेरी कक्षा में बहुत से विद्यार्थी पढ़ते हैं। लेकिन इन सबमें मैं अमन को बहुत पसन्द करता हूँ। वह मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। वह एक होशियार तथा मेहनती छात्र है।

अमन छरहरे शरीर का सुन्दर लड़का है। वह अच्छे परिवार से सम्बन्ध रखता है। उसके पिता सरकारी डॉक्टर है। उसकी माता एक कॉलेज में अध्यापिका हैं। वह भी मुझसे अत्यन्त प्रेम करता है।

वह सदैव साफ स्कूल की पोशाक पहनकर विद्यालय आता है। वह विद्यालय नियमित आता है। वह पढ़ने में होशियार है। उसका सपना बड़े होकर इंजीनियर बनने का है। वह सदैव अपना गृहकार्य पूरा रखता है। वह मेरा गृहकार्य करने में भी मेरी सहायता करता है। जब मुझे कोई परेशानी होती है, तो वह सदैव मेरी सहायता करता है। एक सच्चे मित्र के सभी गुण उसमें मौजूद हैं।

वह विद्यालय में भी अनुशासन के साथ रहता है। वह अपने अध्यापकों की आज्ञा पालन करता है। वह उन्हें कभी किसी शिकायत का अवसर नहीं देता है। उसके सभी अध्यापक भी उसकी प्रशंसा करते हैं।

वह गरीब बच्चों की भी आर्थिक मदद करता है। वह एक धनी डॉक्टर का पुत्र है, किन्तु उसे अपने धनी होने का तनिक भी घमण्ड नहीं है। वह अपनी कक्षा के गरीब बच्चों की फीस, ड्रेस तथा किताबों का व्यवस्था भी अपने पिताजी से कहकर करवाता है।

वह अच्छे विचारों तथा उत्तम स्वभाव का लड़का है। वह अपना समय कभी बर्बाद नहीं करता है। वह विद्यालय के विभिन्न खेलों में भी भाग लेता है। वह विद्यालय की हॉकी टीम का सदस्य है। उसे महापुरुषों की जीवनियाँ पढ़ने तथा उनसे प्रेरणा प्राप्त करने का भी शौक है। वह रोज समाचार पत्र पढ़ता है। वह मुझे भी अधिक पढ़ने तथा समय बर्बाद न करने की प्रेरणा देता है। खाली समय में वह मेरे साथ खेलता है। वास्तव में अमन सच्चा मित्र है तथा ईश्वर की ओर से दिया गया एक वरदान है।

My Birthday Essay in Hindi Diwali Essay in Hindi

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध- Long Essay on My Best Friend in Hindi ( 500 words )

मनुष्य को उसके जीवन में आने वाली विघ्न-बाधाएँ हमेशा परेशान करती रहती हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए उसे परस्पर सहयोग की आवश्यकता होती है। यह केवल मित्रता के द्वारा ही सम्भव है। इसलिए प्रत्येक मनुष्य का कोई-न-कोई सच्चा मित्र होता है।

सच्चे मित्र की पहचान

जीवन में मित्र तो बहुत मिल जाते हैं किन्तु सच्चे मित्र का मिलना बहुत ही कठिन है। वास्तव में सच्चे मित्र की पहचान करना तो बहुत ही कठिन कार्य है। सच्चा मित्र तो वह होता है जो विपत्ति में साथ देता है। सच्चे मित्र के सम्मुख हम अपने मन की सभी बातें खोलकर रख सकते हैं। वह अपने मित्र को कुमार्ग से बचाकर सत्य मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। मित्र के अवगुणों पर पर्दा डालकर उन्हें दूर करने की कोशिश करता है और उसकी अच्छाइयों की प्रशंसा करता है।

मेरा प्रिय मित्र

सचिन ही मेरे सुख-दुःख का साथी है। वह मेरा प्रिय मित्र है। उसमें वे सभी गुण विद्यमान हैं जो एक सच्चे मित्र में होने चाहिएँ। वह मेरा पड़ोसी भी है और मेरे साथ ही कक्षा में पढ़ता है। उसकी आयु लगभग 16 वर्ष की है। वह नियमितता का पालन करने वाला है और मुझे भी नियमितता के लिए बाध्य करता है। वह अध्ययन के समय अध्ययन करता है और खेलने के समय खेलता है। वह अपने समय को व्यर्थ नष्ट नहीं करता है। अतः वह प्रत्येक कार्य समय पर करना पसन्द करता है। हमारा अधिकांश समय एक साथ ही व्यतीत होता है। पढ़ाई के विषय में हम दोनों के मध्य स्वस्थ स्पर्धा रहती है। हम दोनों परीक्षा में प्रायः एक-दो अंकों से आगे-पीछे रहते हैं। मेरे मित्र के अन्य गुण-मेरा मित्र सचिन गुणों की खान है। वह

अनुशासन-प्रिय बालक है। वह सदैव प्रातः काल सैर करने जाता है। वह सदैव अपने स्वास्थ्य और स्वच्छता का ध्यान रखता है। वह समय पर पाठशाला जाता है तथा वहाँ मन लगाकर पढ़ता है। वह अपने अध्यापकों की बातों को ध्यान से सुनकर उस पर अमल करता है। इसलिए वह सदैव अपनी कक्षा में सर्वप्रथम रहता है। उसकी खेलों में भी रुचि है। वह प्रथम श्रेणी का खिलाड़ी है। इतना ‘ ही नहीं वह समाज सेवा में भी खूब भाग लेता है अर्थात् वह दीन-दुःखी व्यक्ति की समय पड़ने पर सहायता करता रहता है। उसके मधुर व्यवहार से पड़ोसी भी खुश रहते हैं। उसके अधरों पर सदैव मुस्कान बनी रहती है।

आज इस स्वार्थपरता के युग में गौतम जैसा सच्चा मित्र मिलना सौभाग्य की बात है। वह हमेशा मुझे उन्नति के शिखर पर देखना चाहता है। वह सदैव मुझ पर तन, मन, धन न्यौछावर करने के लिए तत्पर रहता है। उसका मेरे प्रति अटूट प्रेम है। वह छल, कपट तथा स्वार्थ से सदैव दूर रहता है, इसीलिए प्रत्येक उसे अपना मित्र बनाने को तैयार रहता है। सचिन के इन गुणों के कारण उसके माता-पिता, विद्यालय व उसके साथियों को उस पर गर्व है। मेरी प्रभु से यही प्रार्थना है कि हमारी मैत्री जीवन-पर्यन्त बनी रहे ताकि विपत्ति के समय एक-दूसरे की सहायता कर सकें।

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इस लेख के माध्यम से हमने Mera Priya Mitra Par Nibandh | My Best Friend Essay in Hindi का वर्णन किया है और आप यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल कर सकते है।

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध पर निबंध हिंदी में Class 1 से 12 तक My Best Friend essay in hindi for class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 My Best Friend per nibandh

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essay about friend in hindi

दोस्ती पर निबंध

Friendship Essay In Hindi : आज के आर्टिकल में हम दोस्ती पर निबंध के बारे में बात करने वाले है। दोस्ती का रिस्ता काफी सुनहरा होता है। दोस्ती का पवित्र रिश्ता होता है, जिसको बिना किसी के स्वार्थ के साथ निभाया जाता है। आज के आर्टिकल में हम Friendship Essay In Hindi के बारे में जानकारी देने वाले है।

Essay On Friendship In Hindi

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दोस्ती पर निबंध | Friendship Essay In Hindi

दोस्ती पर निबंध (200 शब्द).

मित्र का नाम सुनते ही दिल में एक अलग वेदना उत्तेजित हो जाती है। मित्र एक ऐसा निस्वार्थ व्यक्ति होता है जो हर समय अपनी मित्रता निभाने के लिए तत्पर रहता है। मित्रता का रिश्ता बिना किसी स्वार्थ वाला रिश्ता होता है, जिसमें व्यक्ति एक दूसरे की मदद करने के साथ-साथ अच्छे और बुरे समय में एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं। दोस्ती शब्द ही बहुत ही सुनहरा है और इस दोस्ती को दिल से निभाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति दोस्ती में दिमाग लगाना शुरु कर देता है। तो वह दोस्ती लंबे समय तक नहीं रहती है।

जीवन के हर मोड़ में एक नया दोस्त बनता है। लेकिन गहरा संबंध कुछ ही दोस्तों के साथ हो पाता है हर जगह नहीं मुलाकात में एक नए दोस्त के रुप में कोई न कोई व्यक्ति आपके सामने जरूर आता है। लेकिन हर कोई के साथ गहरी दोस्ती नहीं हो पाती है। दोस्ती में कई बार झगड़े भी होते हैं। लेकिन बिना किसी घमंड के एक दूसरे से माफी मांग ली जाती है। क्योंकि यह रिश्ता निस्वार्थ वाला रिश्ता है।

दोस्ती के रूप में जो हमने किरदार निभाए हैं। वह यादगार बन जाते हैं। दोस्ती शब्द बहुत प्यारा है और दोस्तों के साथ बिताया गया हर पल रोचक लगता है। दोस्तों के साथ समय व्यतीत करते हैं। तो पता ही नहीं चलता है। कि इतने समय से हम दोस्तों के साथ बैठे हैं।

दोस्ती पर निबंध (600 शब्द)

मानव अपने जैसे स्वभाव के औरों के साथ मिलजुलकर जीने वाला प्राणी हैं। उसके दुसरे लोगों के साथ रिलेशन का सिलसिला जन्म के साथ ही शुरू हो जाता हैं। हमारे जीवन का सबसे किमती आभुषण हैं दोस्ती

व्यक्ति को हरेक रिश्ता अपने जन्म के साथ से ही प्राप्त होता है। दुसरे शब्दों में कहें तो ईश्वर पहले से बना के देता है। लेकिन दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता है। जिसका चुनाव व्यक्ति खुद करता है। अन्य पारिवारिक एवं रक्त सम्बन्धों की तुलना में मित्रता इसलिए अहम है। क्योंकि यह लोभ से परे होने के साथ ही आनन्द की खान एवं सच्चाई व ईमानदारी के सहारे आगे बढ़ती हैं।

सच्ची दोस्ती रंग-रूप नहीं देखती, ऊँच-नीच, जात-पात, अमीरी-गरीबी तथा इसी प्रकार के किसी भी भेद-भाव का पुरी तरह से खंडन करती है। सामान्य तौर पर यह समझा जाता है। मित्रता समान उम्र के मध्य होती है, पर यह गलत है। मित्रता किसी भी धर्म और जाति में और किसी के साथ भी हो सकती है। किन्तु एक सच्चे मित्र की पहचान प्रतिकूल समय आने पर ही होती हैं। बचपन की दोस्ती अत्यधिक पावन, लालच रहित तथा हर्ष से परिपूर्ण होती हैं। बालपन की मित्रता लोभ रहित होती हैं। किन्तु किशोरावस्था में दोस्ती बहुत मजबूत तथा शांत हो जाती हैं, और बहुत ही गंभीर।

दोस्ती का अर्थ

अनेक बार लोग दोस्ती को लेकर मन में यह भ्रम पाल लेते है कि ज्यादातर साथ-साथ रहने वाला इंसान ही हमारा मित्र होता हैं। लेकिन सच्चा मित्र न केवल साथ-साथ रहता है बल्कि इससे बढ़कर वह हमेशा हमारा शुभचिंतक तथा हमारी प्रगति, उन्नति तथा विकास में भी बराबर भागीदार होकर सदा ही हमारा साथ देता हैं।

सिर्फ सुख के पलों की कामना करना और उसमें ही साथ देना ही दोस्ती नहीं हैं। वरन् विपदा के काल में भी सहारा बनकर हर तरह से अपने दोस्त की मदद करता है वही सच्चा दोस्त होता हैं। हालांकि ऐसे कोई विशेष नियम नहीं है, कि कौन मित्र हो सकता है और कौन नहीं। इसलिए हमे हमेशा सोच समझकर से अच्छे और भले व्यक्ति से मित्रता का सम्बन्ध बनाना चाहिए।

मानव जीवन में दोस्ती का महत्व

हमारे जीवन में दोस्ती का बड़ा महत्व हैं। जातीय रिश्तों में और खून के रिश्ते परस्पर स्वार्थ की भावना किसी न किसी रूप में विद्यमान रहती हैं। मगर दोस्ती का रिश्ते को इन बुराइयों से परे समझा जाता हैं। व्यक्ति का जो सच्चा मित्र होता है। इस प्रकार हम यह कह सकते है, कि सच्चा मित्र वही होता हैं। जो न केवल हमारे सुख दुःख का साथी हो बल्कि वह एक मार्गदर्शक तथा स्नेहिल के रूप में सदैव निस्वार्थ मदद का भाव रखे। भले ही हम रंग रूप और आदतों में वैक्तिक भिन्नता रखते हैं। मगर एक दूसरे के प्रिय होने के रिश्ते को मित्रता के रूप में निभाया जाता हैं। वफादारी इस सम्बन्ध का आधारभूत होती हैं। जब तक पारस्परिक वफादारी में कुटिलता नहीं आएगी। दोस्ती ऐसे ही बढ़ती जाएगी l

बिना सोचे समझे किसी को अपना मित्र बनाया जाये तो वह जहर की घातक पुड़ियाँ की तरह जीवन के लिए घातक सिद्ध हो सकती हैं। क्योंकि एक दोस्त से कुछ भी छुपाया नहीं जाता हैं। अंत में बस इतना बोलना चाहता हूँ। अच्छे दोस्त बनाओ, कभी भी अपने दोस्तों का दिल कभी मत दुखाओ, और उन्हें कभी धोखा नहीं देना चाहिए। चाहे दुःख हो या सुख हमेशा एक दूसरे का साथ देना चाहिए और एक दुसरे की हमेशा सहायता करो। यही दोस्ती का असली रूप और असली मजा है।

आज का यह निबंध जिसमें हमने Friendship Essay In Hindi के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी आप तक साझा की है। इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल यह सुझाव है। तो वह हमें कमेंट के माध्यम से बता सकता है।

  • ईमानदारी पर निबंध
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  • समय के महत्व पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

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एक अच्छा दोस्त पर निबंध

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essay on a true friend in hindi

एक सच्चा मित्र हमारे जीवन का सबसे बड़ा उपहार होता है जिसे पाना कठिन होता है और एक बार मिलने के बाद उसे कभी छोड़ना नहीं चाहिए। जरूरत में एक दोस्त वास्तव में एक दोस्त है ’यह प्रसिद्ध उद्धरण पूरी तरह से सच्ची दोस्ती के अर्थ को पूरा करता है क्योंकि सच्चे दोस्त हमेशा आपके साथ खड़े होते हैं जब आप जरूरत में होते हैं। जो दोस्त सबसे करीबी, सबसे प्यारे, वफादार, वफादार और सबसे अच्छे साथी साबित होते हैं उन्हें सच्चा दोस्त कहा जाता है।

एक अच्छा दोस्त पर निबंध, essay on a good friend in hindi (200 शब्द)

एक सच्चा मित्र वह व्यक्ति होता है जिसे किसी भी लड़के या लड़की के लिए सबसे करीबी और प्रिय माना जाता है। किसी भी दोस्त के बिना जीवन सिर्फ अर्थहीन और नीरस है। एक अच्छा और सबसे अच्छा दोस्त ढूंढना दुनिया के आधे हिस्से को जीतने के समान है। एक अच्छी दोस्त की कंपनी हमेशा एक व्यक्ति की सफलता में बहुत मायने रखती है। एक बच्चा अपने दोस्त से अच्छी या बुरी आदतें सीखता है लेकिन अगर किसी को दोस्त के रूप में अच्छा साथ मिलता है तो वह सबसे भाग्यशाली व्यक्ति होता है। उन दोस्तों को कभी न खोएं जो आपके बुरे समय में हमेशा आपके साथ खड़े थे।

हम अपने जीवन को अकेले नहीं जी सकते क्योंकि हमें इसके प्रत्येक चरण में एक मित्र की आवश्यकता है। कोई भी रिश्ता और मजबूत हो सकता है अगर वह इसमें दोस्ती जोड़ता है उदाहरण के लिए एक पिता या माँ अपने बच्चे का पहला दोस्त हो सकता है जो जीवन के बेहतर तरीके के लिए सबसे अच्छी परवरिश के साथ बढ़ने में उनकी मदद करता है। मित्रता वह संबंध है जहां मित्र एक-दूसरे की समस्याओं को सुनते हैं और समझने का प्रयास करते हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि यह संबंध अच्छे श्रोताओं के बारे में है। सच्चे दोस्तों के बीच कुछ भी छिपाया नहीं जा सकता है और दोस्त कभी भी अपने सबसे अच्छे दोस्त से झूठ नहीं बोलते हैं। यही सच्ची मित्रता की महानता है।

अच्छा दोस्त पर निबंध, essay on a true friend in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना:.

एक सच्ची मित्रता ईश्वर का सबसे सुंदर आशीर्वाद है जिसे संसार की किसी भी अमूल्य वस्तु की तरह माना जाना और पोषित करना आवश्यक है। एक अच्छा दोस्त बिना किसी अपेक्षा और कोई मांग के साथ मिलना मुश्किल है। एक सच्ची दोस्ती में बहुत सारी भावनाओं के साथ विभिन्न रंगों की गुणवत्ता होती है, कभी-कभी वे खुश हो जाते हैं, कभी-कभी वे भावुक हो जाते हैं और कुछ समय वे एक-दूसरे से लड़ते हैं लेकिन यह उनकी सच्ची दोस्ती को प्रभावित नहीं करता है।

अच्छा मित्र कौन होता है?

सच्चे दोस्त हमेशा देखभाल करने वाले, प्यार करने वाले, वफादार, भावुक, थोड़े से आलोचक और सबसे महत्वपूर्ण रूप से अपने दोस्तों के प्रति भरोसेमंद होते हैं। ये गुण एक दोस्त को एक अच्छा दोस्त बनाते हैं। जो व्यक्ति आपको धोखा देता है, वह आपकी पीठ पीछे बात करता है और आप पर हँसता है, वह आपका सच्चा दोस्त कभी नहीं हो सकता।

मित्रता वह संबंध है जहां मित्र एक-दूसरे की समस्याओं को सुनते हैं और समझने का प्रयास करते हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि यह संबंध अच्छे श्रोताओं के बारे में है। एक अच्छा दोस्त होना हमेशा एक असली मोती पाने जैसा होता है।

क्या स्टेटस के साथ दोस्ती के मायने हैं?

मित्रता कभी भी लोगों की वित्तीय स्थिति से बंधी नहीं होती है। एक राजा एक गरीब भिखारी का सच्चा दोस्त हो सकता है और एक गरीब मजदूर एक अमीर उद्योगपति का एक अच्छा दोस्त हो सकता है। भगवान कृष्ण गरीब सुदामा के साथ बिना शर्त सच्ची प्यारी दोस्ती में थे। कृष्ण और सुदामा की मित्रता हम सभी के लिए एक मील का पत्थर है। वे आत्मा के साथी की तरह थे। उनकी दोस्ती उस स्तर पर थी जहाँ अगर कोई दूसरे को चोट पहुँचाता है तो दर्द महसूस करता है।

निष्कर्ष:

दोस्ती के सरल नियमों का पालन करना आसान नहीं है, इसके लिए अपने दोस्तों के प्रति एक तरह के विश्वास और निष्ठा की आवश्यकता होती है। यह विशुद्ध रूप से धन्य रिश्ता है जो हमें अपने जीवन में मिलता है और कुछ गरिमा के साथ बनाए रखने की जरूरत है। एक मित्र हमारी आयु या विभिन्न आयु वर्ग का हो सकता है, लेकिन यह सच्ची मित्रता की गुणवत्ता को प्रभावित नहीं करता है।

मेरा अच्छा दोस्त पर निबंध, essay on a true friend in hindi (400 शब्द)

एक अच्छा दोस्त एकमात्र रिश्ता है जो हम जीवन में कमाते हैं। प्यार करने वाले, देखभाल करने वाले, मददगार, ईमानदार, वफादार और सबसे महत्वपूर्ण संगत को ढूंढना हमारे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है जो हमें सच्चे दोस्त के रूप में मिलती है। बचपन से हम हमेशा अपने अच्छे दोस्तों की संगति में कुछ नई और रोमांचक चीजें सीखते हैं। दोस्तों के साथ बिताया गया एक मज़ेदार समय एक तरह की खुशी है जिसे व्यक्त नहीं किया जा सकता है। चाहे आप समूह अध्ययन करें या किसी के जन्मदिन की पार्टी में आनंद लें यह हमेशा दोस्तों के साथ मज़ेदार होता है।

सच्चा दोस्त : सच्चा साथी

सच्चे दोस्त सबसे नज़दीकी होते हैं जिनके साथ हम अपने हर राज़ साझा कर सकते हैं। हम उन पर भरोसा करते हैं और उनकी कंपनी में सुरक्षित महसूस करते हैं। सच्ची मित्रता वह है जहाँ हमें अपनी समस्याओं को शब्दों में कहने की आवश्यकता नहीं है, सच्चे मित्र पहले से ही अपने प्रियजनों की भावनात्मक अभिव्यक्तियों को समझते हैं। कुछ दोस्त हमेशा पूरे जीवन के लिए सबसे अच्छे दोस्त बने रहते हैं और उन्हें कभी किसी अन्य व्यक्ति या रिश्ते से नहीं बदला जा सकता है। यही सच्ची मित्रता का मूल्य है।

एक सच्चा दोस्त वह होता है जो हमेशा अलग-अलग परिस्थितियों में आपकी मदद के लिए हो चाहे अच्छा हो या बुरा। मित्रता वह संबंध है जो किसी विशेष आयु वर्ग तक सीमित नहीं है। एक व्यक्ति को जीवन के हर चरण में हमेशा एक सच्चे दोस्त की जरूरत होती है।

तेजी से दौड़ती इस दुनिया में हमेशा किसी के जीवन में अलग-अलग परिस्थितियां बनती हैं लेकिन एक सच्चे दोस्त की मदद और मार्गदर्शन से आप उन परिस्थितियों से आसानी से पार पा सकते हैं माता-पिता के बाद सच्चे दोस्त हमारे वास्तविक शुभचिंतक होते हैं जो गलत होने पर हमें थप्पड़ भी मार सकते हैं।

दो दोस्तों के बीच संबंध सिर्फ प्रफुल्लित करने वाले होते हैं जैसे कि वे निकट रहते हैं या दूर तक उनका संबंध कभी भी किसी गलतफहमी या किसी संचार अंतराल के कारण टूटता नहीं है। आवश्यकता पड़ने पर वे एक-दूसरे के करीब महसूस करते हैं। हो सकता है कि आपके पास कई दोस्तों की सूची हो, लेकिन महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि आपके पास कितने सच्चे दोस्त हैं, यह जीवन में वास्तविक लाभ है। उस समय के बारे में सोचना जो दोस्तों के साथ बिताया गया था, आपको हमेशा खुश और भावुक बनाता है।

सच्चा दोस्त सबसे अच्छा साथी साबित होता है जिसके साथ हम आनंद लेते हैं और जीवन में बहुत कुछ सीखते हैं जो अनमोल खुशी है जिसे व्यक्त नहीं किया जा सकता है। एक भरोसेमंद रिश्ता हमेशा दोस्तों के बीच माना जाता है। सच्चे दोस्त जीवन की यात्रा में वास्तविक उपलब्धि हैं। अच्छा दोस्त सिर्फ एक दोस्त नहीं है जो काफी अच्छा है लेकिन यह वह है जिसे गुणवत्ता मित्र माना जाता है। आपको हमेशा अपने सच्चे दोस्त को महत्व देना चाहिए और उन्हें कभी भी जाने नहीं देना चाहिए।

अच्छा दोस्त पर निबंध, 500 शब्द:

एक सच्चा दोस्त गुणों से भरा हुआ पाया जाता है और उनके दोस्त को या तो उसे या दुनिया का सबसे भाग्यशाली व्यक्ति बनाता है। परिवार के बाद एक बच्चा हमेशा अपने दोस्तों के साथ खेलने या अपने रहस्यों को साझा करने के लिए खोज करता है। बचपन का दोस्त उन लोगों के लिए पहली कंपनी है जिनके साथ वे जीवन के नए नए अध्याय को सीखना शुरू करते हैं।

एक मित्र किसी व्यक्ति के जीवन को पूरी तरह से बदल सकता है। जहां एक तरफ एक अच्छा दोस्त अपने दोस्त को सफलता की ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करता है, वहीं दूसरी तरफ एक बुरी कंपनी अपने दोस्त के जीवन को पूरी तरह से नष्ट कर सकती है। हमारा कर्तव्य है कि हम अपने सच्चे और सबसे अच्छे दोस्त के रूप में अच्छे को खोजें।

एक अच्छे दोस्त की योग्यता:

सच्चे दोस्त विभिन्न गुणों के साथ आते हैं जो उन्हें किसी के जीवन में विशेष बनाता है। यहां हम एक सच्चे मित्र के कुछ गुणों और मित्रता पर इसके प्रभाव की ओर इशारा कर रहे हैं:

  • एक दोस्त को यहाँ कुछ अपेक्षाओं के साथ रहने की आवश्यकता होती है जैसे कुछ रहस्य साझा करना और अच्छी या बुरी भावनाओं को व्यक्त करना। एक अच्छा दोस्त वह होता है जो बिना उसका मजाक बनाए उसके दोस्त की बात ध्यान से सुनता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि मित्र भी अच्छे श्रोता होते हैं।
  • इस बात को जोड़ना या किसी की पीठ पीछे कुतिया बनाना अच्छे दोस्त की गुणवत्ता नहीं है। मित्र वे हैं जो अपनी राय और सलाह अपने मित्र को सीधे कहने में विश्वास करते हैं। और दोस्त वे भी होते हैं जो अपने दोस्तों के सुझावों और सलाहों को पूरी निष्ठा से समझते हैं।
  • दोस्तों में देखभाल और साझा करने की गुणवत्ता है। वे दूसरे की परवाह करते हैं, अपनी चीजों को एक साथ साझा करते हैं और कभी-कभी वे एक-दूसरे से हल्के से जलन करते हैं। ये सभी एक सच्ची दोस्ती के मिश्रित रंग हैं। एक सच्ची दोस्ती सिर्फ खुशी, एकजुटता और दोस्तों के बीच सबसे बड़ी भाग वफादारी के बारे में है। दोस्त भगवान की ओर से विशेष उपहार की तरह है जो अनमोल है।
  • मित्र वह व्यक्ति होता है जो हमेशा अपने प्रिय मित्र के आदेश, शिकायत, आलोचना और कभी-कभी क्रोध करता है। वे कभी भी एक दूसरे से शिकायत और अपेक्षा नहीं करते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि ये उनकी वास्तविक सच्ची दोस्ती के सामने छोटी चीजें हैं।
  • विश्वसनीयता एक सच्चे मित्र की गुणवत्ता को बढ़ाती है। एक व्यक्ति किसी भी तरह के कार्य के लिए अपने या अपने दोस्त पर आसानी से भरोसा कर सकता है चाहे वह आसान हो या मुश्किल।
  • सच्चे दोस्त आत्मा के साथी की तरह होते हैं जिनकी जगह किसी भी हालत में किसी के द्वारा ली जा सकती है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी मुश्किल परिस्थितियों में अपने दोस्त के लिए एक स्तंभ की तरह खड़ा है। एक अच्छा दोस्त हमेशा वहाँ होता है जब आप की जरूरत होती है और जो भी परिस्थितियां होती हैं उसमें आपका समर्थन करता है। इसीलिए
  • किसी भी बच्चे, किशोर या वयस्क के लिए सच्ची दोस्ती का रिश्ता सबसे प्यारा रिश्ता बन जाता है।

यह जीवन उतार-चढ़ाव से भरा है और प्रत्येक चरण पर आपको किसी ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता होती है जो बिना किसी अपेक्षा के आपको समझ सके और आपका समर्थन कर सके। उन विशेष व्यक्तियों को सच्चा मित्र कहा जाता है। दोस्ती दो लड़कों, दो लड़कियों, एक लड़के और एक लड़की या अलग-अलग आयु वर्ग के किसी भी दो व्यक्तियों आदि के बीच हो सकती है। सच्चे दोस्तों का हमेशा एक जीवन में अपना विशेष स्थान होता है, चाहे वे सप्ताह, महीने या साल में एक बार मिलते हों। सच्ची दोस्ती हमेशा दिल से की जाती है दिमाग से नहीं और इस तरह यह कुछ खास है।

एक अच्छा दोस्त पर निबंध, long essay on a true friend in hindi (600 शब्द)

दोस्त एक ऐसा माध्यम है जिसके साथ व्यक्ति अधिक खुशी, उत्साह और आनंद के साथ जीवन जी सकता है। अच्छे दोस्त वफादारी और भरोसेमंद की परिभाषा के साथ आते हैं। एक सच्चे दोस्त ने अपने कठिन समय में कभी भी अपने दोस्त को अकेला नहीं रहने दिया। यह बंधन सच्ची मित्रता का विशुद्ध संबंध बनाता है।

बचपन के दोस्तों को हमेशा एक व्यक्ति के पूरे जीवन के लिए याद किया जाता है। वे वास्तव में सच्ची मित्रता को दर्शाता है। एक दोस्त के साथ एक जीवन उसके हर चरण में आसान हो जाता है और हमेशा बेहतर तरीके से परिणाम देता है। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि निश्चित रूप से दोस्तों के बीच कुछ मुद्दे या लड़ाई होगी, लेकिन यह उनके रिश्ते को अधिक मजबूत बनाता है। एक अच्छा दोस्त होना हमेशा एक असली मोती पाने जैसा होता है।

अच्छा दोस्त एक व्यक्ति जो वफादार और भरोसेमंद है:

दोस्त वे होते हैं जो अपने दोस्त की खुशी का हिस्सा बन जाते हैं और सच्चा दोस्त वे होते हैं जो हमेशा उनके बुरे या कठिन समय में भी उनका साथ देते हैं। वफादारी की गुणवत्ता एक दोस्त को सच्चा दोस्त बनाती है। किसी भी दोस्ती के लिए वफादारी एक महत्वपूर्ण गुण है। एक वफादार दोस्त हमेशा जरूरत में मदद करता है, एक दूसरे की भावनाओं की परवाह करता है और बिना किसी सवाल के रहस्य साझा करता है। वफादारी दोस्ती की पवित्रता को बढ़ाती है।

किसी भी आयु वर्ग के दो व्यक्ति दोस्त हो सकते हैं, वे एक-दूसरे के साथ समय बिताना पसंद करते हैं, अपने रहस्यों, दुख, भावनाओं, खुशी और जीवन से अपेक्षाओं को भी साझा करते हैं। वफादारी इस तरह की दोस्ती में होनी चाहिए क्योंकि विश्वास के बिना आप किसी के साथ अपनी भावना व्यक्त करने में सक्षम नहीं होंगे।

सच्ची मित्रता के संबंध में दोनों ओर से वफादारी और विश्वास की बात होती है। दोस्ती के इस स्वस्थ रिश्ते के लिए एक दोस्त की जरूरत होती है। यह संबंध केवल उन लोगों को व्यक्त करना या वर्णन करना मुश्किल है जो सच्ची दोस्ती में शामिल हैं, वे इसकी खुशबू महसूस कर सकते हैं।

एक प्रकार की मित्रता व्यवहार और दो या अधिक व्यक्तियों के बीच आपसी समझ पर निर्भर करती है। किसी करीबी या अच्छे दोस्त के आसपास रहने से जीवन को आसान बनाने में मदद मिलती है और जीवन की यात्रा के हर चरण में आने वाली चुनौतियों से निपटने में भी मदद मिलती है।

केवल बुरे समय में आपके अच्छे दोस्त की उपस्थिति आपको एक नैतिक समर्थन देती है और उस कठिन परिस्थिति पर काबू पाने में बहुत मदद करती है। एक दोस्त की हमेशा जरूरत होती है या तो आप खुश रहें या आप दुखी हों। कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे एक अच्छे दोस्त के बहुत दूर हैं या पास हैं, जिन्होंने अपने बुरे समय में अपने या अपने दोस्त को कभी अकेला नहीं होने दिया।

अच्छे दोस्त हमेशा ईमानदार होते हैं और अपने दोस्तों के प्रति वफादार होते हैं जो अपने दोस्त के साथ कभी भी धोखा या विश्वासघात नहीं करते हैं। जो लोग अपने चेहरे पर किसी की प्रशंसा करते हैं और अपनी पीठ के पीछे बुरा कहते हैं, उन्हें सच्चे दोस्त के रूप में नहीं गिना जाता है।

अच्छे दोस्तों की परिभाषा वह है जो अपने दोस्त के लिए ईमानदार, वफादार और भरोसेमंद हो। अच्छा दोस्त मिलना मुश्किल है लेकिन जब आपको उसके भगवान का आशीर्वाद मिल जाता है। दोस्ती के साथ-साथ हर रिश्ते में वफादारी और विश्वास की जरूरत होती है। जो व्यक्ति वफादार नहीं है, वह दोस्त बनने के लिए भी योग्य नहीं है। अच्छे दोस्त एक दूसरे के गुप्त धारक होते हैं। उन्हें अपने सच्चे दोस्तों पर अंधा विश्वास है। मित्र अपने रहस्यों को एक-दूसरे से साझा करते हैं, केवल उनके बीच के विश्वास के आधार पर।

सच्ची दोस्ती किसी भी पूजा के परिणामस्वरूप होती है या हम कह सकते हैं कि जब ईश्वर किसी की मदद करना चाहता है तो वह उसे या उसके सच्चे दोस्त के रूप में किसी व्यक्ति को भेजता है। सच्चे मित्र वे होते हैं जो यह कहे बिना भी समझ जाते हैं कि आपके मित्र को क्या चाहिए, यह एक अच्छे मित्र का गुण है। कभी भी अपने सच्चे दोस्त को अपने जीवन से जाने न दें, यह एक प्रकार का शुद्ध और दिव्य रिश्ता है जो हम जीवन से कमाते हैं।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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मेरा प्रिय मित्र पर निबंध | Essay on My Best friend in Hindi

प्रिय दोस्तों आपका स्वागत हैं Essay on My Best friend in Hindi में हमने स्टूडेंट्स के लिए मेरा प्रिय मित्र पर निबंध लिखा हैं. कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 में पढने वाले  बच्चों के लिए उपयोगी हैं.

1000 शब्दों में मेरे प्रिय मित्र का बड़ा निबंध आपकों यहाँ बता रहे हैं. आशा करते हैं यह आपकों बहुत मदद करेगा. चलिए सरल भाषा में लिखा यह निबंध जानते हैं.

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध Essay on My Best friend in Hindi

मेरा प्रिय मित्र पर निबंध Essay on My Best friend in Hindi

नमस्कार दोस्तों आज का निबंध मेरा प्रिय मित्र निबंध Essay On My Best Friend In Hindi And English पर दिया गया हैं.

सरल भाषा में स्टूडेंट्स के लिए प्रिय मित्र पर हिंदी व अंग्रेजी में छोटा बड़ा निबंध दिया गया हैं. उम्मीद करते है आपको मेरे प्रिय मित्र का सरल निबंध पसंद आएगा.

मेरा प्रिय मित्र अनुच्छेद

मेरे बहुत सारे मित्र हैं। मोहन उनमें से सबसे खास दोस्त है। वह मेरे घर के पास ही रहता है। वों मेरी कक्षा का साथी है। उनका अच्छा परिवार है। उसके पिता एक डॉक्टर हैं। उनकी मां एक घरेलू महिला है, वे बहुत सम्मानित हैं।

मोहन बुद्धिमान छात्र हैं। वह नियमित रूप से अध्ययन करने वाला लड़का है। वह हमेशा कक्षा में सबसे आगे बैठता हैं। वह अपने स्वास्थ्य भी का काफी ख्याल रखता है।

वह एक फुटबॉल खिलाड़ी और एक अच्छा गायक भी है। वह हमेशा साफ-सुथरी ड्रेस में रहता है। मोहन दिखने में काफी स्मार्ट है,साथ ही, वह बहुत विनम्र लड़का है।

सभी शिक्षक व विध्यार्थी उसका सम्मान करते है. मुझें पूरा यकीन है, वह जरुर एक दिन बड़ा व्यक्ति बनेगा. मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे मोहन जैसा दोस्त मिला। मुझे अपने दोस्त पर गर्व है, भगवान का आशीर्वाद सदा उस पर बना रहे।

150 शब्दों में निबंध : मेरा प्रिय मित्र

मेरा प्रिय मित्र मोहित हैं, मोहित बहुत अच्छा लड़का हैं. आस पडौस के कई मित्र होने के बावजूद मोहित मुझे उन सभी में बहुत प्रिय हैं. जिस कारण वह मेरा प्रिय मित्र हैं. जो अति विनम्र और सरल स्वभाव का धनी हैं.

मोहित मेरे साथ ही मेरी क्लाश में पढ़ता हैं. उसके पिता हेड कांस्टेबल हैं वह स्वयं बड़ा होकर अपने पिता की तरह ही पुलिस सेवा में जाना चाहता हैं.

मोहित की माताजी अध्यापिका हैं. वह अति बेहद मधुर एवं स्नेहशील महिला हैं. मोहित के एक छोटा भाई राहुल भी हैं जो बेहद शरारती हैं.

मोहित पढ़ने में बहुत तेज हैं. हर बार वह प्रथम श्रेणी से उतीर्ण होता हैं. वह पढने के साथ साथ खेलने की रूचि भी रखता हैं. क्रिकेट उसका प्रिय खेल हैं.

स्कूल के अच्छे क्रिकेट खिलाड़ियों में उसे गिना जाता हैं. कई बार स्कूल टीम का नेतृत्व कर स्कूल का नाम रोशन किया हैं. मोहित मेरा अच्छा मित्र हैं, मैं भगवान को ऐसा दोस्त देने के लिए धन्यवाद देता हूँ.

300 शब्द मेरा प्रिय मित्र निबंध Essay On My Best Friend In Hindi

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह समाज के बिना नहीं रह सकता है। इसलिए उसके लिए दोस्ती जरूरी है। लेकिन इस दुनिया में एक सच्चा दोस्त मिलना बहुत मुश्किल है। ज्यादातर उचित मौसम दोस्त हैं।

भगवान की कृपा से, मेरे पास एक तेज़ और सच्चा मित्र है। उसका नाम संकल्प है। वह मेरा सहपाठी भी है। यह मेरा बचपन का दोस्त है। मेरा दोस्त मेरे घर के पास रहता है। हम अधिकांश समय अध्ययन और खेल में एक साथ बिताते है.

वह एक बड़े परिवार से आता है। उनके पिता एक एमएलए हैं। लेकिन उन्हें अपने पिता के राजनीतिक दृष्टिकोण, संपत्ति तथा वो इनका फायदा उठाने का जरा भी प्रयास नही करता है. यह उनकी बड़ी विशेषता है.

उनके शिष्टाचार तथा दुसरों के साथ बात करने का ढंग सभी को पसंद आता हैं क्योंकि वह एक सम्मानित परिवार से संबंधित है। वह अच्छे चरित्र का वाला लड़का है, यह अपने बड़े तथा शिक्षकों का बेहद सम्मान करता है।

उसका व्यवहार सभी के साथ अच्छा रहता है, किसी भी के साथ उनके व्यवहार में बनावटीपन नजर नही आता है। उसके मुस्कुराता हुआ चेहरा सभी के दिल को जीत लेता है,

जब किसी विद्यार्थी को किसी सवाल में कठिनाई आती है, तो वे इनसे सलाह लेते हैं। मेरा यह दोस्त स्वभाव से बहुत विनम्र है। वह कभी किसी के साथ झगड़ा नहीं करता है।

मैं उसे कई कारणों से पसंद करता हूं। वह ईमानदार, निष्पक्ष और सच्चा यार है। वह अपने दोस्तों के लिए सच्चा मित्र है। उसमें बुद्धि और मेहनती दोनों का अनोखा संगम देखने को मिलता है। वह हमेशा कक्षा में सबसे आगे बैठता है, तथा सभी सह शैक्षिक कार्यक्रमों में उत्साह के साथ भाग लेता है।

वह अन्य स्रोतों से अपने ज्ञान में जोड़ता है। वह टीवी कार्यक्रम देखता है लेकिन धार्मिक धारावाहिक उनके पसंदीदा धारावाहिक हैं। वह नियमित रूप से पुस्तकालय भी जाता है।

वह सादा जीवन और उच्च विचार में विश्वास करता है। वह दिखावे में विश्वास नहीं करता है। वह हमेशा अच्छी दोस्ती रखता है। वह धर्मनिरपेक्ष है।

उनका मानना है कि हर इन्सान का दिल ही भगवान का मंदिर है। वह धार्मिक कट्टरता में विश्वास नहीं करता है। इस कारण शिक्षक भी उनकी राय लेते है। मुझे अपने सबसे अच्छे दोस्त पर गर्व है क्योंकि वह मेरा हर छोटा सुख- दुख मेरे साथ साझा करता है। इस तरह के एक अच्छे दोस्त को खोजने काफी मुश्किल है।

मैं नियमित रूप से परिवार के सदस्य के रूप में उनसे मिलता रहता हु। मैं ऐसे नम्र, स्वीट, ईमानदार और प्यारे दोस्त से मिलाने के लिए ईश्वर का बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं।

मेरा प्रिय मित्र निबंध 500 शब्द

आज मैं आपको मेरे प्रिय मित्र रणवीर चौधरी के बारे में बताता हूं। रणवीर चौधरी और मैं एक ही कक्षा में पढ़ते है और साथ ही बैठते है। मेरी इसके साथ दोस्ती पिछली कक्षा में ही हो गई थी।

मैं मेरे दोस्त की बात करू तो वो उसके पिताजी एक किसान है, वो साधारण परिवार से आता है। रनवीर के एक बड़ी बहन और एक छोटा भाई है। रनवीर की माताजी गृहणी है। रणवीर पढाई में वे बहुत होशियार है।

हमारी कक्षा में उसका प्रथम स्थान आता है। रणवीर पढ़ाई के साथ साथ खेल खुद में भी बहुत रुचि रखता है , मैं और वो स्कूल में लंच के समय वॉलीबॉल खेलते है। रणवीर समय का बहुत पाबंद विधार्थी है, वो रोज समय पर स्कूल पहुंचता है। मैने कभी उसको देरी से विद्यालय आते नही देखा है।

मेरा दोस्त अपने गृहकार्य में कभी लापरवाही नहीं करता है, वो रोज अपना पूरा गृहकार्य करके आता है। रणवीर एक अनुशासनप्रिय विधार्थी है। रणवीर को जब भी कक्षा में टेस्ट का कहा जाता है तो वो इसकी पूरी तैयारी करके आता है, और अच्छे अंक लता है।

रणवीर का व्यवहार बहुत ही अच्छा है। विद्यालय के सभी अध्यापकों और विद्यार्थियों से उसके अच्छे संबंध है। रणवीर हमेशा कक्षा में उन बच्चो की सहायता करता है जो उससे कुछ सीखना चाहते है, उनको वो सिखाता है।

रणवीर हमारी कक्षा का मॉनिटर भी है। वो ईमानदारी से अपना कार्य करता है। रणवीर मुझे भी हमेशा प्रेरित करता है। मैं अपने दोस्त से जब भी गणित या विज्ञान का प्रश्न जो मुझे समझ नहीं आता है, उसे समझाने में पूरी मदद करता है।

रणवीर का सपना आईएएस बनकर देश की सेवा करने का है। रणवीर एक जिज्ञासु विधार्थी है, वो हमेशा हमारे अध्यापक से नए नए प्रश्न करता है। 

अगर किसी भी अध्यापक का पढ़ाया हुआ कोई भी बात समझ नही आए तो रणवीर तुरंत उसे वापस समझाने को कहता है। मेरा दोस्त एक रचनात्मक प्रवृति का विधार्थी है। उसे गणित विषय को पढ़ने में बहुत मज़ा आता है।

उसे जब भी कक्षा के दौरान फ्री टाइम मिलता है वो गणित के प्रश्न हल करने लग जाता है। रणवीर कक्षा में बहुत कम बोलता है और अपने काम से काम रखता है। रणवीर को समय बर्बाद करना बिल्कुल पसंद नहीं है। 

रणवीर पढ़ने के साथ मनोरंजन के लिए भी समय निकलता है। रणवीर मनोरंजन के रूप में एतिहासिक फिल्में देखना पसंद करता है। रणवीर को फोन में नया सीखने में भी बहुत रुचि है।

रणवीर रोज सुबह 6 बजे उठ जाता है और रोज दौड़ करने जाता है और व्यायाम भी करता है। रनवीर कभी भी अपने आप घमंड नहीं करता है, वो हमेशा साथी की मदद करने को तत्पर रहता है। 

मेरे प्रिय मित्र का पसंदीदा खेल वॉलीबॉल है, उसका पसंदीदा क्रिकेटर विराट कोहली है। रणवीर एक अच्छा वक्ता भी है। हमारे विद्यालय में सुबह प्रार्थना स्थल पर वे कभी कभी किसी विषय पर स्पीच देता है।

रणवीर विद्यालय की लगभग सभी अतिरिक्त गतिविधियों में भाग लेता है। रणवीर के इसी व्यवहार के कारण वो मेरा प्रिय मित्र है।

Essay on My Best friend in Hindi Language In 1000 Words

सच्चा मित्र मिल जाने पर जीवन की राह आसान हो जाती हैं.एक सच्चा मित्र व्यक्ति को सदैव सही राह पर चलने के लिए प्रेरित करता हैं. वह उसके लिए आवश्यकता पड़ने पर हर प्रकार की कुर्बानी देने को भी तैयार रहता हैं.

इसलिए कई बार लोग परिवार के सदस्यों से भी अधिक अपने मित्र को महत्व देते हैं. अच्छा मित्र सुख हो या दुःख हमेशा साथ देता हैं. उसमें किसी प्रकार का लोभ एवं कपट नहीं होता हैं. वह हमेशा अपने मित्र का भला सोचता हैं.

मेरे कई मित्र हैं. उन सभी ने आवश्यकता पड़ने पर मेरी यथासम्भव मदद भी की हैं. उनमें अधिकतर मेरे प्रिय मित्र हैं. और मेरे ऐसे मित्र के नामों की सूची काफी लम्बी हैं.

इनमें से कौन मेरे लिए सर्वाधिक प्रिय हैं, इसका निर्णय करना काफी मुश्किल हैं. इनमें से किसी एक का नाम मैं अपने प्रिय मित्र के रूप में लेकर अन्य सभी को नाराज नहीं करना चाहता.

सभी ने जिन्दगी के किसी न किसी मोड़ पर मेरा साथ अवश्य दिया हैं. फिर भी मेरे इन मित्रों में से एक ऐसा भी हैं,  जिसकी मित्रता पर मुझे बहुत गर्व होता हैं. इसलिए नहीं कि आवश्यकता पड़ने पर वह मेरा साथ देता हैं बल्कि इसलिए कि वह एक अच्छा इंसान भी हैं.

इसलिए यदि मैं अपना नाम अपने प्रिय मित्र के रूप में लूँगा, तो मुझे विश्वास हैं कि मेरे अन्य किसी मित्र को मुझसे किसी प्रकार की नाराजगी नहीं होगी.

जॉन कृष्ण खान सिंह मेरा सर्वाधिक प्रिय एवं आदर्श मित्र हैं, जैसा कि उसके नाम से ही पता चल जाता हैं, वह सभी धर्मों का सम्मान करता हैं एवं सभी धर्मों को त्योहारों को भी मनाता हैं.

इस तरह वह विभिन्न धर्मों के बीच भाई चारे की जीती जागती मिसाल हैं. मैंने उससे एक दिन उसके धर्म के बारे में पूछा तो उसने बताया कि मानवता मेरा धर्म हैं और कर्म मेरी पूजा.

यदि मैं लोगों के काम आ सका तो समझूंगा मैंने सफलता प्राप्त कर ली हैं. उसे समाज सेवा अत्यधिक प्रिय हैं. अतः इसी को अपने जीवन का लक्ष्य बनाने के लिए उसने स्नातक के बाद समाज सेवा में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की.

इसके बाद वह एक गैर सरकारी संगठन में कार्य करने लगा. वह प्रतिदिन गरीब बस्तियों में जाकर गरीब बच्चों को निशुल्क पढ़ाता हैं. इसके अतिरिक्त वह उन बस्तियों में साफ़ सफाई करने के लिए अपने साथियों का हाथ भी बंटाता हैं.

जॉन कृष्ण खान सिंह काफी लम्बा नाम हैं. इसलिए उसके गुणों के अनुरूप मैंने उसका नाम मानव रखा. और मैं उसे इसी नाम से बुलाता हूँ.

अपने मित्र को कुसंग से बचाना विपत्ति के समय उसकी सहायता करना, विपत्ति के समय उसकी सहायता करना एवं सांत्वना एवं सहानुभूति देना इत्यादि एक सच्चे मित्र के कर्तव्य के अंतर्गत आते हैं.

मानव जब सारी दुनिया के लिए समाज सेवा के लिए तत्पर रहता हैं, तो भला अपने मित्र का साथ कैसे नहीं देगा. जीवन में जब कभी मैं गलत रास्ते पर चला जाता हूँ, वह मुझे सही रास्ते पर लाया हैं.

जब कभी मैं दुखी रहा हूँ, उसने मेरी सहायता कर मुझे उससे उबारा हैं. इस तरह जीवन के हर मोड़ पर उसने मेरा साथ एक आदर्श एवं सच्चे मित्र के रूप में दिया हैं.

जीवन की भागदौड़ में एक मित्र का होना बहुत आवश्यक हैं. प्रायः देखा जाता हैं कि पारिवारिक जीवन में भी स्वार्थ का समावेश होने के कारण रिश्तों में दरार आ जाती हैं. किन्तु एक मित्रता ऐसा अटूट बंधन हैं, जो दुनियावी स्वार्थों से परे हैं.

मानव के साथ मेरी मित्रता भी ऐसी ही हैं. अंग्रेजी में कहा गया हैं ए फ्रेंड इन नीड, इज फ्रेंड इंडीड अर्थात जो जरूरत के समय साथ दे वही सच्चा मित्र हैं. मानव इस पैमाने पर बिलकुल खरा उतरता हैं.

मेरे इस मित्र ने आवश्यकता पड़ने पर हमेशा मेरा साथ दिया हैं. मित्रता में धन, योग्यता या किसी अन्य चीज को पैमाना नहीं बनाया जाता, जिससे विचार मिलते हैं. प्रायः उससे ही मित्रता होती हैं.

मानव और मेरे विचार बहुत मिलते हैं. इसलिए हम दोनों को एक दूसरे का साथ अच्छा लगता हैं. मित्रता एक ऐसा अभिनव रिश्ता हैं. जो अन्य रिश्तों की भांति थोपा नहीं जाता. अपनी सुविधा एवं रूचि के अनुसार देख परख कर मित्र चुनने की स्वतंत्रता होती हैं.

यह एक ऐसा बंधन हैं. जो दो दिलों, दो मनों को जोड़ता हैं और, इसी के आधार पर वे एक दूसरे के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. बचपन के मित्रों की याद प्रायः सभी को जीवन भर आती हैं, क्योंकि बचपन की मित्रता में किसी प्रकार का कोई स्वार्थ नहीं रहता.

मानव मेरे बचपन का मित्र तो नहीं है, किन्तु उसकी मित्रता पर गर्व हैं और जीवन के किसी मोड़ पर यदि उसके लिए मुझे किसी प्रकार की कोई कुर्बानी देने की आवश्यकता पड़ी तो मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा.

Essay On My Best Friend In English

man is a social creature. he cannot live without society. so friendship is necessary for him. but it is very difficult to have a true friend in this world. there are mostly fair weather friends.

by God’s grace, I have a fast and true friend. his name is Sankalp. he is my class fellow. he is my childhood friend.

he lives just near my house. most of our time we spent together in our studies and games.

he comes from a noble family. his father is an m.l.a. but he is not proud of his father’s political approach, wealth on the property.

his manners are pleasing as he belongs to a respectable family. he is a young boy of good character. he is respectful to his teachers.

his behavior is good. he is not ill-tempered. he has a smiling face. he explains the difficulties when other students consult him. he is very polite. he never quarrels with anybody.

I like him for many reasons. he is honest, fair, and truthful. he is true to his friends. he is both intelligent and diligent.

he always stands first in the class. he is not a bookworm. he takes part in co-curricular activities.

he adds to his knowledge from other sources. he watches t.v programs but religious serials are his favorite serials. he is a regular visitor to the library.

he believes in simple living and high thinking. he does not believe in the show. he always keeps good company. he is secular.

he believes that every man’s heart is the temple of God. he does not believe in this crimination. the teachers have a high opinion of him.

I am proud of my best friend because he shares my sorrow. such a good friend is hard to find. I visit him regularly as a member of the family.

I thank almighty for having blessed me with such gentle, sweet, sincere and affectionately friend.

i have many friends. mohan is the best of them. he lives next door to me. he is also my class fellow. he belongs a good family. his father is a doctor. his mother is a noble lady, they are very much respected.

mohan is intelligent students. he is regular in studies. he always stand first in the class. he takes care of his health. he is a football player. he is an also good singer.

he is always neat and clean. he looks very smart, still, he is a very humble boy. all the teacher like him. I am sure that Mohan will become a great man, someday.

I am lucky to have such friend. I am proud of him, may God bless him.

  • मित्रता पर कहानी इन हिंदी
  • मित्रता पर निबंध
  • पेड़ हमारे सच्चे मित्र निबंध
  • प्रकृति और मनुष्य मित्र है
  • मित्रता पर सुविचार अनमोल वचन

आपका कीमती समय हमारे साथ बिताने के लिए आपको धन्यवाद् देते हैं मेरा प्रिय मित्र पर निबंध Essay on My Best friend in Hindi इस लेख में आपकों दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी.

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1 thought on “मेरा प्रिय मित्र पर निबंध | Essay on My Best friend in Hindi”

Anuj kumar aapka website mujhe accha laga thanks

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Hindi Jaankaari

Essay on Friendship in Hindi – दोस्ती पर निबंध

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मित्रता एक दिव्य संबंध है, जिसे न तो रक्त और न ही किसी अन्य समानता द्वारा परिभाषित किया गया है। इस दुनिया में कौन है जिसका कोई दोस्त नहीं है? एक दोस्त, जिसके साथ आप सिर्फ अपना समय बिताना पसंद करते हैं, अपने खुशियाँ और दुख साझा कर सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको खुद नकली नहीं होना चाहिए और बस वही होना चाहिए जो आप हैं। यही तो दोस्ती है। यह दुनिया के सबसे खूबसूरत रिश्तों में से एक है। आज के छात्रों को मित्रता के मूल्यों को समझने की आवश्यकता है और इसलिए हमने छात्रों के साथ-साथ लघु निबंधों के लिए अलग-अलग लंबे निबंधों की रचना की है।

Essay on What is Friendship – दोस्ती या मित्रता पर निबंध

दोस्ती क्या है? यह बिना किसी छिपाए एजेंडे के साथ दो व्यक्तियों के बीच संबंध का शुद्धतम रूप है। शब्दकोश के अनुसार, यह लोगों के बीच आपसी स्नेह है। लेकिन, क्या यह सिर्फ आपसी स्नेह है? हमेशा नहीं, जैसा कि सबसे अच्छे दोस्तों के मामले में होता है, यह उससे बहुत परे है। महान दोस्त एक-दूसरे की भावनाओं या धारणाओं को साझा करते हैं जो समृद्धि और मानसिक पूर्ति की भावना लाते हैं।

एक मित्र वह व्यक्ति होता है जिसे कोई व्यक्ति अनंत काल के लिए गहराई से जान सकता है। मित्रता से जुड़े दो लोगों के विचार में कुछ समानता होने के बजाय, उनके पास कुछ असाधारण गुण हैं फिर भी वे अपनी विशिष्टता को बदले बिना एक दूसरे के साथ रहना चाहते हैं। द्वारा और बड़े, मित्र बिना सेंसर किए एक-दूसरे को उकसाते हैं, हालांकि कई बार महान दोस्त आपको सकारात्मक तरीके से प्रभावित करते हैं।

दोस्ती का महत्व:

जीवन में दोस्त का होना बहुत जरूरी है। प्रत्येक मित्र महत्वपूर्ण होता है और हमें ज्ञात परिस्थितियों में उनका महत्व तब होता है जब कुछ परिस्थितियाँ सामने आती हैं जिन्हें हमारे मित्रों द्वारा समर्थित होना चाहिए। कोई भी इस दुनिया में कभी भी अकेला महसूस नहीं कर सकता है कि वह सच्चे दोस्तों से गले मिलता है। फिर, अवसाद उन व्यक्तियों के जीवन में जीतता है जो ग्रह पर मौजूद अरबों व्यक्तियों की परवाह किए बिना दोस्त नहीं हैं। आपातकाल और कठिनाइयों के बीच मित्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण होते हैं। बंद मौका है कि आप एक कठिन समय का अनुभव कर रहे हैं, के माध्यम से मदद करने के लिए एक दोस्त होने परिवर्तन को सरल बना सकते हैं।

उन दोस्तों के साथ जो आप पर भरोसा कर सकते हैं, आपके आत्मविश्वास में मदद कर सकते हैं। तब फिर से, दोस्तों की अनुपस्थिति आपको अकेला और बिना मदद के महसूस कर सकती है, जो आपको विभिन्न मुद्दों के लिए शक्तिहीन बनाता है, उदाहरण के लिए, उदासी और नशीली दवाओं का दुरुपयोग। एक व्यक्ति से कम नहीं होने पर आप जिस पर निर्भर हो सकते हैं वह आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा।

अपने दोस्तों को चुनना

सभी दोस्त आपके जीवन में सकारात्मकता नहीं ला सकते। इसके नकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं। अपने दोस्तों को बेहद समझदारी के साथ चुनना बहुत जरूरी है। सही दोस्त चुनना कुछ परेशानी भरा काम है लेकिन यह बेहद महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, उदाहरण के लिए, हमारे कुछ प्यारे दोस्त नकारात्मक व्यवहार पैटर्न के साथ लगे हुए हैं, उदाहरण के लिए, धूम्रपान, शराब पीना और ड्रग्स लेना, किसी न किसी बिंदु पर हम उनकी बुरी आदतों से भी आकर्षित होंगे। दोस्त बनाने के संबंध में एक उचित निर्णय पर समझौता करना उचित क्यों है इसके पीछे यही कारण है।

सच्ची मित्रता वास्तव में एक दंपति द्वारा दिया गया उपहार है। जिन व्यक्तियों के पास अपने जीवन में वास्तविक मोती होने के लिए ईश्वर के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए आभार व्यक्त करना चाहिए और जिन व्यक्तियों के कुछ अच्छे मित्र नहीं होते हैं उन्हें हमेशा महान मित्रों के साथ बेहतर दृष्टिकोण रखने के लिए प्रयास करना चाहिए। कोई भी संगठन जरूरत के बीच में दोस्त के करीब होने से बेहतर नहीं है। आप अपने मौकों पर अपने दोस्तों से घिरे रहने के अवसर पर अपने एक कमरे के फ्लैट में खुश रहेंगे; फिर, आप अपनी संपत्ति में उस संतुष्टि की भी खोज नहीं कर सकते हैं, जो आप दूसरों से बहुत दूर हैं।

दोस्तों के प्रकार:

हर जगह विविधता है, तो दोस्तों में क्यों नहीं। हम अपने जीवन की यात्रा के दौरान विभिन्न प्रकार के दोस्तों को देख सकते हैं। उदाहरण के लिए, स्कूल में आपका सबसे अच्छा दोस्त वह है, जिसके साथ आप सबसे अधिक मिलते हैं। वह मित्र, विशेष रूप से लड़कियों के मामले में, भले ही आप उससे अधिक अपने किसी अन्य मित्र से बात करें तो भी उसे गुस्सा आ सकता है। इस तरह की दोस्ती का बचकाना स्वभाव है कि कई बार दूसरों के लिए यह पहचानना मुश्किल होता है कि आप सबसे अच्छे दोस्त हैं या प्रतियोगी।

फिर आपके भाई-बहनों की एक और श्रेणी है। आप चाहे कितना भी इनकार कर दें, लेकिन आपके भाई-बहन या आपके बड़े भाई और बहन आपके वो दोस्त हैं, जो आपकी पूरी जिंदगी आपके साथ रहते हैं। आप उनके साथ दोस्ती का एक अलग सेट है क्योंकि आप पाते हैं कि वे अपने आप को ज्यादातर समय उनके साथ लड़ते हैं। हालाँकि, जरूरत के समय में, आप देखेंगे कि वे पहले आपके पीछे खड़े हैं, आपका समर्थन कर रहे हैं।

दोस्तों की एक और श्रेणी है जिसे पेशेवर मित्र कहा जाता है। आप ऐसे दोस्तों के बीच तभी आते हैं जब आप बड़े होते हैं और अपने लिए एक पेशा चुनते हैं। ये मित्र आमतौर पर एक ही संगठन से होते हैं और आपके बसने के वर्षों के दौरान मददगार साबित होते हैं। उनमें से कुछ कंपनियां बदलने पर भी आपके साथ रहना पसंद करती हैं।

इतिहास से दोस्ती के उदाहरण:

इतिहास ने हमेशा हमें बहुत कुछ सिखाया है। सच्ची दोस्ती के उदाहरण भी पीछे नहीं हैं। हमारे पास इतिहास से कुछ प्रसिद्ध उदाहरण हैं जो हमें दोस्ती के वास्तविक मूल्य का एहसास कराते हैं। उनमें से सबसे ऊपर कृष्ण और सुदामा मित्रता है। हम सभी ने पढ़ा या सुना होगा कि कैसे राजा बनने के बाद जब कृष्ण अपने बचपन के दोस्त सुदामा से मिले, तो उन्होंने उनके साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया, भले ही सुदामा एक गरीब व्यक्ति थे। यह हमें सिखाता है कि दोस्ती बराबरी के बीच की नहीं होनी चाहिए। इसे लोगों के बीच होना चाहिए। अगला उदाहरण महाभारत काल से फिर से कर्ण और दुर्योधन का है।

इस तथ्य को जानने के बावजूद कि पांडव उनके भाई थे, कर्ण दुर्योधन के साथ लड़ने के लिए चला गया क्योंकि वह उसका सबसे अच्छा दोस्त है और यहां तक ​​कि उसके लिए अपना जीवन भी लगा दिया। सच्ची दोस्ती के और कौन से उदाहरण मिल सकते हैं? उसी युग से, कृष्ण और अर्जुन को भी सबसे अच्छे दोस्त के रूप में जाना जाता है। भगवद् गीता इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक सच्चा मित्र आपको जीवन में सकारात्मकता के लिए मार्गदर्शन कर सकता है और आपको धर्म के मार्ग पर चल सकता है। इसी तरह, इतिहास से कई उदाहरण मिलते हैं जो हमें सच्ची मित्रता के मूल्यों और अच्छे के लिए इस तरह के पोषण की आवश्यकता सिखाते हैं।

चाहे आप इसे स्वीकार करते हैं या इनकार करते हैं, एक दोस्त आपके जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वास्तव में, दोस्त होना बहुत जरूरी है। हालांकि, एक ही समय में, मित्रों को बुद्धिमानी से चुनना बेहद जरूरी है क्योंकि वे ही हैं जो आपको बना सकते हैं या नष्ट कर सकते हैं। फिर भी, एक मित्र की कंपनी एक ऐसी चीज है जिसका जीवन में सभी को आनंद मिलता है और दोस्तों को सबसे अच्छा खजाना माना जाना चाहिए जो एक आदमी के पास हो सकता है।

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Essay on Best Friend in Hindi | बेस्ट फ्रेंड पर निबंध 2022

Essay on Best Friend in Hindi | बेस्ट फ्रेंड पर निबंध 2022

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बेस्ट फ्रेंड पर निबंध

Essay on Best Friend:- मेरा सबसे अच्छा दोस्त वह है जिस पर मैं हमेशा भरोसा कर सकता हूं, चाहे कुछ भी हो जाए। वे वही हैं जिन्हें मैं जानता हूं कि मैं हमेशा भरोसा कर सकता हूं, चाहे कुछ भी हो। वे वही हैं जिनके पास मैं हमेशा रोने या अपना गुस्सा निकालने के लिए कंधे पर जा सकता हूं। वे मेरी चट्टान हैं, और मैं उनके बिना अपने जीवन की कल्पना नहीं कर सकता।

दोस्त क्या है?

एक दोस्त वह है जिस पर आप भरोसा कर सकते हैं, जिस पर आप भरोसा कर सकते हैं। एक दोस्त वह है जिस पर आप विश्वास कर सकते हैं और समर्थन के लिए भरोसा कर सकते हैं। एक दोस्त होने का मतलब है जिसके साथ आप सहज महसूस करते हैं और जो आप हैं उसके लिए स्वीकार किए जाते हैं। एक दोस्त वह है

जिसके साथ आप मज़े कर सकते हैं, चाहे आप एक साहसिक कार्य पर जा रहे हों या बस एक आरामदायक रात के लिए रुक रहे हों। जब आपको रोने के लिए कंधे की जरूरत होती है या कोई आपको हंसाता है, तो एक दोस्त आपके लिए होता है।

एक दोस्त वह होता है जो सुख-दुख में आपके साथ रहेगा। तो अगर आप सोच रहे हैं कि दोस्त क्या है, तो यह एक शुरुआत है।

दोस्ती के अलग-अलग स्तर होते हैं – आकस्मिक परिचितों से लेकर करीबी दोस्तों तक।

आकस्मिक मित्र वे लोग होते हैं जिन्हें हम प्रतिदिन देखते हैं, जैसे हमारे सहपाठी या पड़ोसी। हम हैलो कह सकते हैं और थोड़ी देर चैट कर सकते हैं, लेकिन रिश्ते में बहुत गहराई नहीं है।

करीबी दोस्त वे लोग होते हैं जिन पर हम विश्वास करते हैं, जो हमें अंदर से जानते हैं। हो सकता है कि हम उन्हें रोज न देखें, लेकिन जब हम देखते हैं, तो ऐसा लगता है जैसे किसी पुराने दोस्त से मिल लिया हो। हम किसी भी चीज और हर चीज के बारे में बात कर सकते हैं, और आराम और गर्मजोशी का अहसास होता है।

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मित्रों का महत्व

दोस्त हमें समर्थन, दोस्ती, मार्गदर्शन, आलोचना, एक धैर्यवान कान और रोने के लिए एक कंधा प्रदान करते हैं। जब हमें उनकी आवश्यकता होती है, तब वे हमारे साथ रहकर हमारे जीवन को अधिक सुखद बनाते हैं।

हम सभी को अच्छे दोस्तों की जरूरत होती है, जिन पर हम भरोसा कर सकें और जो हमेशा हमारे साथ हों। दोस्त हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा हैं, और हमें उन्हें संजोना चाहिए। हमें उन्हें बताना चाहिए कि वे हमारे लिए कितने मायने रखते हैं और हम उनकी दोस्ती की कितनी कद्र करते हैं।

आप इसे महसूस करें या न करें, आपके दोस्त आपके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे वही हैं जो अच्छे समय और बुरे समय में आपके साथ हैं। ये वे लोग हैं जो आपको अंदर से जानते हैं और आप जैसे भी दिखते हैं, आपको स्वीकार करते हैं।

दोस्त महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे हमें खुश और स्वस्थ रहने में मदद करते हैं। अध्ययनों से पता चला है कि मजबूत सामाजिक संबंधों वाले लोगों के लंबे समय तक जीने की संभावना अधिक होती है और उनमें डिमेंशिया विकसित होने का जोखिम कम होता है। दोस्ती तनाव और चिंता को कम करने में मदद करती है और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देती है।

इसलिए अगर आप कभी इस दुनिया में अकेला महसूस करते हैं, तो याद रखें कि आपके पास ऐसे दोस्त हैं जो आपकी परवाह करते हैं और हमेशा आपके साथ रहेंगे।

कोई और दोस्त कैसे बना सकता है?

दोस्त बनाना मुश्किल हो सकता है, खासकर अगर आप अंतर्मुखी हैं या आपका सामाजिक दायरा छोटा है। लेकिन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए आप कुछ चीज़ें कर सकते हैं।

अधिक मित्र बनाने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

उन गतिविधियों और क्लबों में शामिल हों जिनमें आपकी रुचि हो। समान विचारधारा वाले लोगों से मिलने का यह एक शानदार तरीका है।

मुस्कुराओ और दोस्ताना रहो। यदि आप खुले और मैत्रीपूर्ण लगते हैं तो लोग आपसे संपर्क करने की अधिक संभावना रखते हैं I बातचीत शुरू करने से न डरें। लोगों से उनके दिन, उनकी रुचियों आदि के बारे में पूछें।

एक अच्छे श्रोता बनो। लोग आपकी सराहना करेंगे यदि आप उनकी बातों में रुचि लेते हैं।

मदद और समर्थन की पेशकश करें। यदि आप किसी को संघर्ष करते हुए देखते हैं, तो उसकी मदद करने की पेशकश करें। लोग आपकी दया को याद रखेंगे।

दोस्त बनाने में मेहनत लगती है, लेकिन यह एक फायदेमंद अनुभव हो सकता है। इन युक्तियों का पालन करके, आप कुछ ही समय में नए दोस्त बनाने की राह पर होंगे।

दोस्तों और परिवार में क्या अंतर है?

मित्रों और परिवार के बीच कई अंतर हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण अंतर समर्थन और देखभाल के इर्द-गिर्द घूमता है। दोस्त आम तौर पर वे लोग होते हैं जिनके साथ आपकी चीजें समान होती हैं और जिनके साथ आप समय बिताना पसंद करते हैं, जबकि परिवार उन लोगों का समूह है जिनके साथ रहना आपके लिए बाध्य है।

कुछ ऐसी समस्याएं हैं जिनका हम सामना करते हैं जिन्हें हम अपने परिवार के साथ साझा नहीं करना चाहते हैं, लेकिन हम अपने सबसे अच्छे दोस्त के साथ साझा करने में सहज महसूस करते हैं। हमारा सबसे अच्छा दोस्त हमें अंदर और बाहर जानता है, और वे सुनने वाले कान और कुछ अच्छी सलाह दे सकते हैं।

कभी-कभी, किसी ऐसे व्यक्ति से बात करना मददगार होता है जो हमें और हमारी स्थिति को समझता हो। इसलिए, यदि आप किसी चीज़ को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, तो अपने सबसे अच्छे दोस्त से संपर्क करने से न डरें। आप जो भी कर रहे हैं उसके माध्यम से सुनने और आपकी सहायता करने के लिए वे वहां होंगे।

Read More About Bestfriend Essay With Other Sources

अच्छे दोस्त बनाम बुरे दोस्त

जैसा कि कहा जाता है – “ज़रूरत में काम आने वाला दोस्त काम में काम आता है”, एक सच्चा दोस्त वह है जो मुश्किल समय में आपके साथ खड़ा होता है।

एक अच्छा दोस्त वह होता है जो आपके लिए तब होता है जब आपको उनकी आवश्यकता होती है। वे आपके साथ ईमानदार हैं और आपको सच बताने से नहीं डरते, भले ही इससे आपकी भावनाओं को ठेस पहुंचे। वे आपकी सीमाओं का भी सम्मान करते हैं और आपको नियंत्रित करने की कोशिश नहीं करते हैं।

एक बुरा दोस्त हमेशा आपका फायदा उठाने की कोशिश करता है। वे चालाकी करते हैं और अक्सर वे जो चाहते हैं उसे पाने के लिए आपसे झूठ बोलते हैं। वे आपकी सीमाओं का भी सम्मान नहीं करते हैं और अक्सर आपको नियंत्रित करने का प्रयास करते हैं।

निस्संदेह, अच्छे दोस्त होना जीवन की सबसे अच्छी चीजों में से एक है। वे आपको हंसाते हैं, जरूरत पड़ने पर आपके साथ होते हैं और लाइव को और मजेदार बनाते हैं।

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My Best Friend Essay In Hindi

मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – My Best Friend Essay In Hindi

मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – essay on my best friend in hindi.

संकेत-बिंदु –

  • मित्र-एक अनमोल धन
  • सच्चे मित्र की पहचान
  • सच्ची मित्रता के उदाहरण

मेरा मित्र / मेरा सच्चा मित्र / मित्र की आवश्यकता पर निबंध – Mera Mitr / Mera Sachcha Mitr / Mitr Kee Aavashyakata Par Nibandh

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न  हिंदी निबंध  विषय पा सकते हैं।

भूमिका – मनुष्य के जीवन में दुख-सुख आते-जाते रहते हैं। सुख के पलों को वह बड़ी आसानी से बिता लेता है, पर दुख के पल बिताना कठिन हो जाता है। ऐसे समय में उसे ऐसे व्यक्ति की ज़रूरत महसूस होती है जो दुख में उसका साथ दे, उसका दुख बाँट ले। दुख की बेला में साथ निभाने वाला व्यक्ति ही सच्चा मित्र होता है।

My Best Friend Essay In Hindi

मित्र एक अनमोल धन – एक सच्चा मित्र ही व्यक्ति के दुख में काम आता है, अतः वह अनमोल धन से भी बढ़कर होता है। मित्र रूपी यह धन किसी को मिलना कठिन होता है। जो लोग भाग्यशाली होते हैं, उन्हें ही सच्चे मित्र मिल पाते हैं। सच्चा मित्र उस औषधि के समान होता है जो उसे पीड़ा से बचाता है। इतना ही नहीं वह अपने मित्र को कुमार्ग से हटाकर सन्मार्ग की ओर ले जाता है और उसे पथभ्रष्ट होने से बचाता है।

Essay On My Best Friend In Hindi

सच्चे मित्र की पहचान – सच्चे मित्र की पहचान करना बड़ा कठिन काम होता है। किसी व्यक्ति में कुछ गुणों को देखकर लोग उसे मित्र बना बैठते हैं। ऐसे मित्र बुरा समय आने पर उसी तरह साथ छोड़ जाते हैं, जैसे-जाल पर पानी मछलियों का साथ छोड देता है। ऐसे में हमें जल जैसे स्वभाव वाले व्यक्ति को मित्र बनाने की भूल नहीं करनी चाहिए। कवि रहीम ने ठीक ही कहा है –

जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह। रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छोड़त छोह।

सच्चे मित्र की पहचान विपत्ति के समय ही होती है। कवि रहीम ने कहा है –

कह रहीम संपत्ति सगे, बनत बहुत बहु रीत। विपति कसौटी जे कसे. तेईं साँचे मीत।।

कवि तुलसीदास ने भी कहा है कि विपत्ति के समय में मित्र की परीक्षा करनी चाहिए –

आपतिकाल परखिए चारी। धीरज, धरम, मित्र, अरु नारी।।

सच्ची मित्रता के उदाहरण – इतिहास में अनेक उदहारण हैं, जब लोगों ने अपने मित्र के साथ सच्ची मित्रता का निर्वाह किया। उनकी मित्रता दूसरों के लिए आदर्श और अनुकरणीय बन गई। इस क्रम में कृष्ण और सुदामा की मित्रता विशेष रूप से उल्लेखनीय है। श्रीकृष्ण और सुदामा की स्थिति में ज़मीन आसमान का अंतर था। कहाँ कृष्ण द्वारिका के राजा और कहाँ सुदामा भीख माँगकर जीवन यापन करने वाले ब्राह्मण। कृष्ण ने ‘कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली’ की लोकोक्ति झुठलाकर सुदामा को इतना कुछ दिया कि उन्हें अपने समान बना दिया और सुदामा को इसका पता भी न लगने दिया।

दूसरा उदाहरण श्रीराम और सुग्रीव का है। श्रीराम ने सुग्रीव की मदद की और सुग्रीव ने अंत समय तक श्रीराम की सहायता की, जबकि राम अयोध्या के राजा और सुग्रीव मामूली से वानर राज।

इसी तरह कर्ण और दुर्योधन की मित्रता का उदाहरण उल्लेखनीय है। कर्ण जानता था कि दुर्योधन का साथ देने के कारण उसे अपने प्राणों से हाथ धोना पड़ेगा, परंतु अपनी जान की परवाह न करके उसने दुर्योधन का साथ निभाते हुए प्राण दे दिया।

उपसंहार –  जीवन में किसी का मित्र बनना जितना कठिन है, उससे भी अधिक कठिन है मित्रता का निर्वाह करना। हमें मित्र बनकर सच्ची मित्रता का उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। हमें मित्र के सुख में सुख और उसके दुख को अपना दुख समझना चाहिए। कहा भी गया है

जे न मित्र दुख होंहि दुखारी। तिनहिं बिलोकत पातक भारी।।

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Essay on my best friend in hindi मेरा प्रिय मित्र पर निबंध.

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Essay on My Best Friend in Hindi

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Essay on My Best Friend in Hindi 200 Words

मेरे कई दोस्त हैं लेकिन रेहान मेरा सबसे अच्छा दोस्त है। वह मेरा सहपाठी भी है। हम स्कूल में एक ही डेस्क पर बैठते हैं। हम एक साथ विद्यालय भी जाते हैं। हम अपने अधिकांश समय एक साथ बिताते हैं। रेहान में कई गुण हैं। वह एक आदर्श छात्र है। वह स्कूल आने में कभी देरी नहीं करता है। उसका व्यवहार अन्य छात्रों के लिए आदर्श है। वह पढाई में बहुत अच्छा है और अपने कक्षा में हमेशा प्रथम आता है। वह सरल जीवन और उच्च सोच में विश्वास रखता है और वह बहुत ही विनम्र स्वभाव का विद्यार्थी है। उसकी स्कूल पोशाक हमेशा साफ सुथरी होती है। उसके पिता एक प्रसिद्ध डॉक्टर हैं और उनकी मां भी एक डॉक्टर हैं। वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है। उसके मम्मी पापा उससे बहुत प्यार करते हैं। रेहान अपने माता – पिता का आँखों का तारा है।

रेहान हमेशा दूसरों से अच्छी बातें सीखने की कोशिश करता है। वह गरीबों और जरूरतमंदों की हमेशा मदद करता है। वह मेरे अध्ययन के लिए भी बहुत मददगार है। वह हमारी स्कूल क्रिकेट टीम का कप्तान है। रेहान ने विद्यालय के लिए क्रिकेट टूर्नामेंट में कई ट्राफियां जीती हैं। वह एक अच्छा गायक भी है। मुझे अपने दोस्त पर गर्व है।

Essay on My Best Friend in Hindi 300 Words

मेरा प्रिय दोस्त सबसे अलग है जिससे मैं अपनी भावनाओं को साझा कर सकता हूँ, उसका नाम अभिनव है। वह हमारे घर के पास में ही रहता है। हम एक ही कक्षा में है और हम दोनो कक्षा – 3 में मिले थे। वह हमारी कक्षा का सबसे होनहार छात्र है। हम एक साथ कक्षा में बैठते है और अपनी हर चीज को बिना किसी कठिनाई के साझा करते है। हम एक दूसरे की जरूरतों को अच्छी तरह से समझते है। वह स्वभाव में भी बहुत अच्छा है। वह दिखने में लम्बा, सुन्दर और स्मार्ट है। वह बहुत आज्ञाकारी है। वह पढाई में भी बहुत अच्छा है वह अपने स्कूल के काम को बडे ध्यान से करता है। वह हमारी कक्षा अध्यापिका का प्रिय छात्र है क्योंकि वह सभी शिष्टाचारों का पालन करता है।

हम अपना खाना भी साझा करते है। वह मेरी भावनाओं का सम्मान करता है और हमेशा मेरी मदद करता है। हम दोनो की ज्यादातर आदते एक जैसी है। हमे संगीत सुनना, कार्टून देखना और घर पर लूडो खेलना भी बहुत पसंद है। हम खेल के मैदान में भी एक दूसरे का ध्यान रखते है। जब हम दोनों में से एक स्कूल नही जाता तो हम अपनी स्कूल की कापी भी साझा करते है। हमें ड्राईंग करना भी बहुत पसंद है। हम अपने अपने माता पिता के साथ गर्मियों की छुट्टीयों में धूमने जाते है मुझे अपने प्रिय मित्र पर गर्व है।

Essay on My Best Friend in Hindi 350 Words

मेरे प्रिय मित्र का नाम धीरज है। मैं और मेरा मित्र गुरुकुल विद्या मंदिर नाम के विद्यालय में एक साथ पढ़ने जाते है। हम दोनों एक ही कक्षा में पढ़ते है। हम विद्यालय में एक साथ खाना खाते हैं और एक दूसरे के साथ खाना बांटते भी है। धीरज पढ़ाई में भी बहुत होशियार है, वह हर बार अव्वल नंबर से पास होता है। पहले मैं पढ़ाई में बहुत कमजोर था लेकिन जब से धीरज और मेरी गहरी दोस्ती हुई है तब से मैं भी हर बार अव्वल नंबर से पास होता हूं।

धीरज मेरे घर के पास ही रहता है। वह कभी कभी मेरे घर भी आता है और मेरे माता पिता उसे बहुत पसंद करते है। धीरज के पिताजी व्यापारी हैं और माताजी गृहणी है। धीरज हमेशा खुश रहता है और मुझे भी खुश रखता है। मेरा मित्र धीरज स्वभाव का बहुत ही अच्छा है, हमारी बचपन से ही अच्छी दोस्ती है। अगर कभी मुझसे गलती भी हो जाती है तो वह मुझे माफ कर देता है।

वह सदा बड़ों का आदर करता है। उसकी सबसे अच्छी आदत यह है कि वह शाम को जल्दी सोता है और सुबह जल्दी उठकर सैर करने जाता हैं। धीरज समय का बड़ा पाबंद है वह कभी भी समय का दुरुपयोग नहीं करता है। वह हमेशा मुस्कुराता रहता है जिसके कारण जो भी उसे देखता है वह खुश हो जाता है। जब भी मैं किसी मुसीबत में होता हूं तो वह सदा मेरे साथ खड़ा होता है और मेरा साथ निभाता है। जब भी मैं निराश होता हूं तो वह मुझे हौसला देता है और कभी न हारने की सलाह देता है। वह सही मायनों में मेरा सबसे प्रिय मित्र है।

वह अच्छा मित्र होने के साथ-साथ एक अच्छा भाई भी है और अच्छा पुत्र भी है। मुझे गर्व है कि मुझे धीरज जैसा प्रिय मित्र मिला। शुक्रिया ! ऐ दोस्त मेरी जिन्दगी में आने के लिए, हर लम्हे को इतना खूबसूरत बनाने के लिए, तू है तो हर खुशी पर मेरा नाम लिख गया है, शुक्रिया ! मुझे इतना खुशनसीब बनाने के लिए…

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मेरा प्रिय मित्र पर हिंदी में निबंध (Mera Priya Mitra Par Nibandh in Hindi)

Updated On: January 02, 2024 10:53 am IST

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  • मेरे प्रिय मित्र पर 250 शब्दों में निबंध (Essay On …
  • मेरा प्रिय मित्र पर 500 शब्दों में निबंध (Essay on …

मेरा प्रिय मित्र पर हिंदी में निबंध

मेरा प्रिय मित्र पर हिंदी में निबंध (My Best Friend Essay in Hindi)

मेरे प्रिय मित्र पर 250 शब्दों में निबंध (essay on my best friend in 250 words), मेरा प्रिय मित्र पर 500 शब्दों में निबंध (essay on my best friend in 500 words in hindi), are you feeling lost and unsure about what career path to take after completing 12th standard.

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Essay on My True Friend in Hindi

मेरा सच्चा मित्र निबंध | My True Friend in Hindi | Hindi Essay | My True Friend Essay in hindi.

हमारे कहि मित्र होते हैं पर वह सारे हमारे सच्चे मित्र होते हैं यह कहना सही ना होगाl मित्र और सच्चे मित्र में काफी फर्क होता है। हमारा सच्चा मित्र वही होता है जो हर सुख दुख में हमारा साथ दें। जब सारी दुनिया हमारे विपरीत खड़ी हो तो वह हमारे साथ खड़ा हो। हमें सही मार्गदर्शन देने में जिसका मुख्य योगदान है। सच्चा मित्र वही होता है जो हमारे सही को सही और गलत को गलत कहने की हिम्मत रखता है। जो व्यक्ति हमारे गलत करने पर हमें रोकता रोकता है वह हमारा सच्चा मित्र होता है। हमारे कई मित्र होते हैं जो हमारे गलतियों का हमें एहसास नहीं करवाते तो हमारे सच्चे मित्र नहीं होते हैं। हमारे गलत काम करने में भी हमारा साथ देते परंतु हमें गलत काम करने से नहीं रोक सकते। ऐसे मित्रों के साथ रहने से अच्छा है कि हमें कोई मित्र ना है। यदि हमें कोई अच्छा मित्र रखना है तो ऐसा मित्र रखे जो हमें सूर्य की तरह मार्गदर्शन करें। हमारे जीवन के अंधकार को दूर करने की कोशिश करें। हमारे बुराइयों को कम करने में हमारी मदद करें।

कई लोग हमारे सच्चे मित्र होने का दावा करते हैं लेकिन जब हम पर मुसीबत आती है तो वह सबसे पहले निकल भागते हैं। हम से किनारा कर लेते हैं। ऐसे लोग कभी किसी के सच्चे मित्र नहीं हो सकते। सच्चा मित्र वही होता है जो मुसीबत के समय हमारे साथ खड़े हो और हमारा हौसला बढ़ा है। हमें टूटने से बचा है। सच्चा मित्र वही होता है जो खुद के साथ-साथ अपने मित्र की भी भलाई सोचता है। सच्चा मित्र कभी गुरु होता है कभी भाई होता है तो कभी बहन होती है। सच्चा मित्र हमें किसी भी रूप में मिल सकता है। सच्चा मित्र यह एक दिए की तरह हमारे मार्ग को हमेशा रोशन करता है। हमें प्रगति तथा उन्नति की राह में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।

कई लोग हमें जीवन के रास्ते से भटका ते हैं। हमें बुरी आदत है लगाते हैं। हमारा हर गलत कामों में साथ देते हैं तथा हमें गलत काम करने के लिए प्रेरित करता है। ऐसे लोग कभी किसी के सच्चे मित्र नहीं हो सकते। ऐसे लोग शत्रु की तरह होते हैं। जो हमें हमारे रस्ते से भटका कर हमारे जीवन को अंधकार में धकेल देते हैं। हमें ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए। सच्चा दोस्त यह हमेशा सूरज की तरह होता है जो हमारे जिंदगी से अंधकार को मिटाकर हमारे जिंदगी में हमें सही मार्ग दिखाता है। सच्चा दोस्त यह रात में चमकने वाले जुगनू की तरह हमें रास्ता नहीं बुलाता।

भारत में प्राचीन काल से ही दोस्ती की अटूट परंपरा चली आ रही है। भारत देश में लोग अपने दोस्ती के लिए अपनी जान भी दे देते हैं। प्राचीन इतिहास में राजपूत ,मराठों की दोस्ती के कई किस्से मशहूर है l श्री कृष्ण और वासुदेव की दोस्ती से तो हम सभी भलीभांति परिचित हैं। दोस्त का दोस्ती के लिए अपनी जान निछावर करते हैं ऐसा भारत भूमि का इतिहास रहा है।

हर व्यक्ति के जीवन में एक अच्छा और एक सच्चा दोस्त रहना चाहिए। वह हमारे हर सुख दुख में हमारा सहारा बन के हमारा साथ देने का है। हमेशा हमारी हिम्मत पढ़ाता है।

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Speech on Friendship in Hindi : इस मित्रता दिवस दें ऐसी स्पीच जो सबके दिल को छू जाए

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  • Updated on  
  • अगस्त 8, 2023

Speech on Friendship in Hindi

फ्रेंडशिप डे जल्द ही आने वाला है। हम आपके लिए लेकर आए हैं Speech on Friendship in Hindi के कुछ ऐसे उदाहरण जिन्हें आप स्कूल/ कॉलेज मॉर्निंग असेंबली में दे सकते हैं। साथ ही जानिए Speech on Friendship in Hindi लिखने की कुछ टिप्स। 

This Blog Includes:

भाषण क्या है, speech on friendship : sample 1, speech on friendship : sample 2, speech on friendship : sample 3, मित्रता से जुड़े कुछ रोचक तथ्य .

भाषण एक ऐसा वक्तव्य होता है जिसे किसी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक रूप से उचित समय पर एक दूसरे व्यक्तियों को संबोधित करने के लिए किया जाता है। यह वक्तव्य विभिन्न उद्देश्यों के साथ किया जा सकता है, जैसे कि लोगों को उत्साहित करना, विचारों को व्यक्त करना, सूचना देना, या विशेष विषयों पर जागरूकता पैदा करना। भाषण अक्सर सार्वजनिक समारोह, सभा, सेमिनार, शिक्षा संस्थानों, राजनीतिक या सामाजिक अवसरों पर दिया जाता है।

प्रिंसिपल जी, सभी शिक्षकों और मेरे प्यारे साथियों को मेरा नमस्कार,

आज हम सभी यहां एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन मनाने आए हैं, जिसका नाम है “फ्रेंडशिप डे” यानि मित्रता दिवस।

मित्रता जीवन का अनमोल रत्न है। यह विशेष रिश्ता है जो दोस्तों के बीच विश्वास, सम्मान और समर्थन के साथ बनता है। मित्रता हमें खुशियों को बांटने और दुखों को कम करने का रास्ता दिखाती है। दोस्त हमारे जीवन के सच्चे साथी होते हैं, जो हमारे सफलता में सहायक बनते हैं और कठिनाइयों में साथ देते हैं। मित्रता जीवन को सजाने और समृद्ध करने का एक महत्वपूर्ण तत्व है। इसे समझें और संरक्षित करें।

प्रिय सभी वर्गजनों को नमस्कार!

मित्रता एक ऐसी अनमोल धरोहर है जो हमारे जीवन को सुंदर बनाती है और हमें आनंद का एहसास कराती है। मित्रता एक पवित्र बंधन है जिसमें दो व्यक्ति आपस में विश्वास करते हैं, समर्थन करते हैं और एक-दूसरे के साथ खुशियों और दुखों का सामना करते हैं।

मित्रता का अर्थ है साझा रिश्ता जिसमें सम्मान, सच्चाई, समर्थन और संवेदनशीलता का भाव होता है। एक सच्चा मित्र हमारे साथ हमारे उत्सवों में खड़ा होता है और हमारे विपदा में हमारा साथ नहीं छोड़ता। वह हमें सही सलाह देता है और हमें सही रास्ते पर चलने में मदद करता है।

मित्रता के रिश्ते जीवन को बेहद सुंदर और खुशनुमा बनाते हैं। हमारे दोस्त हमारे दिल के करीब होते हैं और हमें आत्मविश्वास देते हैं। दोस्ती में विश्वास और समर्थन का महत्व अधिक होता है जो हमें हर मुश्किल समय में साथ खड़ा करता है।

इसलिए, हम सभी को मित्रता का महत्व समझना चाहिए और अपने दोस्तों के साथ खुशियों को बाँटने और दुखों को हल करने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए। आइए हम सभी इस मित्रता दिवस पर अपने दोस्तों को धन्यवाद देने का वचन करें और उन्हें याद दिलाएं कि वे हमारे लिए कितने मायने रखते हैं।

मित्रता, जीवन के सबसे मूल्यवान रत्नों में से एक है जो हमारे जीवन को सजाती है, समृद्धि और सुख का एहसास कराती है। यह वह रिश्ता है जो सिर्फ शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता, बल्कि एहसासों, भावनाओं और संवेदनाओं के माध्यम से जीता जाता है।

मित्रता एक अनोखी भावना है, जिसमें दो व्यक्तियों के बीच विश्वास, समर्थन, सम्मान और समरसता होती है। एक सच्चा मित्र हमेशा हमारे साथ खड़ा होता है, हमारी सारी खुशियाँ और दुखों को साझा करता है, हमारे सपनों को समर्थन देता है और हमेशा हमारे लिए प्राथमिकता रखता है।

मित्रता के रिश्ते में विश्वास का महत्व बहुत अधिक होता है। एक सच्चा मित्र हमें विश्वास दिलाता है कि वह हमेशा हमारे साथ है और हम पर भरोसा कर सकते हैं। उसके बिना हम अपनी दुखों और सुखों को साझा नहीं कर सकते। जब हम अकेले होते हैं और समस्याओं का सामना करना पड़ता है, तो मित्र का साथ हमें ऊर्जा और हौसला देता है।

मित्रता का एक और महत्वपूर्ण गुण है समर्थन। एक सच्चा मित्र हमेशा हमारे साथ होता है और हमारे सपनों को पूरा करने में हमारी मदद करता है। उसका समर्थन हमें नई ऊँचाइयों को छुआने के लिए प्रेरित करता है और हमारे अध्ययन और करियर में सफलता के मार्ग का प्रशासन करता है।

मित्रता में सम्मान रखना भी बहुत महत्वपूर्ण है। हमारे मित्र हमारे साथ हमेशा सम्मानपूर्वक व्यवहार करते हैं और हमारी भावनाओं का ख्याल रखते हैं। एक सच्चा मित्र हमारे दिल के करीब होता है और हमें सम्मान और आदर्श के साथ बर्ताव करता है।

मित्रता का एक और अनमोल गुण है समरसता। मित्र एक-दूसरे के साथ हमेशा समरस रहते हैं, उनके बीच संबंधों की मजबूती और समरसता होती है। वे एक-दूसरे के साथ समय बिताने में आनंद और संतुष्टि का अनुभव करते हैं और हर मुश्किल समय में एक-दूसरे का साथ देते हैं।

मित्रता जीवन को सजाने और समृद्ध करने का एक महतत्वपूर्ण तत्व है। यह हमें जीवन की सार्थकता और प्रयासों के माध्यम से अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की प्रेरणा देता है। वास्तविक दोस्ती में खुशियों और दुखों को साझा करने, समस्याओं का सामना करने, सपनों की पूर्ति में सहायता करने और अच्छे और बुरे समय में एक-दूसरे का साथ देने का आनंद होता है।

मित्रता का महत्व न सिर्फ व्यक्तिगत स्तर पर होता है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक महत्वपूर्ण दिल्ली है। एक समृद्ध समाज उसमें विवादों के बजाए समरसता और सौहार्दता को बढ़ाता है। मित्रता समाज को मजबूत बनाने में सहायक होती है और सामाजिक समूहों को एकजुट करती है।

मित्रता के रिश्ते से विभिन्न अनमोल सीखें भी प्राप्त होती हैं। हमें समर्थन करने, सम्मान देने, और आपसी सम्मेलन का महत्व सीखा जाता है। दोस्ती से हम यह भी सीखते हैं कि अगर हम सच्चे और समरस रिश्ते बनाएंगे, तो हमारे जीवन में सुख-शांति रहेगी।

मित्रता दिवस इस अवसर को याद करने और अपने प्रिय दोस्तों के साथ खास पलों का आनंद लेने का अवसर है। इस दिन हमें अपने दोस्तों को धन्यवाद देने और उन्हें अपनी मित्रता के अद्भुत संबंधों को मजबूत बनाने का संकेत मिलता है।

इस अवसर पर, मैं आप सभी से विनम्रता से निवेदन करता हूं कि आप अपने दोस्तों के साथ विशेष पलों का आनंद लें, उन्हें धन्यवाद दें और अपने जीवन में सच्ची मित्रता को समर्पित करें। आपके दोस्त आपके साथ हमेशा रहेंगे, आपके समर्थन में हमेशा खड़े रहेंगे और आपकी खुशियों में साझा खुशियाँ मनाएंगे।

मित्रता एक ऐसा विशेष रिश्ता है जो जीवन को सजाता है, खुशियों का सामना कराता है और दुखों को कम करता है। यह एक ऐसी ख़ूबसूरत और निर्मल भावना है जो हमें आत्मनिर्भर बनाती है और जीवन को सफलता की और ले जाती है।

Speech on Friendship in Hindi में शामिल करें मित्रता से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जो नीचे दिए गए हैं :

  • दोस्ती करना हमारे मानसिक स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए अच्छा है।
  • मनुष्य अपने जीवनकाल में सैकड़ों दोस्त बनाते हैं, लेकिन 12 में से केवल 1 दोस्ती ही टिक पाती है। 
  • जानवर भी बनाते हैं दोस्त!
  • विनी द पूह को 1997 से संयुक्त राष्ट्र द्वारा मैत्री का राजदूत नामित किया गया।
  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दुनिया के लोगों के बीच शांति, सुरक्षा और सद्भाव को बढ़ावा देने में मदद के लिए अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस की शुरुआत की। 
  • अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस विभिन्न स्थानों और पृष्ठभूमि के लोगों को एक साथ गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करता है जहां वे अन्य संस्कृतियों के बारे में सीख सकते हैं, साझा कर सकते हैं और उनकी सराहना कर सकते हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस जैसे अंतर्राष्ट्रीय दिवस मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मानवता के बारे में अच्छी चीजों का जश्न मनाने के लिए मौजूद हैं।
  • अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) द्वारा स्थापित शांति और अहिंसा की संस्कृति से जुड़ा है।
  • लोगों के पास आमतौर पर एक समय में दो से अधिक “सबसे अच्छे दोस्त” नहीं होते हैं। 
  • एक अच्छी दोस्ती के लिए विश्वास और सम्मान वास्तव में महत्वपूर्ण हैं!

यह था Speech on Friendship in Hindi पर हमारा ब्लॉग। ऐसे ही अन्य ब्लोग्स पढ़ने के लिए बने रहिये Leverage Edu के साथ। 

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विशाखा सिंह

A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.

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April Fool’s Day 2024: The best jokes and pranks today

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Lifestyle Edit

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Even though April Fools’ Day rolls around each year , there are always some unsuspecting people who fall for a gag or two.

From major corporations, brands, and even celebrities, everyone wants to be in on the fun, as they all try to outdo each other.

Some of the finest and most elaborate April Fool’s Day pranks from years past have entered into history at this point, such as the televised “spaghetti harvest” hoax .

Tricksters continue to keep up the ruse every year, with celebrities such as Ant and Dec getting in on the action for 1 April 2024.

Here is a roundup of the best pranks and gags from this year’s April Fool’s Day...

Krispy Kreme lets customers glaze anything… even a pizza

Krispy Kreme has a one day special offer inviting customers to come in and glaze anything they like – a slice of pizza, your cheeseburger, or even your morning oats.

Alison Hammond pranked on This Morning

Alison Hammond fell victim to an April Fools’ Day prank as she made her return to This Morning on Monday. Hammond and co-host Dermot O’Leary were interviewing a “guest” who apparently discovered her £1.50 vase was worth £30,000. Hijinks ensue.

Aldi’s unveils haggis ice cream

In a move that may potentially divide the nation, Aldi Scotland revealed a line of haggis-infused ice cream. Not for the faint of heart, obviously.

Dulux drops its new range of “scratch and sniff” paint

Dulux’s Easter-inspired range sounds almost too good to be true. The new revolutionary “Scratch & Sniff” collection features shades like Chocolate Sprinkles, Hazelnut Truffle, Cookie Dough, and Caramel Cream, and dries in only two hours. After that, scratch and sniff all you want!

As Dulux says: “Whether you’re redecorating your kitchen, bedroom, or even your bathroom, now every room can be a sensory spectacle.”

Sainsbury's drops new trolley

For everyone who likes to shop till they drop, Sainsbury has a solution. An obvious favourite, this one.

Ant and Dec announce hiatus

Ant and Dec have decided to announce an immediate hiatus to ply their trade somewhere else – the kitchen. Ant said: “I believe that food has the power to bring people together and create cherished memories, that’s how my family feel when I make them beans on toast. I am excited to embark on this culinary journey with my sous chef, Dec.”

Honda’s pet-activated wireless system

Honda’s Pet Activated Wireless System

Honda’s new “state-of-the-art, dog-first” technology, PAW-S, is a godsend for pet lovers. The new vehicle entry activation system supposedly allows your dog to access the car boot, and plenty of canine-friendly amenities, without any need for the owner to be around. Pooches can also use smart in-car technology to go for walks with their fellow four-legged friends.

Just stop oil announces their collaboration with Gorilla Glue

A partnership for the ages... or maybe just today. Climate protest activist group Just Stop Oil announced they had entered a partnership with American adhesive manufacturer Gorilla Glue. Mark Mercurio, president and chief executive officer of Gorilla Glue, said, “From glueing to roads or government departments, our incredibly strong range of polyurethane epoxies will keep environmental defenders in place for longer.”

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  • The Case for Marrying an Older Man

A woman’s life is all work and little rest. An age gap relationship can help.

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In the summer, in the south of France, my husband and I like to play, rather badly, the lottery. We take long, scorching walks to the village — gratuitous beauty, gratuitous heat — kicking up dust and languid debates over how we’d spend such an influx. I purchase scratch-offs, jackpot tickets, scraping the former with euro coins in restaurants too fine for that. I never cash them in, nor do I check the winning numbers. For I already won something like the lotto, with its gifts and its curses, when he married me.

He is ten years older than I am. I chose him on purpose, not by chance. As far as life decisions go, on balance, I recommend it.

When I was 20 and a junior at Harvard College, a series of great ironies began to mock me. I could study all I wanted, prove myself as exceptional as I liked, and still my fiercest advantage remained so universal it deflated my other plans. My youth. The newness of my face and body. Compellingly effortless; cruelly fleeting. I shared it with the average, idle young woman shrugging down the street. The thought, when it descended on me, jolted my perspective, the way a falling leaf can make you look up: I could diligently craft an ideal existence, over years and years of sleepless nights and industry. Or I could just marry it early.

So naturally I began to lug a heavy suitcase of books each Saturday to the Harvard Business School to work on my Nabokov paper. In one cavernous, well-appointed room sat approximately 50 of the planet’s most suitable bachelors. I had high breasts, most of my eggs, plausible deniability when it came to purity, a flush ponytail, a pep in my step that had yet to run out. Apologies to Progress, but older men still desired those things.

I could not understand why my female classmates did not join me, given their intelligence. Each time I reconsidered the project, it struck me as more reasonable. Why ignore our youth when it amounted to a superpower? Why assume the burdens of womanhood, its too-quick-to-vanish upper hand, but not its brief benefits at least? Perhaps it came easier to avoid the topic wholesale than to accept that women really do have a tragically short window of power, and reason enough to take advantage of that fact while they can. As for me, I liked history, Victorian novels, knew of imminent female pitfalls from all the books I’d read: vampiric boyfriends; labor, at the office and in the hospital, expected simultaneously; a decline in status as we aged, like a looming eclipse. I’d have disliked being called calculating, but I had, like all women, a calculator in my head. I thought it silly to ignore its answers when they pointed to an unfairness for which we really ought to have been preparing.

I was competitive by nature, an English-literature student with all the corresponding major ambitions and minor prospects (Great American novel; email job). A little Bovarist , frantic for new places and ideas; to travel here, to travel there, to be in the room where things happened. I resented the callow boys in my class, who lusted after a particular, socially sanctioned type on campus: thin and sexless, emotionally detached and socially connected, the opposite of me. Restless one Saturday night, I slipped on a red dress and snuck into a graduate-school event, coiling an HDMI cord around my wrist as proof of some technical duty. I danced. I drank for free, until one of the organizers asked me to leave. I called and climbed into an Uber. Then I promptly climbed out of it. For there he was, emerging from the revolving doors. Brown eyes, curved lips, immaculate jacket. I went to him, asked him for a cigarette. A date, days later. A second one, where I discovered he was a person, potentially my favorite kind: funny, clear-eyed, brilliant, on intimate terms with the universe.

I used to love men like men love women — that is, not very well, and with a hunger driven only by my own inadequacies. Not him. In those early days, I spoke fondly of my family, stocked the fridge with his favorite pasta, folded his clothes more neatly than I ever have since. I wrote his mother a thank-you note for hosting me in his native France, something befitting a daughter-in-law. It worked; I meant it. After graduation and my fellowship at Oxford, I stayed in Europe for his career and married him at 23.

Of course I just fell in love. Romances have a setting; I had only intervened to place myself well. Mainly, I spotted the precise trouble of being a woman ahead of time, tried to surf it instead of letting it drown me on principle. I had grown bored of discussions of fair and unfair, equal or unequal , and preferred instead to consider a thing called ease.

The reception of a particular age-gap relationship depends on its obviousness. The greater and more visible the difference in years and status between a man and a woman, the more it strikes others as transactional. Transactional thinking in relationships is both as American as it gets and the least kosher subject in the American romantic lexicon. When a 50-year-old man and a 25-year-old woman walk down the street, the questions form themselves inside of you; they make you feel cynical and obscene: How good of a deal is that? Which party is getting the better one? Would I take it? He is older. Income rises with age, so we assume he has money, at least relative to her; at minimum, more connections and experience. She has supple skin. Energy. Sex. Maybe she gets a Birkin. Maybe he gets a baby long after his prime. The sight of their entwined hands throws a lucid light on the calculations each of us makes, in love, to varying degrees of denial. You could get married in the most romantic place in the world, like I did, and you would still have to sign a contract.

Twenty and 30 is not like 30 and 40; some freshness to my features back then, some clumsiness in my bearing, warped our decade, in the eyes of others, to an uncrossable gulf. Perhaps this explains the anger we felt directed at us at the start of our relationship. People seemed to take us very, very personally. I recall a hellish car ride with a friend of his who began to castigate me in the backseat, in tones so low that only I could hear him. He told me, You wanted a rich boyfriend. You chased and snuck into parties . He spared me the insult of gold digger, but he drew, with other words, the outline for it. Most offended were the single older women, my husband’s classmates. They discussed me in the bathroom at parties when I was in the stall. What does he see in her? What do they talk about? They were concerned about me. They wielded their concern like a bludgeon. They paraphrased without meaning to my favorite line from Nabokov’s Lolita : “You took advantage of my disadvantage,” suspecting me of some weakness he in turn mined. It did not disturb them, so much, to consider that all relationships were trades. The trouble was the trade I’d made struck them as a bad one.

The truth is you can fall in love with someone for all sorts of reasons, tiny transactions, pluses and minuses, whose sum is your affection for each other, your loyalty, your commitment. The way someone picks up your favorite croissant. Their habit of listening hard. What they do for you on your anniversary and your reciprocal gesture, wrapped thoughtfully. The serenity they inspire; your happiness, enlivening it. When someone says they feel unappreciated, what they really mean is you’re in debt to them.

When I think of same-age, same-stage relationships, what I tend to picture is a woman who is doing too much for too little.

I’m 27 now, and most women my age have “partners.” These days, girls become partners quite young. A partner is supposed to be a modern answer to the oppression of marriage, the terrible feeling of someone looming over you, head of a household to which you can only ever be the neck. Necks are vulnerable. The problem with a partner, however, is if you’re equal in all things, you compromise in all things. And men are too skilled at taking .

There is a boy out there who knows how to floss because my friend taught him. Now he kisses college girls with fresh breath. A boy married to my friend who doesn’t know how to pack his own suitcase. She “likes to do it for him.” A million boys who know how to touch a woman, who go to therapy because they were pushed, who learned fidelity, boundaries, decency, manners, to use a top sheet and act humanely beneath it, to call their mothers, match colors, bring flowers to a funeral and inhale, exhale in the face of rage, because some girl, some girl we know, some girl they probably don’t speak to and will never, ever credit, took the time to teach him. All while she was working, raising herself, clawing up the cliff-face of adulthood. Hauling him at her own expense.

I find a post on Reddit where five thousand men try to define “ a woman’s touch .” They describe raised flower beds, blankets, photographs of their loved ones, not hers, sprouting on the mantel overnight. Candles, coasters, side tables. Someone remembering to take lint out of the dryer. To give compliments. I wonder what these women are getting back. I imagine them like Cinderella’s mice, scurrying around, their sole proof of life their contributions to a more central character. On occasion I meet a nice couple, who grew up together. They know each other with a fraternalism tender and alien to me.  But I think of all my friends who failed at this, were failed at this, and I think, No, absolutely not, too risky . Riskier, sometimes, than an age gap.

My younger brother is in his early 20s, handsome, successful, but in many ways: an endearing disaster. By his age, I had long since wisened up. He leaves his clothes in the dryer, takes out a single shirt, steams it for three minutes. His towel on the floor, for someone else to retrieve. His lovely, same-age girlfriend is aching to fix these tendencies, among others. She is capable beyond words. Statistically, they will not end up together. He moved into his first place recently, and she, the girlfriend, supplied him with a long, detailed list of things he needed for his apartment: sheets, towels, hangers, a colander, which made me laugh. She picked out his couch. I will bet you anything she will fix his laundry habits, and if so, they will impress the next girl. If they break up, she will never see that couch again, and he will forget its story. I tell her when I visit because I like her, though I get in trouble for it: You shouldn’t do so much for him, not for someone who is not stuck with you, not for any boy, not even for my wonderful brother.

Too much work had left my husband, by 30, jaded and uninspired. He’d burned out — but I could reenchant things. I danced at restaurants when they played a song I liked. I turned grocery shopping into an adventure, pleased by what I provided. Ambitious, hungry, he needed someone smart enough to sustain his interest, but flexible enough in her habits to build them around his hours. I could. I do: read myself occupied, make myself free, materialize beside him when he calls for me. In exchange, I left a lucrative but deadening spreadsheet job to write full-time, without having to live like a writer. I learned to cook, a little, and decorate, somewhat poorly. Mostly I get to read, to walk central London and Miami and think in delicious circles, to work hard, when necessary, for free, and write stories for far less than minimum wage when I tally all the hours I take to write them.

At 20, I had felt daunted by the project of becoming my ideal self, couldn’t imagine doing it in tandem with someone, two raw lumps of clay trying to mold one another and only sullying things worse. I’d go on dates with boys my age and leave with the impression they were telling me not about themselves but some person who didn’t exist yet and on whom I was meant to bet regardless. My husband struck me instead as so finished, formed. Analyzable for compatibility. He bore the traces of other women who’d improved him, small but crucial basics like use a coaster ; listen, don’t give advice. Young egos mellow into patience and generosity.

My husband isn’t my partner. He’s my mentor, my lover, and, only in certain contexts, my friend. I’ll never forget it, how he showed me around our first place like he was introducing me to myself: This is the wine you’ll drink, where you’ll keep your clothes, we vacation here, this is the other language we’ll speak, you’ll learn it, and I did. Adulthood seemed a series of exhausting obligations. But his logistics ran so smoothly that he simply tacked mine on. I moved into his flat, onto his level, drag and drop, cleaner thrice a week, bills automatic. By opting out of partnership in my 20s, I granted myself a kind of compartmentalized, liberating selfishness none of my friends have managed. I am the work in progress, the party we worry about, a surprising dominance. When I searched for my first job, at 21, we combined our efforts, for my sake. He had wisdom to impart, contacts with whom he arranged coffees; we spent an afternoon, laughing, drawing up earnest lists of my pros and cons (highly sociable; sloppy math). Meanwhile, I took calls from a dear friend who had a boyfriend her age. Both savagely ambitious, hyperclose and entwined in each other’s projects. If each was a start-up , the other was the first hire, an intense dedication I found riveting. Yet every time she called me, I hung up with the distinct feeling that too much was happening at the same time: both learning to please a boss; to forge more adult relationships with their families; to pay bills and taxes and hang prints on the wall. Neither had any advice to give and certainly no stability. I pictured a three-legged race, two people tied together and hobbling toward every milestone.

I don’t fool myself. My marriage has its cons. There are only so many times one can say “thank you” — for splendid scenes, fine dinners — before the phrase starts to grate. I live in an apartment whose rent he pays and that shapes the freedom with which I can ever be angry with him. He doesn’t have to hold it over my head. It just floats there, complicating usual shorthands to explain dissatisfaction like, You aren’t being supportive lately . It’s a Frenchism to say, “Take a decision,” and from time to time I joke: from whom? Occasionally I find myself in some fabulous country at some fabulous party and I think what a long way I have traveled, like a lucky cloud, and it is frightening to think of oneself as vapor.

Mostly I worry that if he ever betrayed me and I had to move on, I would survive, but would find in my humor, preferences, the way I make coffee or the bed nothing that he did not teach, change, mold, recompose, stamp with his initials, the way Renaissance painters hid in their paintings their faces among a crowd. I wonder if when they looked at their paintings, they saw their own faces first. But this is the wrong question, if our aim is happiness. Like the other question on which I’m expected to dwell: Who is in charge, the man who drives or the woman who put him there so she could enjoy herself? I sit in the car, in the painting it would have taken me a corporate job and 20 years to paint alone, and my concern over who has the upper hand becomes as distant as the horizon, the one he and I made so wide for me.

To be a woman is to race against the clock, in several ways, until there is nothing left to be but run ragged.

We try to put it off, but it will hit us at some point: that we live in a world in which our power has a different shape from that of men, a different distribution of advantage, ours a funnel and theirs an expanding cone. A woman at 20 rarely has to earn her welcome; a boy at 20 will be turned away at the door. A woman at 30 may find a younger woman has taken her seat; a man at 30 will have invited her. I think back to the women in the bathroom, my husband’s classmates. What was my relationship if not an inconvertible sign of this unfairness? What was I doing, in marrying older, if not endorsing it? I had taken advantage of their disadvantage. I had preempted my own. After all, principled women are meant to defy unfairness, to show some integrity or denial, not plan around it, like I had. These were driven women, successful, beautiful, capable. I merely possessed the one thing they had already lost. In getting ahead of the problem, had I pushed them down? If I hadn’t, would it really have made any difference?

When we decided we wanted to be equal to men, we got on men’s time. We worked when they worked, retired when they retired, had to squeeze pregnancy, children, menopause somewhere impossibly in the margins. I have a friend, in her late 20s, who wears a mood ring; these days it is often red, flickering in the air like a siren when she explains her predicament to me. She has raised her fair share of same-age boyfriends. She has put her head down, worked laboriously alongside them, too. At last she is beginning to reap the dividends, earning the income to finally enjoy herself. But it is now, exactly at this precipice of freedom and pleasure, that a time problem comes closing in. If she would like to have children before 35, she must begin her next profession, motherhood, rather soon, compromising inevitably her original one. The same-age partner, equally unsettled in his career, will take only the minimum time off, she guesses, or else pay some cost which will come back to bite her. Everything unfailingly does. If she freezes her eggs to buy time, the decision and its logistics will burden her singly — and perhaps it will not work. Overlay the years a woman is supposed to establish herself in her career and her fertility window and it’s a perfect, miserable circle. By midlife women report feeling invisible, undervalued; it is a telling cliché, that after all this, some husbands leave for a younger girl. So when is her time, exactly? For leisure, ease, liberty? There is no brand of feminism which achieved female rest. If women’s problem in the ’50s was a paralyzing malaise, now it is that they are too active, too capable, never permitted a vacation they didn’t plan. It’s not that our efforts to have it all were fated for failure. They simply weren’t imaginative enough.

For me, my relationship, with its age gap, has alleviated this rush , permitted me to massage the clock, shift its hands to my benefit. Very soon, we will decide to have children, and I don’t panic over last gasps of fun, because I took so many big breaths of it early: on the holidays of someone who had worked a decade longer than I had, in beautiful places when I was young and beautiful, a symmetry I recommend. If such a thing as maternal energy exists, mine was never depleted. I spent the last nearly seven years supported more than I support and I am still not as old as my husband was when he met me. When I have a child, I will expect more help from him than I would if he were younger, for what does professional tenure earn you if not the right to set more limits on work demands — or, if not, to secure some child care, at the very least? When I return to work after maternal upheaval, he will aid me, as he’s always had, with his ability to put himself aside, as younger men are rarely able.

Above all, the great gift of my marriage is flexibility. A chance to live my life before I become responsible for someone else’s — a lover’s, or a child’s. A chance to write. A chance at a destiny that doesn’t adhere rigidly to the routines and timelines of men, but lends itself instead to roomy accommodation, to the very fluidity Betty Friedan dreamed of in 1963 in The Feminine Mystique , but we’ve largely forgotten: some career or style of life that “permits year-to-year variation — a full-time paid job in one community, part-time in another, exercise of the professional skill in serious volunteer work or a period of study during pregnancy or early motherhood when a full-time job is not feasible.” Some things are just not feasible in our current structures. Somewhere along the way we stopped admitting that, and all we did was make women feel like personal failures. I dream of new structures, a world in which women have entry-level jobs in their 30s; alternate avenues for promotion; corporate ladders with balconies on which they can stand still, have a smoke, take a break, make a baby, enjoy themselves, before they keep climbing. Perhaps men long for this in their own way. Actually I am sure of that.

Once, when we first fell in love, I put my head in his lap on a long car ride; I remember his hands on my face, the sun, the twisting turns of a mountain road, surprising and not surprising us like our romance, and his voice, telling me that it was his biggest regret that I was so young, he feared he would lose me. Last week, we looked back at old photos and agreed we’d given each other our respective best years. Sometimes real equality is not so obvious, sometimes it takes turns, sometimes it takes almost a decade to reveal itself.

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Is a robot writing your kids’ essays? We asked educators to weigh in on the growing role of AI in classrooms.

Educators weigh in on the growing role of ai and chatgpt in classrooms..

Kara Baskin talked to several educators about what kind of AI use they’re seeing in classrooms and how they’re monitoring it.

Remember writing essays in high school? Chances are you had to look up stuff in an encyclopedia — an actual one, not Wikipedia — or else connect to AOL via a modem bigger than your parents’ Taurus station wagon.

Now, of course, there’s artificial intelligence. According to new research from Pew, about 1 in 5 US teens who’ve heard of ChatGPT have used it for schoolwork. Kids in upper grades are more apt to have used the chatbot: About a quarter of 11th- and 12th-graders who know about ChatGPT have tried it.

For the uninitiated, ChatGPT arrived on the scene in late 2022, and educators continue to grapple with the ethics surrounding its growing popularity. Essentially, it generates free, human-like responses based on commands. (I’m sure this sentence will look antiquated in about six months, like when people described the internet as the “information superhighway.”)

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I used ChatGPT to plug in this prompt: “Write an essay on ‘The Scarlet Letter.’” Within moments, ChatGPT created an essay as thorough as anything I’d labored over in AP English.

Is this cheating? Is it just part of our strange new world? I talked to several educators about what they’re seeing in classrooms and how they’re monitoring it. Before you berate your child over how you wrote essays with a No. 2 pencil, here are some things to consider.

Adapting to new technology isn’t immoral. “We have to recalibrate our sense of what’s acceptable. There was a time when every teacher said: ‘Oh, it’s cheating to use Wikipedia.’ And guess what? We got used to it, we decided it’s reputable enough, and we cite Wikipedia all the time,” says Noah Giansiracusa, an associate math professor at Bentley University who hosts the podcast “ AI in Academia: Navigating the Future .”

“There’s a calibration period where a technology is new and untested. It’s good to be cautious and to treat it with trepidation. Then, over time, the norms kind of adapt,” he says — just like new-fangled graphing calculators or the internet in days of yore.

“I think the current conversation around AI should not be centered on an issue with plagiarism. It should be centered on how AI will alter methods for learning and expressing oneself. ‘Catching’ students who use fully AI-generated products ... implies a ‘gotcha’ atmosphere,” says Jim Nagle, a history teacher at Bedford High School. “Since AI is already a huge part of our day-to-day lives, it’s no surprise our students are making it a part of their academic tool kit. Teachers and students should be at the forefront of discussions about responsible and ethical use.”

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Teachers and parents could use AI to think about education at a higher level. Really, learning is about more than regurgitating information — or it should be, anyway. But regurgitation is what AI does best.

“If our system is just for students to write a bunch of essays and then grade the results? Something’s missing. We need to really talk about their purpose and what they’re getting out of this, and maybe think about different forms of assignments and grading,” Giansiracusa says.

After all, while AI aggregates and organizes ideas, the quality of its responses depends on the users’ prompts. Instead of recoiling from it, use it as a conversation-starter.

“What parents and teachers can do is to start the conversation with kids: ‘What are we trying to learn here? Is it even something that ChatGPT could answer? Why did your assignment not convince you that you need to do this thinking on your own when a tool can do it for you?’” says Houman Harouni , a lecturer on education at the Harvard Graduate School of Education.

Harouni urges parents to read an essay written by ChatGPT alongside their student. Was it good? What could be done better? Did it feel like a short cut?

“What they’re going to remember is that you had that conversation with them; that someone thought, at some point in their lives, that taking a shortcut is not the best way ... especially if you do it with the tool right in front of you, because you have something real to talk about,” he says.

Harouni hopes teachers think about its implications, too. Consider math: So much grunt work has been eliminated by calculators and computers. Yet kids are still tested as in days of old, when perhaps they could expand their learning to be assessed in ways that are more personal and human-centric, leaving the rote stuff to AI.

“We could take this moment of confusion and loss of certainty seriously, at least in some small pockets, and start thinking about what a different kind of school would look like. Five years from now, we might have the beginnings of some very interesting exploration. Five years from now, you and I might be talking about schools wherein teaching and learning is happening in a very self-directed way, in a way that’s more based on … igniting the kid’s interest and seeing where they go and supporting them to go deeper and to go wider,” Harouni says.

Teachers have the chance to offer assignments with more intentionality.

“Really think about the purpose of the assignments. Don’t just think of the outcome and the deliverable: ‘I need a student to produce a document.’ Why are we getting students to write? Why are we doing all these things in the first place? If teachers are more mindful, and maybe parents can also be more mindful, I think it pushes us away from this dangerous trap of thinking about in terms of ‘cheating,’ which, to me, is a really slippery path,” Giansiracusa says.

AI can boost confidence and reduce procrastination. Sometimes, a robot can do something better than a human, such as writing a dreaded resume and cover letter. And that’s OK; it’s useful, even.

“Often, students avoid applying to internships because they’re just overwhelmed at the thought of writing a cover letter, or they’re afraid their resume isn’t good enough. I think that tools like this can help them feel more confident. They may be more likely to do it sooner and have more organized and better applications,” says Kristin Casasanto, director of post-graduate planning at Olin College of Engineering.

Casasanto says that AI is also useful for de-stressing during interview prep.

“Students can use generative AI to plug in a job description and say, ‘Come up with a list of interview questions based on the job description,’ which will give them an idea of what may be asked, and they can even then say, ‘Here’s my resume. Give me answers to these questions based on my skills and experience.’ They’re going to really build their confidence around that,” Casasanto says.

Plus, when students use AI for basics, it frees up more time to meet with career counselors about substantive issues.

“It will help us as far as scalability. … Career services staff can then utilize our personal time in much more meaningful ways with students,” Casasanto says.

We need to remember: These kids grew up during a pandemic. We can’t expect kids to resist technology when they’ve been forced to learn in new ways since COVID hit.

“Now we’re seeing pandemic-era high school students come into college. They’ve been channeled through Google Classroom their whole career,” says Katherine Jewell, a history professor at Fitchburg State University.

“They need to have technology management and information literacy built into the curriculum,” Jewell says.

Jewell recently graded a paper on the history of college sports. It was obvious which papers were written by AI: They didn’t address the question. In her syllabus, Jewell defines plagiarism as “any attempt by a student to represent the work of another, including computers, as their own.”

This means that AI qualifies, but she also has an open mind, given students’ circumstances.

“My students want to do the right thing, for the most part. They don’t want to get away with stuff. I understand why they turned to these tools; I really do. I try to reassure them that I’m here to help them learn systems. I’m focusing much more on the learning process. I incentivize them to improve, and I acknowledge: ‘You don’t know how to do this the first time out of the gate,’” Jewell says. “I try to incentivize them so that they’re improving their confidence in their abilities, so they don’t feel the need to turn to these tools.”

Understand the forces that make kids resort to AI in the first place . Clubs, sports, homework: Kids are busy and under pressure. Why not do what’s easy?

“Kids are so overscheduled in their day-to-day lives. I think there’s so much enormous pressure on these kids, whether it’s self-inflicted, parent-inflicted, or school-culture inflicted. It’s on them to maximize their schedule. They’ve learned that AI can be a way to take an assignment that would take five hours and cut it down to one,” says a teacher at a competitive high school outside Boston who asked to remain anonymous.

Recently, this teacher says, “I got papers back that were just so robotic and so cold. I had to tell [students]: ‘I understand that you tried to use a tool to help you. I’m not going to penalize you, but what I am going to penalize you for is that you didn’t actually answer the prompt.”

Afterward, more students felt safe to come forward to say they’d used AI. This teacher hopes that age restrictions become implemented for these programs, similar to apps such as Snapchat. Educationally and developmentally, they say, high-schoolers are still finding their voice — a voice that could be easily thwarted by a robot.

“Part of high school writing is to figure out who you are, and what is your voice as a writer. And I think, developmentally, that takes all of high school to figure out,” they say.

And AI can’t replicate voice and personality — for now, at least.

Kara Baskin can be reached at [email protected] . Follow her @kcbaskin .

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    मेरा सच्चा मित्र पर निबंध - Essay On My Best Friend In Hindi संकेत-बिंदु - भूमिका मित्र-एक अनमोल धन सच्चे मित्र की पहचान सच्ची मित्रता के उदाहरण उपसंहार मेरा मित्र / मेरा ...

  20. Essay on My Best Friend in Hindi मेरा प्रिय मित्र पर निबंध

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  21. मेरा प्रिय मित्र पर हिंदी में निबंध (Mera Priya Mitra Par Nibandh in Hindi)

    मेरे प्रिय मित्र पर 250 शब्दों में निबंध (Essay On My Best Friend in 250 Words) सच्ची दोस्ती अनमोल होती है। हर किसी के जीवन में एक न एक सच्चा दोस्त होता है। मेरा प्रिय मित्र (Mera Priya ...

  22. मेरा सच्चा मित्र निबंध

    मेरा सच्चा मित्र निबंध | My True Friend in Hindi | Hindi Essay | My True Friend Essay in hindi. हमारे कहि मित्र होते हैं पर वह सारे हमारे सच्चे मित्र होते हैं यह कहना सही ना ...

  23. Speech on Friendship in Hindi

    Speech on Friendship : Sample 2. प्रिय सभी वर्गजनों को नमस्कार! मित्रता एक ऐसी अनमोल धरोहर है जो हमारे जीवन को सुंदर बनाती है और हमें आनंद का एहसास कराती ...

  24. April Fool's Day 2024: The best jokes and pranks today

    Alison Hammond pranked on This Morning. Alison Hammond fell victim to an April Fools' Day prank as she made her return to This Morning on Monday. Hammond and co-host Dermot O'Leary were ...

  25. Age Gap Relationships: The Case for Marrying an Older Man

    A series about ways to take life off "hard mode," from changing careers to gaming the stock market, moving back home, or simply marrying wisely. Illustration: Celine Ka Wing Lau. In the summer, in the south of France, my husband and I like to play, rather badly, the lottery. We take long, scorching walks to the village — gratuitous beauty ...

  26. Is a robot writing your kids' essays?

    Now, of course, there's artificial intelligence. According to new research from Pew, about 1 in 5 US teens who've heard of ChatGPT have used it for schoolwork. Kids in upper grades are more ...