essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

महात्मा गांधी पर निबंध | Essay On Mahatma Gandhi

Essay on Mahatma Gandhi in Hindi

महात्मा गांधी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने जिंदगीभर भारत को आज़ादी दिलाने के लिये संघर्ष किया। महात्मा गांधी एक ऐसे महापुरुष थे जो प्राचीन काल से भारतीयों के दिल में रह रहे है। भारत का हर एक व्यक्ति और बच्चा-बच्चा उन्हें बापू और राष्ट्रपिता के नाम से जानता है।

2 अक्टूबर को पूरे भारतवर्ष में गांधी जयंती मनाई जाती हैं एवं इस दिन को पूरे विश्व में अहिंसा दिवस के रुप में भी मनाया जाता है। इस मौके पर राष्ट्रपिता के प्रति सम्मान व्यक्त करने एवं उन्हें सच्चे मन से श्रद्धांजली अर्पित करने के लिए स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तरों आदि में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

इन कार्यक्रमों के माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को महात्मा गांधी जी के महत्व को बताने के लिए निबंध लेखन प्रतियोगिताएं भी आयोजित करवाई जाती हैं।

इसलिए आज हम आपको देश के राष्ट्रपितामह एवं बापू जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अलग-अलग शब्द सीमा में कुछ निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिनका इस्तेमाल आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं-

Essay on Mahatma Gandhi in Hindi

महात्मा गांधी पर निबंध – Essay on Mahatma Gandhi in Hindi

महात्मा गांधी अपने अतुल्य योगदान के लिये ज्यादातर “ राष्ट्रपिता और बापू ” के नाम से जाने जाते है। वे एक ऐसे महापुरुष थे जो अहिंसा और सामाजिक एकता पर विश्वास करते थे। उन्होंने भारत में ग्रामीण भागो के सामाजिक विकास के लिये आवाज़ उठाई थी, उन्होंने भारतीयों को स्वदेशी वस्तुओ के उपयोग के लिये प्रेरित किया और बहोत से सामाजिक मुद्दों पर भी उन्होंने ब्रिटिशो के खिलाफ आवाज़ उठायी। वे भारतीय संस्कृति से अछूत और भेदभाव की परंपरा को नष्ट करना चाहते थे। बाद में वे भारतीय स्वतंत्रता अभियान में शामिल होकर संघर्ष करने लगे।

भारतीय इतिहास में वे एक ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने भारतीयों की आज़ादी के सपने को सच्चाई में बदला था। आज भी लोग उन्हें उनके महान और अतुल्य कार्यो के लिये याद करते है। आज भी लोगो को उनके जीवन की मिसाल दी जाती है। वे जन्म से ही सत्य और अहिंसावादी नही थे बल्कि उन्होंने अपने आप को अहिंसावादी बनाया था।

राजा हरिशचंद्र के जीवन का उनपर काफी प्रभाव पड़ा। स्कूल के बाद उन्होंने अपनी लॉ की पढाई इंग्लैंड से पूरी की और वकीली के पेशे की शुरुवात की। अपने जीवन में उन्होंने काफी मुसीबतों का सामना किया लेकिन उन्होंने कभी हार नही मानी वे हमेशा आगे बढ़ते रहे।

उन्होंने काफी अभियानों की शुरुवात की जैसे 1920 में असहयोग आन्दोलन, 1930 में नगरी अवज्ञा अभियान और अंत में 1942 में भारत छोडो आंदोलन और उनके द्वारा किये गये ये सभी आन्दोलन भारत को आज़ादी दिलाने में कारगार साबित हुए। अंततः उनके द्वारा किये गये संघर्षो की बदौलत भारत को ब्रिटिश राज से आज़ादी मिल ही गयी।

महात्मा गांधी का जीवन काफी साधारण ही था वे रंगभेद और जातिभेद को नही मानते थे। उन्होंने भारतीय समाज से अछूत की परंपरा को नष्ट करने के लिये भी काफी प्रयास किये और इसके चलते उन्होंने अछूतों को “हरिजन” का नाम भी दिया था जिसका अर्थ “भगवान के लोग” था।

महात्मा गाँधी एक महान समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे और भारत को आज़ादी दिलाना ही उनके जीवन का उद्देश्य था। उन्होंने काफी भारतीयों को प्रेरित भी किया और उनका विश्वास था की इंसान को साधारण जीवन ही जीना चाहिये और स्वावलंबी होना चाहिये।

गांधीजी विदेशी वस्तुओ के खिलाफ थे इसीलिये वे भारत में स्वदेशी वस्तुओ को प्राधान्य देते थे। इतना ही नही बल्कि वे खुद चरखा चलाते थे। वे भारत में खेती का और स्वदेशी वस्तुओ का विस्तार करना चाहते थे। वे एक आध्यात्मिक पुरुष थे और भारतीय राजनीती में वे आध्यात्मिकता को बढ़ावा देते थे।

महात्मा गांधी का देश के लिए किया गया अहिंसात्मक संघर्ष कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने पूरा जीवन देश को स्वतंत्रता दिलाने में व्यतीत किया। और देशसेवा करते करते ही 30 जनवरी 1948 को इस महात्मा की मृत्यु हो गयी और राजघाट, दिल्ली में लाखोँ समर्थकों के हाजिरी में उनका अंतिम संस्कार किया गया। आज भारत में 30 जनवरी को उनकी याद में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

“भविष्य में क्या होगा, यह मै कभी नहीं सोचना चाहता, मुझे बस वर्तमान की चिंता है, भगवान् ने मुझे आने वाले क्षणों पर कोई नियंत्रण नहीं दिया है।”

महात्मा गांधी जी आजादी की लड़ाई के महानायक थे, जिन्हें उनके महान कामों के कारण राष्ट्रपिता और महात्मा की उपाधि दी गई। स्वतंत्रता संग्राम में उनके द्धारा किए गए महत्वपूर्ण योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।

आज उनके अथक प्रयासों, त्याग, बलिदान और समर्पण की बल पर ही हम सभी भारतीय आजाद भारत में चैन की सांस ले रहे हैं।

वे सत्य और अहिंसा के ऐसे पुजारी थे, जिन्होंने शांति के मार्ग पर चलते हुए अंग्रेजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था, वे हर किसी के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। महात्मा गांधी जी के महान विचारों से देश का हर व्यक्ति प्रभावित है।

महात्मा गांधी जी का प्रारंभिक जीवन, परिवार एवं शिक्षा – Mahatma Gandhi Information

स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य सूत्रधार माने जाने वाले महात्मा गांधी जी गुजरात के पोरबंदर में  2 अक्टूबर 1869 को एक साधारण परिवार में जन्में थे। गांधी का जी पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था।

उनके पिता जी करम चन्द गांधी ब्रिटिश शासनकाल के समय राजकोट के ‘दीवान’ थे। उनकी माता का नाम पुतलीबाई था जो कि धार्मिक विचारों वाली एक कर्तव्यपरायण महिला थी, जिनके विचारों का गांधी जी पर गहरा प्रभाव पड़ा था।

वहीं जब वे 13 साल के थे, तब बाल विवाह की प्रथा के तहत उनकी शादी कस्तूरबा से कर दी गई थी, जिन्हें लोग प्यार से ”बा” कहकर पुकारते थे।

गांधी जी बचपन से ही बेहद अनुशासित एवं आज्ञाकारी बालक थे। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा गुजरात में रहकर ही पूरी की और फिर वे कानून की पढ़ाई करने के लिए इंग्लैंड चले गए, जहां से लौटकर उन्होंने भारत में वकाकलत का काम शुरु किया, हालांकि, वकालत में वे ज्यादा दिन तक टिक नहीं पाए।

महात्मा गांधी जी के राजनैतिक जीवन की शुरुआत – Mahatma Gandhi Political Career

अपनी वकालत की पढ़ाई के दौरान ही गांधी जी को दक्षिण अफ्रीका में रंगभेदभाव का शिकार होना पड़ा था। गांधी जी के साथ घटित एक घटना के मुताबिक एक बार जब वे ट्रेन की प्रथम श्रेणी के डिब्बे में बैठ गए थे, तब उन्हें ट्रेन के डिब्बे से धक्का मारकर बाहर निकाल दिया गया था।

इसके साथ ही उन्हें दक्षिण अफ्रीका के कई बड़े होटलों में जाने से भी रोक दिया गया था। जिसके बाद गांधी जी ने रंगभेदभाव के खिलाफ जमकर संघर्ष किया।

वे भारतीयों के साथ हो रहे भेदभाव को मिटाने के उद्देश्य से राजनीति में घुसे और फिर अपने सूझबूझ और उचित राजनैतिक कौशल से देश की राजनीति को एक नया आयाम दिया एवं स्वतंत्रता सेनानी के रुप में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सैद्धान्तवादी एवं आदर्शवादी महानायक के रुप में महात्मा गांधी:

महात्मा गांधी जी बेहद सैद्धांन्तवादी एवं आदर्शवादी नेता थे। वे सादा जीवन, उच्च विचार वाले महान व्यक्तित्व थे, उनके इसी स्वभाव की वजह से उन्हें लोग ”महात्मा” कहकर बुलाते थे।

उनके महान विचारों और आदर्श व्यत्तित्व का अनुसरण अल्बर्ट आइंसटाइन, राजेन्द्र प्रसाद, सरोजनी नायडू, नेल्सन मंडेला, मार्टिन लूथर किंग जैसे कई महान लोगों ने भी किया है।

ये लोग गांधी जी के कट्टर समर्थक थे। गांधी जी के महान व्यक्तित्व का प्रभाव सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी था।

सत्य और अहिंसा उनके दो सशक्त हथियार थे, और इन्ही हथियारों के बल पर उन्होंने अंग्रजों को भारत छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया था।

वे एक महान स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता होने के साथ-साथ समाजसेवक भी थे, जिन्होंने भारत में फैले जातिवाद, छूआछूत, लिंग भेदभाव आदि को दूर करने के लिए भी सराहनीय प्रयास किए थे।

अपने पूरे जीवन भर राष्ट्र की सेवा में लगे रहे गांधी जी की देश की आजादी के कुछ समय बाद ही 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे द्धारा हत्या कर दी गई थी।

वे एक महान शख्सियत और युग पुरुष थे, जिन्होंने कठिन से कठिन परिस्थिति में भी कभी भी सत्य का साथ नहीं छोड़ा और कठोर दृढ़संकल्प के साथ अडिग होकर अपने लक्ष्य को पाने के लिए आगे बढ़ते रहे। उनके जीवन से हर किसी को सीख लेने की जरूरत है।

महात्मा गांधी पर निबंध – Mahatma Gandhi par Nibandh

प्रस्तावना-

2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्में महात्मा गांधी जी द्धारा राष्ट्र के लिए किए गए त्याग, बलिदान और समर्पण को कभी नहीं भुलाया जा सकता।

वे एक एक महापुरुष थे, जिन्होंने देश को गुलामी की बेड़ियों से आजाद करवाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। गांधी जी का महान और प्रभावशाली व्यक्तित्व हर किसी को प्रभावित करता है।

महात्मा गांधी जी की स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका – Mahatma Gandhi as a Freedom Fighter

दक्षिण अफ्रीका में रंगभेदभाव के खिलाफ तमाम संघर्षों के बाद जब वे अपने स्वदेश भारत लौटे तो उन्होंने देखा कि क्रूर ब्रिटिश हुकूमत बेकसूर भारतीयों पर अपने अमानवीय अत्याचार कर रही थी और  देश की जनता गरीबी और भुखमरी से तड़प रही थी।

जिसके बाद उन्होंने क्रूर ब्रिटिशों को भारत से बाहर निकाल फेंकने का संकल्प लिया और फिर वे आजादी पाने के अपने दृढ़निश्चयी एवं अडिग लक्ष्य के साथ स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े।

महात्मा गांधी जी द्धारा चलाए गए प्रमुख आंदोलन:

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी जी ने सत्य और अहिंसा का मार्ग अपनाते हुए अंग्रेजों के खिलाफ कई बड़े आंदोलन चलाए। उनके शांतिपूर्ण ढंग से चलाए गए आंदोलनों ने न सिर्फ भारत में ब्रिटिश सरकार की नींव कमजोर कर दी थीं, बल्कि उन्हें भारत छोड़ने के लिए भी विवश कर दिया था।  उनके द्धारा चलाए गए कुछ मुख्य आंदोलन इस प्रकार हैं-

चंपारण और खेड़ा आंदोलन – Kheda Movement

साल 1917 में जब अंग्रेज अपनी दमनकारी नीतियों के तहत चंपारण के किसानों का शोषण कर रहे थे, उस दौरान कुछ किसान ज्यादा कर देने में समर्थ नहीं थे।

जिसके चलते गरीबी और भुखमरी जैसे भयावह हालात पैदा हो गए थे, जिसे देखते हुए गांधी जी ने अंग्रेजों के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से चंपारण आंदोलन किया, इस आंदोलन के परिणामस्वरुप वे किसानों को करीब 25 फीसदी धनराशि वापस दिलवाने में सफल रहे।

साल 1918 में गुजरात के खेड़ा में भीषण बाढ़ आने से वहां के लोगों पर अकाली का पहाड़ टूट पड़ा था, ऐसे में किसान अंग्रेजों को भारी कर देने में असमर्थ थे।

जिसे देख गांधी जी ने अंग्रेजों से किसानों की लगान माफ करने की मांग करते हुए उनके खिलाफ अहिंसात्मक आंदोलन छेड़ दिया, जिसके बाद ब्रिटिश हुकूमत को उनकी मांगे माननी पड़ी और वहां के किसानों को कर में छूट देनी पड़ी।

महात्मा गांधी जी के इस आंदोलन को खेड़ा सत्याग्रह आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है।

महात्मा गांधी जी का असहयोग आंदोलन – Asahyog Movement

अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों एवं जलियावाला बाग हत्याकांड में मारे गए बेकसूर लोगों को देखकर गांधी जी को गहरा दुख पहुंचा था और उनके ह्रद्य में अंग्रेजों के अत्याचारों से देश को मुक्त करवाने की ज्वाला और अधिक तेज हो गई थी।

जिसके चलते उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर असहयोग आंदोलन करने का फैसला लिया। इस आंदोलन के तहत उन्होंने भारतीय जनता से अंग्रेजी हुकूमत का समर्थन नहीं देने की अपील की।

गांधी जी के इस आंदोलन में बड़े स्तर पर भारतीयों ने समर्थन दिया और ब्रिटिश सरकार के अधीन पदों जैसे कि शिक्षक, प्रशासनिक व्यवस्था और अन्य सरकारी पदों से इस्तीफा देना शुरु कर दिया साथ ही सरकारी स्कूल, कॉलजों एवं सरकारी संस्थानों का जमकर बहिष्कार किया।

इस दौरान लोगों ने विदेशी कपड़ों की होली जलाई और खादी वस्त्रों एवं स्वदेशी वस्तुओं को अपनाना शुरु कर दिया। गांधी जी के असहयोग आंदोलन ने भारत में ब्रिटिश हुकूमत की नींव को कमजोर कर दिया था।

सविनय अवज्ञा आंदोलन/डंडी यात्रा/नमक सत्याग्रह(1930) – Savinay Avagya Andolan

महात्मा गांधी ने यह आंदोलन ब्रिटिश सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ चलाया था। उन्होंने ब्रटिश सरकार के नमक कानून का उल्लंघन करने के लिए इसके तहत पैदल यात्रा की थी।

गांधी जी ने 12 मार्च 1930 को अपने कुछ अनुयायियों के साथ सावरमती आश्रम से पैदल यात्रा शुरु की थी। इसके बाद करीब 6 अप्रैल को गांधी जी ने दांडी पहुंचकर समुद्र के किनारे नमक बनाकर ब्रिटिश सरकार के नमक कानून की अवहेलना की थी।

नमक सत्याग्रह के तहत भारतीय लोगों ने ब्रिटिश सरकार के आदेशों के खिलाफ जाकर खुद नमक बनाना एवमं बेचना शुरु कर दिया।

गांधी जी के इस अहिंसक आंदोलन से ब्रिटिश सरकार के हौसले कमजोर पड़ गए थे और गुलाम भारत को अंग्रेजों क चंगुल से आजाद करवाने का रास्ता साफ और मजबूत हो गया था।

महात्मा गांधी जी का भारत छोड़ो आंदोलन(1942)

अंग्रेजों को भारत से बाहर खदेड़ने के उद्देश्य  से महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ साल 1942 में ”भारत छोड़ो आंदोलन” की शुरुआत की थी। इस आंदोलन के कुछ साल बाद ही भारत ब्रिटिश शासकों की गुलामी से आजाद हो गया था।

आपको बता दें जब गांधी जी ने इस आंदोलन की शुरुआत की थी, उस समय दूसरे विश्वयुद्ध का समय था और ब्रिटेन पहले से जर्मनी के साथ युद्ध में उलझा हुआ था, ऐसी स्थिति का बापू जी ने फायदा उठाया। गांधी जी के इस आंदोलन में बड़े पैमाने पर भारत की जनता ने एकत्र होकर अपना समर्थन दिया।

इस आंदोलन का इतना ज्यादा प्रभाव पड़ा कि ब्रिटिश सरकार को भारत को स्वतंत्रता देने का वादा करना पड़ा। इस तरह से यह आंदोलन, भारत में ब्रिटिश हुकूमत के ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ।

इस तरह महात्मा गांधी जी द्धारा सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलाए गए आंदोलनो ने  गुलाम भारत को आजाद करवाने में अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभाई और हर किसी के जीवन में गहरा प्रभाव छोड़ा है।

वहीं उनके आंदोलनों की खास बात यह रही कि उन्होंने बेहद  शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाए और आंदोलन के दौरान किसी भी तरह की हिंसात्मक गतिविधि होने पर उनके आंदोलन बीच में ही रद्द कर दिए गए।

  • Mahatma Gandhi Slogan

महात्मा गांधी जी ने जिस तरह राष्ट्र के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित कर दिया एवं सच्चाई और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को आजादी दिलवाने के लिए कई बड़े आंदोलन चलाए, उनसे हर किसी को प्रेरणा लेने की जरूरत है। वहीं आज जिस तरह हिंसात्मक गतिविधियां बढ़ रही हैं, ऐसे में गांधी जी के महान विचारों को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है। तभी देश-दुनिया में हिंसा कम हो सकेगी और देश तरक्की के पथ पर आगे बढ़ सकेगा।

More related article for Mahatma Gandhi essay in Hindi useful points:

  • 5 बाते जो महात्मा गाँधी से सीखनी चाहिये
  • महात्मा गांधी के सर्वश्रेष्ठ अनमोल विचार

More Essay Collection:  Essay in Hindi

60 thoughts on “महात्मा गांधी पर निबंध | Essay On Mahatma Gandhi”

' src=

Gandhi ji is my favorite

' src=

अपने अलग अलग तरह से गाँधी जी के कार्यो को बताया है बहुत अच्छा

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Gyan ki anmol dhara

Grow with confidence...

  • Computer Courses
  • Programming
  • Competitive
  • AI proficiency
  • Blog English
  • Calculators
  • Work With Us
  • Hire From GyaniPandit

Other Links

  • Terms & Conditions
  • Privacy Policy
  • Refund Policy

HindiKiDuniyacom

महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay in Hindi)

महात्मा गांधी

उद्देश्यपूर्ण विचारधारा से ओतप्रोत महात्मा गाँधी का व्यक्तित्व आदर्शवाद की दृष्टि से श्रेष्ठ था। इस युग के युग पुरुष की उपाधि से सम्मानित महात्मा गाँधी को समाज सुधारक के रूप में जाना जाता है पर महात्मा गाँधी के अनुसार समाजिक उत्थान हेतु समाज में शिक्षा का योगदान आवश्यक है। 2 अक्टुबर 1869 को महात्मा गाँधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर में हुआ। यह जन्म से सामान्य थे पर अपने कर्मों से महान बने। रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा इन्हें एक पत्र में “महात्मा” गाँधी कह कर संबोधित किया गया। तब से संसार इन्हें मिस्टर गाँधी के स्थान पर महात्मा गाँधी कहने लगा।

महात्मा गांधी पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Mahatma Gandhi in Hindi, Mahatma Gandhi par Nibandh Hindi mein)

महात्मा गांधी पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

“अहिंसा परमो धर्मः” के सिद्धांत को नींव बना कर, विभिन्न आंदोलनों के माध्यम से महात्मा गाँधी ने देश को गुलामी के जंजीर से आजाद कराया। वह अच्छे राजनीतिज्ञ के साथ ही साथ बहुत अच्छे वक्ता भी थे। उनके द्वारा बोले गए वचनों को आज भी लोगों द्वारा दोहराया जाता है।

महात्मा गाँधी का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा दीक्षा

महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 को, पश्चिम भारत (वर्तमान गुजरात) के एक तटीय शहर में हुआ। इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था। आस्था में लीन माता और जैन धर्म के परंपराओं के कारण गाँधी जी के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा। 13 वर्ष की आयु में गाँधी जी का विवाह कस्तूरबा से करवा दिया गया था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर से हुई, हाईस्कूल की परीक्षा इन्होंने राजकोट से दिया, और मैट्रीक के लिए इन्हें अहमदाबाद भेज दिया गया। बाद में वकालत इन्होंने लंदन से किया।

महात्मा गाँधी का शिक्षा और स्वतंत्रता में योगदान

महात्मा गाँधी का यह मानना था की भारतीय शिक्षा सरकार के नहीं अपितु समाज के अधीन है। इसलिए महात्मा गाँधी भारतीय शिक्षा को ‘द ब्यूटिफुल ट्री’ कहा करते थे। शिक्षा के क्षेत्र में उनका विशेष योगदान रहा। भारत का हर नागरिक शिक्षित हो यही उनकी इच्छा थी। गाँधी जी का मूल मंत्र ‘शोषण विहिन समाज की स्थापना’ करना था। उनका कहना था की 7 से 14 वर्ष के बच्चों को निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा मिलनी चाहिए। शिक्षा का माध्यम मातृभाषा हो। साक्षरता को शिक्षा नहीं कहा जा सकता। शिक्षा बालक के मानवीय गुणों का विकास करता है।

बचपन में गाँधी जी को मंदबुद्धि समझा जाता था। पर आगे चल कर इन्होंने भारतीय शिक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। हम महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के रूप में सम्बोधित करते है और भारत की स्वतंत्रता में उनके योगदान के लिए सदा उनके आभारी रहेंगे।

इसे यूट्यूब पर देखें : Mahatma Gandhi par Nibandh

Mahatma Gandhi par Nibandh – निबंध 2 (400 शब्द)

देश की आजादी में मूलभूत भूमिका निभाने वाले तथा सभी को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाने वाले बापू को सर्वप्रथम बापू कहकर, राजवैद्य जीवराम कालिदास ने 1915 में संबोधित किया। आज दशकों बाद भी संसार उन्हें बापू के नाम से पुकारता हैं।

बापू को ‘फ ा दर ऑफ नेशन ’ (राष्ट्रपिता) की उपाधि किसने दिया ?

महात्मा गाँधी को पहली बार फादर ऑफ नेशन कहकर किसने संबोधित किया, इसके संबंध में कोई स्पष्ठ जानकारी प्राप्त नहीं है पर 1999 में गुजरात की हाईकोर्ट में दाखिल एक मुकदमे के वजह से जस्टिस बेविस पारदीवाला ने सभी टेस्टबुक में, रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार गाँधी जी को फादर ऑफ नेशन कहा, यह जानकारी देने का आदेश जारी किया।

महात्मा गाँधी द्वारा किये गये आंदोलन

निम्नलिखित बापू द्वारा देश की आजादी के लिए लड़े गए प्रमुख आंदोलन-

  • असहयोग आंदोलन

जलियांवाला बाग नरसंहार से गाँधी जी को यह ज्ञात हो गया था की ब्रिटिश सरकार से न्याय की अपेक्षा करना व्यर्थ है। अतः उन्होंने सितंबर 1920 से फरवरी 1922 के मध्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन चलाया। लाखों भारतीय के सहयोग मिलने से यह आंदोलन अत्यधिक सफल रहा। और इससे ब्रिटिश सरकार को भारी झटका लगा।

  • नमक सत्याग्रह

12 मार्च 1930 से साबरमती आश्रम (अहमदाबाद में स्थित स्थान) से दांडी गांव तक 24 दिनों का पैदल मार्च निकाला गया। यह आंदोलन ब्रिटिश सरकार के नमक पर एकाधिकार के खिलाफ छेड़ा गया। गाँधी जी द्वारा किये गए आंदोलनों में यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण आंदोलन था।

  • दलित आंदोलन

गाँधी जी द्वारा 1932 में अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग की स्थापना हुई और उन्होंने छुआछूत विरोधी आंदोलन की शुरूआत 8 मई 1933 में की।

  • भारत छोड़ो आंदोलन

ब्रिटिश साम्राज्य से भारत को तुरंत आजाद करने के लिए महात्मा गाँधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस के मुम्बई अधिवेशन से द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन आरम्भ किया गया।

  • चंपारण सत्याग्रह

ब्रिटिश ज़मींदार गरीब किसानो से अत्यधिक कम मूल्य पर जबरन नील की खेती करा रहे थे। इससे किसानों में भूखे मरने की स्थिति पैदा हो गई थी। यह आंदोलन बिहार के चंपारण जिले से 1917 में प्रारंभ किया गया। और यह उनकी भारत में पहली राजनैतिक जीत थी।

महात्मा गाँधी के शब्दों में “कुछ ऐसा जीवन जियो जैसे की तुम कल मरने वाले हो, कुछ ऐसा सीखो जिससे कि तुम हमेशा के लिए जीने वाले”। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी इन्हीं सिद्धान्तों पर जीवन व्यतीत करते हुए भारत की आजादी के लिए ब्रिटिस साम्राज्य के खिलाफ अनेक आंदोलन लड़े।

Essay on Mahatma Gandhi in Hindi – निबंध 3 (500 शब्द)

“कमजोर कभी माफ़ी नहीं मांगते, क्षमा करना तो ताकतवर व्यक्ति की विशेषता है” – महात्मा गाँधी

गाँधी जी के वचनों का समाज पर गहरा प्रभाव आज भी देखा जा सकता है। वह मानवीय शरीर में जन्में पुन्य आत्मा थे। जिन्होंने अपने सूज-बूझ से भारत को एकता के डोर में बांधा और समाज में व्याप्त जातिवाद जैसे कुरीति का नाश किया।

गाँधी जी की अफ्रीका यात्रा

दक्षिण अफ्रीका में गाँधी जी को भारतीय पर हो रहे प्रताड़ना को सहना पड़ा। फर्स्ट क्लास की ट्रेन की टिकट होने के बावजूद उन्हें थर्ड क्लास में जाने के लिए कहा गया। और उनके विरोध करने पर उन्हें अपमानित कर चलती ट्रेन से नीचे फेक दिया गया। इतना ही नहीं दक्षिण अफ्रीका में कई होटल में उनका प्रवेश वर्जित कर दिया गया।

बापू की अफ्रीका से भारत वापसी

वर्ष 1914 में उदारवादी कांग्रेस नेता गोपाल कृष्ण गोखले के बुलावे पर गाँधी भारत वापस आए। इस समय तक बापू भारत में राष्ट्रवाद नेता और संयोजक के रूप में प्रसिद्ध हो गए थे। उन्होंने देश की मौजूदा हालात समझने के लिए सर्वप्रथम भारत भ्रमण किया।

गाँधी, कुशल राजनीतिज्ञ के साथ बेहतरीन लेखक

गाँधी एक कुशल राजनीतिज्ञ के साथ बहुत अच्छे लेखक भी थे। उन्होंने जीवन के उतार चढ़ाव को कलम की सहायता से बखूबी पन्ने पर उतारा है। महात्मा गाँधी ने, हरिजन, इंडियन ओपिनियन, यंग इंडिया में संपादक के तौर पर काम किया। तथा इनके द्वारा लिखी प्रमुख पुस्तक हिंद स्वराज (1909), दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह (इसमें उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में अपने संघर्ष का वर्णन किया है), मेरे सपनों का भारत तथा ग्राम स्वराज हैं। यह गाँधीवाद धारा से ओतप्रोत पुस्तक आज भी समाज में नागरिक का मार्ग दर्शन करती हैं।

गाँधीवाद विचार धारा का महत्व

दलाई लामा के शब्दों में, “आज विश्व शांति और विश्व युद्ध, अध्यात्म और भौतिकवाद, लोकतंत्र व अधिनायकवाद के मध्य एक बड़ा युद्ध चल रहा है” इस अदृश्य युद्ध को जड़ से खत्म करने के लिए गाँधीवाद विचारधार को अपनाया जाना आवश्यक है। विश्व प्रसिद्ध समाज सुधारकों में, संयुक्त राज्य अमेरिका के मार्टिन लूथर किंग, दक्षिण अमेरिका के नेल्सन मंडेला और म्यांमार के आंग सान सू के जैसे ही लोक नेतृत्व के क्षेत्र में गाँधीवाद विचारधारा सफलता पूर्वक लागू किया गया है।

गाँधी जी एक नेतृत्व कर्ता के रूप में

भारत वापस लौटने के बाद गाँधी जी ने ब्रिटिश साम्राज्य से भारतीय स्वतंत्रता की लड़ाई का नेतृत्व किया। उन्होंने कई अहिंसक सविनय अवज्ञा अभियान आयोजित किए, अनेक बार जेल गए। महात्मा गाँधी से प्रभावित होकर लोगों का एक बड़ा समूह, ब्रिटिश सरकार का काम करने से इनकार करना, अदालतों का बहिष्कार करना जैसा कार्य करने लगा। यह प्रत्येक विरोध ब्रिटिश सरकार के शक्ति के समक्ष छोटा लग सकता है लेकिन जब अधिकांश लोगों द्वारा यह विरोध किया जाता है तो समाज पर इसका व्यापक प्रभाव पड़ता है।

प्रिय बापू का निधन

30 जनवरी 1948 की शाम दिल्ली स्थित बिड़ला भवन में मोहनदास करमचंद गाँधी की नाथूराम गोडसे द्वारा बैरटा पिस्तौल से गोली मार कर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड में नाथूराम सहित 7 लोगों को दोषी पाया गया। गाँधी जी की शव यात्रा 8 किलो मीटर तक निकाली गई। यह देश के लिए दुःख का क्षण था।

आश्चर्य की बात है, शांति के “नोबल पुरस्कार” के लिए पांच बार नॉमिनेट होने के बाद भी आज तक गाँधी जी को यह नहीं मिला। सब को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले प्रिय बापू अब हमारे बीच नहीं हैं पर उनके सिद्धान्त सदैव हमारा मार्ग दर्शन करते रहेंगे।

Mahatma Gandhi Essay

FAQs: महात्मा गांधी पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर. अल्फ्रेड हाई स्कूल को अब मोहनदास हाई स्कूल के नाम से जाना जाता है।

उत्तर. 30 जनवरी1948 को शाम 5.17 बजे गांधीजी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

उत्तर. नेता जी सुभाष चन्द्र बोस ने उन्हें बापू के नाम से सम्बोधित किया।

उत्तर. बेरेटा 1934. 38 कैलिबर पिस्तौल का इस्तेमाल नाथूराम गोडसे ने महात्मा गाँधी को मारने के लिए किया था।

उत्तर. ऐसा माना जाता है कि भारत रत्न और नोबेल पुरस्कार महात्मा गांधी से बड़ा नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

महात्मा गाँधी के नारे

संबंधित पोस्ट

मेरी रुचि

मेरी रुचि पर निबंध (My Hobby Essay in Hindi)

धन

धन पर निबंध (Money Essay in Hindi)

समाचार पत्र

समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)

मेरा स्कूल

मेरा स्कूल पर निबंध (My School Essay in Hindi)

शिक्षा का महत्व

शिक्षा का महत्व पर निबंध (Importance of Education Essay in Hindi)

बाघ

बाघ पर निबंध (Tiger Essay in Hindi)

Class Topper Logo

Essay of Mahatma Gandhi for Student | महात्मा गांधी पर निबंध

essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

महात्मा गांधी निबंध हिंदी में | Mahatma Gandhi Essay in Hindi  – जब कोई देश या राष्ट्र संकट में हो, उस समय देश में योग से उत्पन्न महापुरुषों का जन्म हुआ। ऐसा ही एक संकट के समय में, भारत पर अंग्रेजों का शासन था और इसे एक संप्रभु राज्य माना जाता था।  Mohon Das Karam Chand Gandhi  उन कई देशभक्तों में से एक थे, जिन्होंने भारत को उस बंधन से मुक्त कराने की ठानी।

उनके अटूट दृढ़ संकल्प, अटूट प्रयासों और अहिंसक मंत्रों से भारत  15 August  को ब्रिटिश शासन से मुक्त हो गया था। सच्चे अहिंसा के पुजारी, गरीबों के मित्र और स्वतंत्र भारत के निर्माता  Mahatma Gandhi ko Father of Nation  से जानते हैं। देश उन्हें हमेशा याद करता है।

essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

Table of Contents

Mahatma Gandhi Life ( महात्मा गांधी जीवन )

युगमनाब  महामगंधी का जन्म 1869, October 2   को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। उनके जन्म के समय  उनका नाम Mohon Das Karamchand Gandhi  था।  Mahatma Gandhi  का जन्म गुजरात में एक विश्वस्तरीय परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम  Karam Chand Gandhi  था। उन्हें  Kaba Gandhi  नाम से भी जाना जाता है। उनके माता का नाम  Putli Bai  ।

उस समय पोरबंदर पर एक देशी राजा का शासन था। Kaba Gandhi उस राजा के पास एक पदवी थे। वह बहुत ही ईमानदार और सिद्धांतवादी व्यक्ति हैं। इसी प्रकार उनकी माता पुतलीबाई एक धर्मपरायण महिला थीं। अपने माता-पिता पर  Mahatma Gandhi  का प्रभाव था। एक बच्चे के रूप में,  Gandhi   इन सभी गुणों से प्रभावित थे और उन्हें अपना जीवन बनाने का अवसर मिला।

एक बच्चे के रूप में  Gandhi  अंधेरी रात से बहुत डरते थे। जब वह अकेला था तब भी वह डरा हुआ था। भगवान राम जप करते-करते ये सभी दुर्बलताएँ धीरे-धीरे उनके मस्तिष्क से गायब हो गईं। समय-समय पर  Mahatma Gandhi  के पिता Kaba Gandhi का पोरबंदर के राजा से झगड़ा होने की बाजे से आपकी पदबी से इस्तीफा दे दिए। उस समय  Mahatma Gandhi  केवल सात वर्ष के थे।

Mahatma Gandhi  ने अपनी शिक्षा राजकोट के एक गाँव की चटशाली में शुरू की और बारह साल की उम्र में एक हाई स्कूल में दाखिला लिया। एक बच्चे के रूप में उनकी ईमानदारी अद्वितीय थी। एक बच्चे के रूप में, उन्हें अपने बीमार पिता की सेवा करने का सौभाग्य मिला। श्रवण कुमार की पितृसत्ता और हरिश्चंद्र की ईमानदारी ने  Mahatma Gandhi  के चरित्र को प्रभावित किया था।

Marriage and worldly life ( विवाह और सांसारिक जीवन )

समकालीन समाज में बाल विवाह की प्रथा प्रचलित था।  Mahatha Gandhi  13 वर्ष के थे जब उनके माता-पिता कस्तूरीबाई के साथ सादी कारा दी थी। वो बक्त महात्मा गांधी गलत दोस्त के साथ मिल के गलत काम करते थे। उसके बाद वो आपकी पिता से भूल मांग के गलत दोस्तो के साथ मिलना चूड़ किया था। उनका सांसारिक जीवन मैं बहत ख़ुश थे ।  Mahatma Gandhi  को 16 वर्ष की आयु में उनके पिता देहंत हो गया था। मोहनदास के बड़े भाई ने बड़ी मुश्किल से घर का प्रबंधन किया।

Educational Qualification ( उच्च शिक्षा लाभ )

मोहनदास मैट्रिक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 1888 में उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई के लिए बिलाट की यात्रा की। वह 3 साल बाद भारत लौटे। उस समय  Mahatma Gandhi  दास 21 वर्ष के थे।

Working life of Mahatma Gandhi ( महात्मा गांधी का कामकाजी जीवन )

Mahatma Gandhi   पहले भारत में कानूनी व्यवसाय में असफल रहे होई निराश था। मोहनदास ने बाद में अपने भाई से अपना परिचय दिया और  1933  में उन्हें दक्षिण अफ्रीका में एक कानूनी फर्म शुरू करने के लिए मनाने के लिए दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की। उस समय, मतभेद बहुत तीव्र हैं। यहां तक ​​कि वहां के भारतीय भी गोरों द्वारा उत्पीड़ित थे। वहां  Mahatma Gandhi  ने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और ब्रिटिश शासकों के अन्याय का विरोध किया। अहिंसा द्वारा उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई लड़ी। अंत में, गांधी ने पद जीता और उन्हें वहां के भारतीयों द्वारा “ Mahatha ” की उपाधि दी गई।

Mahatma Gandhi  अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए और अपनी मातृभूमि और विदेशी शासन की रक्षा के लिए खुद को देशभक्ति सेवा के लिए समर्पित करने के लिए  1918  में स्थायी रूप से भारत लौट आए। उन्होंने  1915  में साबरमती में सत्याग्रह आश्रम की स्थापना की। बाद में, अहमदाबाद में मजदूर आंदोलन और गुजरात के खेड़ा क्षेत्र में किसान आंदोलन गांधीजी के नेतृत्व में सफल रहे।

महात्मा गांधी ने एक स्वतंत्र देश बनने का सपना देखा था। अपने अहिंसक प्रचार के माध्यम से उन्होंने पूरे भारत के लोगों को संगठित किया और आंदोलन में शामिल हुए। गांधी को  1922  में गिरफ्तार किया गया, कैद किया गया और  1929  में रिहा किया गया, और भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल हो गए।  1925  में, बलूचिस्तान हिंदुओं और मुसलमानों के बीच संघर्ष को सुलझाने के लिए तीन सप्ताह की भूख हड़ताल पर चला गया।

1927  से  1930  तक, वह विभिन्न कांग्रेस निर्वाचन क्षेत्रों में सफल रहे।  1930  के दशक में, गांधी ने गांधीजी की यात्रा करके जन जागरूकता बढ़ाने के लिए “ नमक सत्याग्रह ” आंदोलन शुरू किया। परिणामस्वरूप,  1931  में बदलात और गांधीजी के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। समुद्र के पास के भारतीयों को अपने उपयोग में नमक का अधिकार था।

समय-समय पर गांधी ने  1936  में कांग्रेस की राजनीति से विचलित होकर जमीनी आंदोलन, क्षितिज आंदोलन पर ध्यान केंद्रित किया।

1942  में महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान किया। परिणामस्वरूप, भारत को  1947 15 अगस्त  को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। लेकिन ब्रिटिश सरकार ने भारत को भंग कर दिया और पाकिस्तान का गठन किया, जिसके परिणामस्वरूप गांधी को आश्चर्य हुआ। गांधीजी की 18 जनवरी को एक हिंदू  युवक नाथूराम गोडसे  ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। तो इसमें कोई शक नहीं कि गांधी जी के अमरम्बा ने हमेशा भारतीयों को प्रबुद्ध किया है।

Most important aspect of Mahatma Gandhi ( महात्मा गांधी का सबसे महत्वपूर्ण पहलू)

  • Character structure:  Mahatma Gandhi  निश्कल के चरित्र के व्यक्ति थे। उन्होंने चरित्र निर्माण पर जोर दिया। इसलिए उन्होंने हमेशा छात्रों को चरित्र निर्माण पर ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने हमेशा कहा कि चरित्र निर्माण शिक्षा का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए।
  • Timeliness: Mahatma Gandhi  कालातीतता के एकमात्र प्रतीक थे। वह हमेशा घड़ी की तरफ देखता था और सही समय पर सही काम करता था। नतीजतन, वह कई लोगों से मिल सका और समय पर कई महत्वपूर्ण काम कर पाया।
  • Prevention of untouchability: Mahatma Gandhi  ने समाज से छुआछूत को रोकने के लिए कड़ी मेहनत की। वह हमेशा जनता को “अछूत” मानसिकता से बचने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे थे। वह हमेशा क्षितिज के समाज में जगह पाने की कोशिश कर रहा था।
  • Worshipers of the mantra of non-violence: Mahatma Gandhi  अहिंसा मंत्रों के महान साधक थे। उनकी मदद से, वह अंग्रेजों को भारत से बाहर निकालने में सक्षम था। कांत कवि लक्ष्मीकांत की भाषा में अहिंसा Mahatma Gandhi का आदर्श वाक्य था। इससे वह गलत काम कर सकता है।

Mahatma Gandhi Essay Conclusion

यह सच है कि  Mahatma Gandhi  आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनका दर्शन आज सार्वभौमिक रूप से स्वीकार किया जाता है। क्योंकि वह बिना युद्ध और बिना रक्तपात के भारत को आजादी दिलाने में सक्षम थे। यदि उनका जन्म भारत के अलावा किसी अन्य देश में हुआ होता, तो वे नोबेल शांति पुरस्कार के लिए पात्र होते। इसलिए देश के भावी छात्रों को उनके आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए। मुझे आशा है कि आपको  महात्मा गांधी निबंध हिंदी में  पसंद आया होगा।

References Links:

  • https://en.wikipedia.org/wiki/Mahatma_Gandhi
  • https://www.britannica.com/biography/Mahatma-Gandhi
  • https://artsandculture.google.com/entity/mahatma-gandhi/m04xfb?hl=en

FAQ about Mahatma Gandhi

Q1 – Mahatma Gandhi का पूरा नाम क्या है?

Ans . Mohandas Karamchand Gandhi – मोहनदास करमचन्द गांधी

Q2 – सरल शब्दों में Mahatma Gandhi कौन हैं?

Ans . महात्मा गांधी हमारे राष्ट्रपिता हैं।

Q3 – Mahatma Gandhi एक महान नेता क्यों हैं?

Ans . उन्होंने सभी भारतीयों को अहिंसक सविनय अवज्ञा के माध्यम से प्रतिरोध को समझने और सीखने के लिए प्रेरित किया। Mahatma Gandhi एक दूरदर्शी नेता थे। महात्मा गांधी एक सशक्त नेता हैं

Q4 – Mahatma Gandhi ने हमें क्या सिखाया?

Ans . महात्मा गांधी हमें अहिंसा प्रतिज्ञा और विचार सिखाते हैं। वह लाखों भारतीयों को लामबंद करने में सक्षम था, लेकिन उन्हें हिंसक बनने के लिए कभी नहीं उकसाया। सच्चा नेता हमेशा हिंसा से दूर रहेगा, और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अहिंसक तरीके अपनाएगा।

Q5 – Mahatma Gandhi का क्या महत्व है?

Ans . Gandhi ने अहिंसक असहयोग के दर्शन के माध्यम से भारत को स्वतंत्रता तक पहुंचने में मदद की, उनके अहिंसक प्रतिरोध ने भारत में ब्रिटिश शासन को समाप्त करने में मदद की और दुनिया भर में आधुनिक सविनय अवज्ञा आंदोलनों को प्रभावित किया।

Q6 – Gandhi को Bapu (बापू) नाम किसने दिया?

Ans . Subhas Chandra Bose ने 6 जुलाई 1944 को सिंगापुर रेडियो पर अपने संबोधन के दौरान उन्हें Mahatma Gandhi को राष्ट्रपिता या “Bapu” भी कहा।

Q7 – Gandhi जी को किसने और क्यों गोली मारी?

Ans . Nathuram Godse ने कहा कि वह मुस्लिम समुदाय के लिए गांधी के समर्थन से नाखुश थे और उन्होंने भारत के विभाजन और पाकिस्तान के गठन के लिए उन्हें दोषी ठहराया।

You must be logged in to post a comment.

Mahatma Gandhi essay in Hindi | महात्मा गाँधी पर निबंध 200, 300, 500 और 1000 word मे

Mahatma Gandhi essay in Hindi

Mahatma Gandhi essay in Hindi : महात्मा गांधी भारत के राष्ट्रपिता और एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होने सत्य और अहिंसा के सिद्धांत पर कई आंदोलन चलाए थे। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी ( Mohandas Karamchand Gandhi ) था, जिनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। गांधी जी ने अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को ब्रिटिश शासन (अंग्रेजों) से आजाद कराया था।

गांधी जी एक महान विचारक और समाज सुधारक भी थे, जिन्होने सामाजिक कुरितियों जैसे जातिवाद, छुआछुत और बाल विवाह के खिलाफ आवाज उठाई थी। इसके अलावा उन्होने स्वदेशी आंदोलन का भी नेतृत्व किया था। ऐसे महान व्यक्ति के बारे में आपको जरूर पढ़ना चाहिए।

स्कूलों में अक्सर Mahatma Gandhi Essay in Hindi में लिखने के लिए कहा जाता है। इसलिए मैं आपको महात्मा गाँधी पर निबंध 200, 300, 500 और 1000 word मे लिखकर दूंगा, जिससे निबंध प्रतियोगिता में बहुत अच्छे अंक ला सकते है।

महात्मा गांधी पर निबंध – Mahatma Gandhi essay in Hindi

महात्मा गांधी, जिन्हें भारत में “ बापू ” या “ राष्ट्रपिता ” के नाम से भी जाना जाता है, वे भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और महान विचारक थे। उन्होंने अहिंसा, सत्य और प्रेम के सिद्धांतों के आधार पर भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।

गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने इंग्लैंड में कानून (वकालत) की पढ़ाई की और फिर भारत लौटने के बाद एक वकील के रूप में काम किया। 1893 में, वे दक्षिण अफ्रीका चले गए, जहां उन्होंने भारतीय समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी थी।

1915 में भारत लौटने के बाद, गांधी जी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने भारत में कई महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया था, जिनमें दांडी यात्रा, सविनय अवज्ञा आंदोलन, असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन शामिल थें।

महात्मा गांधी के सफल आंदलनों की वजह से ब्रिटिश शासन काफी कमजोर हुआ, और अंतत: 1947 में  उन्हे भारत छोड़ना पड़ा। इस तरह भारत को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में गांधी जी का काफी योगदान था। गांधी जी एक महान सत्य और अहिंसा प्रचारक थे, जिन्होने अपनी पूरी जिंदगी में इन सिद्धांतों का पालन किया और दुनिया भर के लोगों को भी प्रेरित किया।

महात्मा गांधी पर निबंध 300 शब्दों में – Gandhi Jayanti per Nibandh Hindi

प्रस्तावना.

महात्मा गांधी एक महान व्यक्तित्व वाले व्यक्ति है जिन्हे भारत में “बापू” या “राष्ट्रपिता” के रूप में जाना जाता है। गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 में भारत के पोरबंदर स्थान पर हुआ था। उन्होने अपनी पूरी जिंदगी में केवल अहिंसा और सत्य के सिद्धांतो पर कार्य किया।

गांधी जी भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे, जिनका भारत की आजादी में काफी बड़ा योगदान रहा है। उन्होने काफी सारे सफल आंदोलनों का नेतृत्व किया हैं।

महात्मा गांधी का जीवन

गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था, जिनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतली बाई था। गांधी जी ने प्रारंभिक जीवन में हिंदू शिक्षा प्राप्त की, जिसमें उन्होने संस्कृत, हिंदी और गुजराती भाषाओं का अध्ययन किया।

1888 में, गांधी जी कानून की पढ़ाई के लिए लंदन गए, जहां पढ़ाई पूरी करने के बाद वे दक्षिण अफ्रीका में एक भारतीय कंपनी में काम करने गए। वहां पर उन्होने भारतीयों के साथ हो रहे भेदभाव पर एक सफल आंदोलन किया।

इसके बाद गांधी जी 1915 में भारत लौटे और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का नेतृत्व संभाला। और फिर गांधी जी ने भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए काई आंदोलनों का नेतृत्व किया, जैसे- सविनय अवज्ञा आंदोलन, दांडी यात्रा, भारत छोड़ो आंदोलन आदि।

महात्मा गांधी राष्ट्रपिता के रूप में

महात्मा गांधी को भारत के राष्ट्रपिता का दर्जा दिया गया है, क्योंकि उन्होने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में काफी बड़ा योगदान दिया था, और इसके अलावा उन्होने भारत को अहिंसा, सत्य और प्रेम की शिक्षा भी दी है।

उपसंहार

महात्मा गांधी काफी महान व्यक्ति थे, जिन्होने भारत देश को आजादी दिलाने में काफी बड़ा योगदान दिया। इसके अलावा भारत को एक स्वतंत्र, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में स्थापित किया। उन्होने पूरे विश्व में लोगों के बीच समानता और भाईचारे को बढ़ावा देने की शिक्षा। और एक सादा और स्वेदशी जीवन जीने का उदाहरण प्रस्तुत किया।

महात्मा गांधी पर निबंध 500 शब्दों में

महात्मा गांधी काफी एक बहुत ही महान पुरुष थे जिन्होने पूरे विश्व को अहिंसा, सत्य और प्यार का पाठ पढ़ाया था। गांधी जी के इन्ही सिद्धांतों की वजह से उन्हे केवल भारत में ही नही बल्कि पूरे संसार में महान पुरुष माना जाता है।

गांधी जी ने काफी सारे शांतिपूर्वक आंदोलन किए थे, जिसकी वजह से अंग्रेजो को भारत को छोड़ना पड़ा था। गांधी जी एक स्वतंत्रता सेनानी थे, और इसके साथ – साथ एक अच्छे समाज सुधारक भी थे। उन्होने अपनी पूरी जिंदगी में लोगों के बीच समानता और भाईचारा लाने का काम किया। उन्होने महिलाओं के अधिकारों, दलितों के अधिकारों और श्रमिकों के अधिकारों के लिए भी काम किया।

गांधी जी का परिवार

महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात में पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इनका पूरा नाम मोहनदा करमचंद गांधी है और इनके पिता का नाम करमचंद गांधी है। इसके अलाव इनकी माता का नाम पुतलीबाई है। गांधी जी अपने पिता की चौथी पत्नी की अंतिम संतान थे।

गांधी जी की माता अत्यधिक धार्मिक महिला थी, जिनकी दिनचर्या घर और मंदिर में बंटी हुई थी। इसके अलावा गांधी जी के पिता, करमचंद गांधी ब्रिटिश आधिपत्य के तहत पश्चिमी भारत की एक छोटी सी रियासत पोरबंदर के दिवान थे।

गांधी जी के परिवार में 4 बेटे और 13 पोते-पोतियां हैं। अगर आज के समय की बात करें तो उनके पोते-पोतियां और उनके 154 वंशज आज 6 देशों रह रहे हैं।

महात्मा गांधी की शिक्षा

गांधी जी ने प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर से ही प्राप्त की थी, जहां उन्होंने संस्कृत, हिंदी और गुजराती भाषओं का अध्ययन किया। इसके बाद 1888 में गांधी जी कानून की पढ़ाई के लंदन गए। वे लंदन विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई पूरी करके दक्षिण अफ्रीका गए, जहां उन्होने एक भारतीय कंपनी में काम किया।

दक्षिण अफ्रीका में सक्रियता

जब गांधी जी दक्षिण अफ्रीका गए तब उन्होने देखा कि वहां भारतीय लोगों के साथ भेदभाव हो रहा है। वहां पर नस्लीय भेदभाव भी हो रहा था। उस समय महात्मा गांधी ने अहिंसा और सत्य के सिद्धातों से एक आंदोलन का नेतृत्व किया, जिससे दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों को भी अधिकार मिले।

स्वदेश आगमन

दक्षिण अफ्रीका में सफल आंदोलन करने के बाद गांधी जी 1915 में स्वदेश लौट आए। इसके बाद उन्होने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व संभाला और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को एक नयी दिशा दी। उन्होने अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों पर एक स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसने ब्रिटिश शासन काफी प्रभावित किया।

गांधी जी ने भारत आने के बाद काफी सारे आंदोलन किए, और सभी आंदोलन अंहिसा और शांतिपूर्वक तरीके से किए थे, जिससे उनके अधिकतर सभी आंदोलन सफल हुए थे।

महात्मा गांधी का जीवन काफी शिक्षाप्रद था। उन्होने पूरे विश्व को कई शिक्षाएं दी, जैसे- अहिंसा, सत्य, सादगी, स्वदेश प्रेम, सेवा। गांधी जी की शिक्षाएँ दुनिया भर के लोगों के लिए प्रेरणाएं है, जिससे एक बेहतर और अधिक न्यायपूर्ण दुनिया बनायी जा सकती है। इसलिए हम सभी को महात्मा गांधी जी की शिक्षाओं को अपनाना चाहिए।

महात्मा गांधी पर निबंध 1000 शब्दों में – Mahatma Gandhi essay in 1000 Word

महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi ) एक अच्छे समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी और आध्यात्मिक नेता थे। इसी वजह से गांधी जी को भारत में “ राष्ट्रपिता” और “ बापू” के नाम से जाना जाता है। उन्होने काफी सारे अंदोलन किए थे, और सभी आंदोलन अहिंसा, सत्य और प्रेम के सिद्धांतों पर आधारित थे।

महात्मा गांधी जी का जन्म

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था, जो राजकोट राज्य के दिवान थे। और उनकी माता का नाम पुतली बाई था, जो एक धार्मिक गृहिणी थी। महात्मा गांधी जी अपने परिवार में सबसे छोटे थे।

महात्मा गांधी जी की शिक्षा

महात्मा गांधी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पोरबंदर में ही प्राप्त की थी। उन्होने संस्कृत, हिंदी और गुजराती भाषाओं का अध्ययन किया था, और सा एक पारंपरिक हिंदू शिक्षा प्राप्त की। गांधी जी ने पुरस्कार और छात्रवृत्तियां भी जीती।

गांधी जी की तेरह वर्ष में पोरबंदर के एक व्यापारी की पुत्री कस्तूरबा के साथ विवाह करवा दिया गया था, जब वे स्कूल में पढ़ते थे। युवा अवस्था में गांधी जी ने 1887 में जैसे-तैसे ‘मुबंई यूनिवर्सिटी’ की मैट्रिक की परीक्षा पास की और भावनगर स्थित ‘सामलदास कॉलेज’ में दाखिला लिया।

गांधी जी एक डॉक्टर बनना चाहते थे, लेकिन वैष्णव परिवार में चीर-फाड़ की इजाजत नही थी, इसलिए उन्हे बैरिस्टर (कानून) की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड जाना पड़ा।

महात्मा गांधी जी की विदेश यात्रा

सितंबर 1888 में, गांधी जी लंदन (इंग्लैंड) पहुंच गए। वहां पर उन्होने चार लॉ कॉलेज में से एक ‘इनर टेंपल’ कानून महाविद्यालय में प्रवेश लिया। उन्होने 1890 में, लंदन विश्वविद्यालय में मैट्रिक की परीक्षा दी।

गांधी जी ने अपनी लॉ की पढ़ाई को काफी गंभीरता से लिया। उन्होने लंदन में शाकाहारी रेस्तरां के लिए हड़ताल भी की थी। गांधी जी लंदन वेजिटेरियन सोसाइटी में कार्यकारी समिति के सदस्य बने थे।

दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह आंदोलन

महात्मा गांधी थोड़े समय के लिए इंग्लैंड से भारत आए थे, तब वे अब्दुल्ला के चचेरे भाई के लिए वकील बनने के लिए दक्षिण अफ्रीका चले गए, जो दक्षिण अफ्रीका के शिपिंग व्यापारी थे। लेकिन वहां उन्होने देखा कि वहां पर भारतीय लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है।

गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका में एक सत्याग्रह आंदोलन चलाया ताकि वहां रहने वाले भारतीयों को न्यायपूर्ण अधिकार मिले। यह सत्याग्रह आंदोलन अफ्रीका में सात वर्षों से अधिक समय तक चला। इसमें उतार-चढ़ाव आते रहे, लेकिन गांधी जी के नेतृत्व में सभी भारतीय अल्पसंख्यकों के छोटे से समुदाय ने संघर्ष जारी रखा।

अंतत: दक्षिण अफ्रीका में सभी भारतीयों को न्यायपूर्ण अधिकार मिले।

महात्मा गांधी द्वारा किए गए आंदोलन

दक्षिण अफ्रीका में सफल आंदोलन करने के बाद गांधी जी सन् 1914 में भारत लौट आए। उस समय सभी देशवासियों ने गांधी जी को महात्मा कहकर पुकारना शुरू कर दिया। इसके बाद गांधी जी ने चार वर्ष बारतीय स्थिति का अध्ययन किया।

गांधी जी ने भारत में कई आंदोलनों का सफल नेतृत्व किया था।

1. चंपारण सत्याग्रह आंदोलन

चंपारण सत्याग्रह आंदोलन महात्मा गांधी के नेतृत्व में 1917 में बिहार के चंपारण जिले में शुरू हुआ था। यह आंदोलन ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आम जनता के अहिंसक प्रतिरोध पर आधारित था।

2. खेड़ा आंदोलन

एक बार गुजरात का एक गांव काफी बुरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ गया था, तो स्थानीय किसानों ने कर माफी के लिए शासकों से अपील की। लेकिन शासकों ने उनकी अपील को नही स्वीकारा। इसके बाद गांधी जी ने खेड़ा आंदोलन शुरू किया गया, जिसकी वजह से 1918 में सरकार ने अकाल समाप्ति तक राजस्व कर के भुगतान की शर्तों पर ढील दी।

3. रॉलेट ऐक्ट के विरुद्ध आंदोलन

अंग्रेजों ने भारत में उठ रही आजादी की आवाज को दबाने के लिए 1919 में एक रॉलेट ऐक्ट लगाया था, जिसे काले कानून के नाम से भी जाना जाता था। इस ऐक्ट से ब्रिटिश सरकार किसी भी भारतीय व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार कर सकती थी।

उस समय महात्मा गांधी के नेतृत्व में रॉलेट ऐक्ट के विरोध हुए आंदोलन में पूरा देश शामिल हुआ था।

4. असहयोग आंदोलन

असहयोग आंदोलन काफी महत्वपूर्ण आंदोलन है, जो महात्मा गांधी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में 1920 में शुरू किया गया था। इस आंदोलन से सभी भारतीयों में स्वतंत्रता के लिए एक नई जागृति पैदा हुई। इस आंदोलन का उद्देश्य था कि ब्रिटिश स्रकार से राष्ट्र के सहयोग को वापिस लेना।

5. नमक सत्याग्रह आंदोलन

महात्मा गांधी के सभी आंदोलनों में से एक सबसे महत्वपूर्ण आंदोलन यह भी था। यह आंदोलन 12 मार्च 1930 में साबरमती आश्रम जो कि अहमदाबाद में है, से शुरू हुआ, और दांडी गांव तक 24 दिनों तक पैदल मार्च के रूप में चला। यह आंदोलन ब्रिटिश राज के एकाधिकार के खिलाफ आंदोलन था।

6. दलित आंदोलन

महात्मा गांधी एक अच्छे समाज सुधारक भी थे, जिन्होने देश में फैल रहे छुआछुत के विरोध में 8 मई 1933 को आंदोलन शुरू किया था। इस आंदोलन ने पूरे देश में काफी हद तक छुआछुत को कम किया था। इसके बाद गांधी जी ने 1932 में छुआछुत विरोधी लीग की स्थापना की थी।

7. भारत छोड़ो आंदोलन

महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ 1942 में एक बहुत बडा आंदोलन छेड़ा, जिसका नाम, भारत छोड़ो आंदोलन था। इस आंदोलन से गांधी जी ने अंग्रेजो को भारत छोड़ने पर मजबुर किया। इसके साथ ही गांधी जी ने एक सामूहिक नागरिक अवज्ञा आंदोलन करो या मरो भी शुरू किया, जिससे इस आंदोलन को और मजबूती मिली।

इस आंदोलन ने ब्रिटिश सरकार की हुकूम को काफी कमजोर कर दिया था।

महान बलिदान

भारत छोड़ो आंदोलन के बाद बाद ब्रिटिश हुकूमत काफी कमजोर हुई और अंतत: 1947 में पूरा भारत स्वतंत्र हो गया। लेकिन गांधी जब तक जिंदी थे, तब तक देश के उद्धार के लिए काम करते रहे। गांधी जी ने हिंदु और मुस्लिम एकता का अभियान शुरू किया था, लेकिन इससे कुछ लोग खुश नही थे।

30 जनवरी, 1948 को दिल्ली के बिरला भवन में सभा के समय नाथूराम गोड़से ने मौका देखकर गांधी जी को गोली मार दी। हालांकि गांधी जी के मरने के बाद भी उनके आदर्श और उपदेश हमेशा जिंदा है।

महात्मा गांधी सच में एक महान पुरुष थे, जिन्होने अच्छी तरह से स्वतंत्र सेनानी और समाज सेवक का रोल निभाया। गांधी जी ने शांति और अहिंसा के आधार पर आंदोलन किया और अंग्रेजो को भारत छोड़ने पर मजबूर किया।

महात्मा गांधी सिर्फ एक नाम नही बल्कि पूरे विश्व पटल पर शांति और अहिंसा का प्रतीक है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी वर्ष 2007 से गांधी जयंती पर ‘विश्व अहिंसा दिवस’ के रूप मनाने की घोषणा की।

इसे भी पढ़े:

Saraswati Puja Essay in Hindi

26 January Essay in Hindi

Share this:

  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Telegram (Opens in new window)
  • Click to share on Pinterest (Opens in new window)

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

25,000+ students realised their study abroad dream with us. Take the first step today

Here’s your new year gift, one app for all your, study abroad needs, start your journey, track your progress, grow with the community and so much more.

essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

Verification Code

An OTP has been sent to your registered mobile no. Please verify

essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

Thanks for your comment !

Our team will review it before it's shown to our readers.

essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

  • Essays in Hindi /

Mahatma Gandhi Essay in Hindi | स्कूली छात्रों के लिए महात्मा गांधी पर निबंध

' src=

  • Updated on  
  • जनवरी 22, 2024

Mahatma Gandhi Essay in Hindi

भारत के स्वतंत्रता सेनानी और बापू के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उन्होंने अंग्रेज़ों की गुलामी से भारत को आज़ाद कराने के लिए अपना पूरा जीवन दे दिया था। आज़ादी के लिए उन्होंने चंपारण, खेड़ा, आंदोलन, आंदोलन और भारत छोड़ो आदि आंदोलन किए। ऐसे में कई बार विद्यार्थियों को महात्मा गांधी पर निबंध तैयार करने को दिया जाता है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि महात्मा गांधी पर एक सूचनात्मक निबंध कैसे लिखें। यहाँ आपको 100, 200 और 500 शब्दों में Mahatma Gandhi Essay in Hindi के कुछ सैम्पल्स दिए गए हैं। आईये पढ़ते हैं उन सैम्पल्स को।

essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

This Blog Includes:

महात्मा गांधी पर निबंध कैसे लिखें, महात्मा गांधी पर निबंध 100 शब्दों में, महात्मा गांधी पर निबंध 200 शब्दों में, गांधी जी के बारे में, महात्मा गाँधी द्वारा किए गए आंदोलन, गांधी जी की शिक्षा, गांधी जी ने उठाई आवाज, महात्मा गांधी पर निबंध pdf, gandhi jayanti quotes in hindi: गांधी जयंती कोट्स, महात्मा गांधी के बारे में रोचक तथ्य, विश्वास , प्रथा .

महात्मा गांधी पर निबंध लिखने के लिए, आपको उनके बारे में निम्नलिखित विवरणों का उल्लेख करना होगा।

  • देश के लिए योग
  • आजादी के लिए निभाया कर्तव्य

महात्मा गांधी पर 100 शब्दों में निबंध इस प्रकार हैः

महात्मा गांधी पर 200 शब्दों में निबंध इस प्रकार हैः

महात्मा गांधी को महात्मा , ‘महान आत्मा’ और कुछ लोगों द्वारा उन्हें बापू के नाम से जाना जाता है। महात्मा गांधी वह नेता थे जिन्होंने 200 से अधिक वर्षों से भारतीय जनता पर ब्रिटिश उपनिवेशवाद की बेड़ियों से भारत को मुक्त कराया था। 2 अक्टूबर, 1869 को भारत के पोरबंदर में जन्मे महात्मा गांधी का असली नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। गांधी बचपन से ही न तो कक्षा में मेधावी थे और न ही खेल के मैदान में बेहतर थे। उस समय किसी ने अनुमान नहीं लगाया होगा कि लड़का देश में लाखों लोगों को एक कर देगा और दुनिया भर में लाखों लोगों का नेतृत्व करेगा।

वहीं विश्व स्तर पर प्रसिद्ध व्यक्ति, महात्मा गांधी को उनकी अहिंसक, अत्यधिक बौद्धिक और सुधारवादी विचारधाराओं के लिए जाना जाता है। महान व्यक्तित्वों में माने जाने वाले, भारतीय समाज में गांधी का कद बेजोड़ है क्योंकि उन्हें भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने के उनके श्रमसाध्य प्रयासों के लिए ‘राष्ट्रपिता’ के रूप में जाना जाता है। गांधी जी की शिक्षा का विचार मुख्य रूप से चरित्र निर्माण, नैतिक मूल्यों, नैतिकता और मुक्त शिक्षा पर केंद्रित था। वह इस बात की वकालत करने वाले पहले लोगों में से थे कि शिक्षा को सभी के लिए मुफ्त और सभी के लिए सुलभ बनाया जाना चाहिए, चाहे वह किसी भी वर्ग का हो।

महात्मा गांधी पर निबंध 400 शब्दों में

महात्मा गांधी पर निबंध- 400 शब्दों में इस प्रकार है:

देश की आजादी में मूलभूत भूमिका निभाने वाले तथा सभी को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाने वाले बापू को सर्वप्रथम बापू कहकर, राजवैद्य जीवराम कालिदास ने 1915 में संबोधित किया। आज दशकों बाद भी संसार उन्हें बापू के नाम से पुकारता है।

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गाँधी के पिता कठियावाड़ के छोटे से रियासत (पोरबंदर) के दिवान थे। आस्था में लीन माता और उस क्षेत्र के जैन धर्म के परंपराओं के कारण गाँधी जी के जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा, जैसे की आत्मा की शुद्धि के लिए उपवास करना आदि। 13 वर्ष की आयु में गांधी जी का विवाह कस्तूरबा से करा दिया गया था।

असहयोग आंदोलन

जलियांवाला बाग नरसंहार से गाँधी जी को यह ज्ञात हो गया था कि ब्रिटिश सरकार से न्याय की अपेक्षा करना व्यर्थ है। अतः उन्होंने सितंबर 1920 से फरवरी 1922 के मध्य भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन चलाया। लाखों भारतीय के सहयोग मिलने से यह आंदोलन अत्यधिक सफल रहा। और इससे ब्रिटिश सरकार को भारी झटका लगा।

नमक सत्याग्रह

12 मार्च 1930 से साबरमती आश्रम (अहमदाबाद में स्थित स्थान) से दांडी गांव तक 24 दिनों का पैदल मार्च निकाला गया। यह आंदोलन ब्रिटिश सरकार के नमक पर एकाधिकार के खिलाफ छेड़ा गया। गाँधी जी द्वारा किए गए आंदोलनों में यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण आंदोलन था।

दलित आंदोलन

गाँधी जी द्वारा 1932 में अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग की स्थापना की गई और उन्होंने छुआछूत विरोधी आंदोलन की शुरूआत 8 मई 1933 में की।

भारत छोड़ो आंदोलन

ब्रिटिश साम्राज्य से भारत को तुरंत आजाद करने के लिए महात्मा गाँधी द्वारा अखिल भारतीय कांग्रेस के बॉम्बे अधिवेशन से द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन आरम्भ किया गया।

चंपारण सत्याग्रह

ब्रिटिश ज़मींदार गरीब किसानों से अत्यधिक कम मूल्य पर जबरन नील की खेती करा रहे थे। इससे किसानों में भूखे मरने की स्थिति पैदा हो गई थी। यह आंदोलन बिहार के चंपारण जिले से 1917 में प्रारंभ किया गया। और यह उनकी भारत में पहली राजनैतिक जीत थी।

महात्मा गांधी के शब्दों में “कुछ ऐसा जीवन जियो जैसे की तुम कल मरने वाले हो, कुछ ऐसा सीखो जिससे कि तुम हमेशा के लिए जीने वाले”। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी इन्हीं सिद्धान्तों पर जीवन व्यतीत करते हुए भारत की आजादी के लिए ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अनेक आंदोलन लड़े।

महात्मा गांधी पर निबंध 500 शब्दों में

500 शब्दों में Mahatma Gandhi Essay in Hindi इस प्रकार हैः

गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। भारत को स्वतंत्रता दिलवाने में उन्होंने एहम भूमिका निभायी थी। 2 अक्टूबर को हम उन्हीं की याद में गांधी जयंती मनाते है। वह सत्य के पुजारी थे। गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था।

गांधी जी के पिता का नाम करमचंद उत्तमचंद गांधी था और वह राजकोट के दीवान रह चुके थे। गांधी जी की माता का नाम पुतलीबाई था और वह धर्मिक विचारों और नियमों का पालन करती थीं। कस्तूरबा गांधी उनकी पत्नी का नाम था वह उनसे 6 माह बड़ी थीं। कस्तूरबा और गांधी जी के पिता मित्र थे, इसलिए उन्होंने अपनी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदल दी। कस्तूरबा गांधी ने हर आंदोलन में गांधी जी का सहयोग दिया था।

गांधी जी ने पोरबंदर में पढ़ाई की थी और फिर माध्यमिक परीक्षा के लिए राजकोट गए थे। वह अपनी वकालत की आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए इंग्लैंड चले गए। गांधी जी ने 1891 में अपनी वकालत की शिक्षा पूरी की। लेकिन किसी कारण वश उन्हें अपने कानूनी केस के सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा। वहां जाकर उन्होंने रंग के चलते हो रहे भेद-भाव को महसूस किया और उसके खिलाफ अपनी आवाज़ उठाने की सोची। वहां के लोग लोगों पर ज़ुल्म करते थे और उनके साथ दुर्व्यवहार करते थे।

भारत वापस आने के बाद उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत की तानाशाह को जवाब देने के लिए और अपने लिखे समाज को एकजुट करने के बारे में सोचा। इसी दौरान उन्होंने कई आंदोलन किये जिसके लिए वे कई बार जेल भी जा चुके थे। गाँधी जी ने बिहार के चम्पारण जिले में जाकर किसानों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की। यह आंदोलन उन्होंने जमींदार और अंग्रेज़ों के खिलाफ किया था। एक बार गाँधीजी को स्वयं एक गोरे ने ट्रेन से उठाकर बाहर फेंक दिया क्योंकि उस श्रेणी में केवल गोरे यात्रा करना अपना अधिकार समझते थे परंतु गांधी जी उस श्रेणी में यात्रा कर रहे थे।

गांधी जी ने प्रण लिया कि वह काले लोगों और भारतीयों के लिए संघर्ष करेंगे। उन्होंने वहाँ रहने वाले भारतीयों के जीवन सुधार के लिए कई आन्दोलन किये । दक्षिण अफ्रीका में आन्दोलन के दौरान उन्हें सत्य और अहिंसा का महत्त्व समझ में आया। जब वह भारत वापस आए तब उन्होंने वही स्थिति यहां पर भी देखी, जो वह दक्षिण अफ्रीका में देखकर आए थे। 1920 में उन्होंने सविनय अवज्ञा आंदोलन चलाया और अंग्रेजों को ललकारा।

1930 में गांधी जी ने असहयोग आंदोलन चलाया और 1942 में उन्होंने अंग्रेजों से भारत छोड़ने का आह्वान किया। अपने इन आन्दोलन के दौरान वह कई बार जेल गए। हमारा भारत 1947 में आजाद हुआ, लेकिन 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई, जब वह संध्या प्रार्थना के लिए जा रहे थे।

mahatma gandhi quotes

Mahatma Gandhi Essay in Hindi में हम महात्मा गांधी के कुछ अनमोल विचार के बारे में जानेंगे जो आपको अपना जीवन बदलने की राह आसान करेंगेः

  • “एक कायर प्यार का प्रदर्शन करने में असमर्थ होता है, प्रेम बहादुरों का विशेषाधिकार है।”
  • “मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।”
  • “किसी चीज में यकीन करना और उसे ना जीना बेईमानी है।”
  • “राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की उन्नति के लिए आवश्यक है।”
  • “पृथ्वी सभी मनुष्यों की ज़रुरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरी करने के लिए नहीं।”
  • “प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है और फिर भी हम जिसकी कल्पना कर सकते हैं उसमे सबसे नम्र है।”
  • “एक राष्ट्र की संस्कृति उसमे रहने वाले लोगों के दिलों में और आत्मा में रहती है।”
  • “जहाँ प्रेम है वहां जीवन है।”
  • “सत्य बिना जन समर्थन के भी खड़ा रहता है, वह आत्मनिर्भर है।” 
  • “एक धर्म जो व्यावहारिक मामलों के कोई दिलचस्पी नहीं लेता है और उन्हें हल करने में कोई मदद नहीं करता है वह कोई धर्म नहीं है।”

Mahatma Gandhi Essay in Hindi जानने के साथ ही हमें महात्मा गांधी के बारे में रोचक तथ्यों के बारे में जानना चाहिए, जोकि इस प्रकार हैंः

mahatma gandhi essay in hindi

  • महात्मा गांधी की मातृ-भाषा गुजराती थी।
  • महात्मा गांधी ने राजकोट के अल्फ्रेड हाई स्कूल से पढ़ाई की थी।
  • महात्मा गांधी के जन्मदिन 2 अक्टूबर को ही अंतरराष्ट्रीय अंहिसा दिवस के रूप मे विश्वभर में मनाया जाता है।
  • वह अपने माता-पिता के सबसे छोटी संतान थे उनके दो भाई और एक बहन थी।
  • माधव देसाई, गांधी जी के निजी सचिव थे।
  • महात्मा गांधी की हत्या बिरला भवन के बगीचे में हुई थी।
  • महात्मा गांधी और प्रसिध्द लेखक लियो टॉलस्टॉय के बीच लगातार पत्र व्यवहार होता था।
  • महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका के सत्याग्रह संघर्ष के दोरान, जोहांसबर्ग से 21 मील दूर एक 1100 एकड़ की छोटी सी कालोनी, टॉलस्टॉय फार्म स्थापित की थी।
  • महात्मा गांधी का जन्म शुक्रवार को हुआ था, भारत को स्वतंत्रता भी शुक्रवार को ही मिली थी तथा महात्मा गांधी की हत्या भी शुक्रवार को ही हुई थी।
  • महात्मा गांधी के पास नकली दांतों का एक सेट हमेशा मौजूद रहता था।

महात्मा गांधी जी के सिद्धांत, प्रथा और विश्वास

गांधी जी के बयानों, पत्रों और जीवन के सिद्धांतों, प्रथाओं और विश्वासों ने राजनीतिज्ञों और विद्वानों को आकर्षित किया है, जिसमें उन्हें प्रभावित किया है। कुछ लेखक उन्हें नैतिक जीवन और शांतिवाद के प्रतिमान के रूप में प्रस्तुत करते हैं, जबकि अन्य उन्हें उनकी संस्कृति और परिस्थितियों से प्रभावित एक अधिक जटिल, विरोधाभासी और विकसित चरित्र के रूप में प्रस्तुत करते हैं, जिसकी जानकारी नीचे दी गई है:

mahatma gandhi essay in hindi

सत्य और सत्याग्रह

गांधी ने अपना जीवन सत्य की खोज और पीछा करने के लिए समर्पित कर दिया, और अपने आंदोलन को सत्याग्रह कहा, जिसका अर्थ है “सत्य के लिए अपील करना, आग्रह करना या उस पर भरोसा करना”। एक राजनीतिक आंदोलन और सिद्धांत के रूप में सत्याग्रह का पहला सूत्रीकरण 1920 में हुआ, जिसे उन्होंने उस वर्ष सितंबर में भारतीय कांग्रेस के एक सत्र से पहले ” असहयोग पर संकल्प ” के रूप में पेश किया।

हालांकि अहिंसा के सिद्धांत को जन्म देने वाले गांधी जी नहीं थे, वे इसे बड़े पैमाने पर राजनीतिक क्षेत्र में लागू करने वाले पहले व्यक्ति थे। अहिंसा की अवधारणा का भारतीय धार्मिक विचार में एक लंबा इतिहास रहा है, इसे सर्वोच्च धर्म माना जाता है। 

गांधीवादी अर्थशास्त्र

गांधी जी सर्वोदय आर्थिक मॉडल में विश्वास करते थे, जिसका शाब्दिक अर्थ है “कल्याण, सभी का उत्थान”। समाजवाद मॉडल की तुलना में एक बहुत अलग आर्थिक मॉडल था।

बौद्ध, जैन और सिख

गांधी जी का मानना ​​था कि बौद्ध, जैन और सिख धर्म हिंदू धर्म की परंपराएं हैं, जिनका साझा इतिहास, संस्कार और विचार हैं।

मुस्लिम 

गांधी के इस्लाम के बारे में आम तौर पर सकारात्मक और सहानुभूतिपूर्ण विचार थे और उन्होंने बड़े पैमाने पर कुरान का अध्ययन किया। उन्होंने इस्लाम को एक ऐसे विश्वास के रूप में देखा जिसने शांति को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया, और महसूस किया कि कुरान में अहिंसा का प्रमुख स्थान है।

गांधी ने ईसाई धर्म की प्रशंसा की। वह ब्रिटिश भारत में ईसाई मिशनरी प्रयासों के आलोचक थे, क्योंकि वे चिकित्सा या शिक्षा सहायता को इस मांग के साथ मिलते थे कि लाभार्थी ईसाई धर्म में परिवर्तित हो जाए। सीधे शब्दों में समझें तो गांधीजी हर धर्म का सम्मान और विश्वास करते थे।

गांधी जी ने महिलाओं की मुक्ति का पुरजोर समर्थन किया, और “महिलाओं को अपने स्वयं के विकास के लिए लड़ने के लिए” आग्रह किया। उन्होंने पर्दा, बाल विवाह, दहेज और सती प्रथा का विरोध किया।

अस्पृश्यता और जातियां

गांधी जी ने अपने जीवन के शुरुआती दिनों में अस्पृश्यता के खिलाफ बात की थी। 

नई शिक्षा प्रणाली, बुनियादी शिक्षा

गांधी जी ने शिक्षा प्रणाली के औपनिवेशिक पश्चिमी प्रारूप को खारिज कर दिया। 

सम्बंधित आर्टिकल्स 

सादा जीवन, उच्च विचार।

महात्मा गांधी जी को भारत में राष्ट्रपिता के रूप में सम्मानित किया जाता है। स्वतंत्र भारत के संविधान द्वारा महात्मा को राष्ट्रपिता की उपाधि प्रदान किए जाने से बहुत पहले, नेताजी सुभाष चंद्र बोस ही थे।

गांधी की मां पुतलीबाई अत्यधिक धार्मिक थीं। उनकी दिनचर्या घर और मंदिर में बंटी हुई थी। वह नियमित रूप से उपवास रखती थीं और परिवार में किसी के बीमार पड़ने पर उसकी सेवा सुश्रुषा में दिन-रात एक कर देती थीं।

गाँधी का मत था स्वराज का अर्थ है जनप्रतिनिधियों द्वारा संचालित ऐसी व्यवस्था जो जन-आवश्यकताओं तथा जन-आकांक्षाओं के अनुरूप हो।

इसका सूत्रपात सर्वप्रथम महात्मा गांधी ने 1894 ई. में दक्षिण अफ़्रीका में किया था।

महात्मा गांधी, मोहनदास करमचंद गांधी के नाम से, (जन्म 2 अक्टूबर, 1869, पोरबंदर, भारत- मृत्यु 30 जनवरी, 1948, दिल्ली), भारतीय वकील, राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता, और लेखक जो अंग्रेजों के खिलाफ राष्ट्रवादी आंदोलन के नेता बने।

महात्मा गांधी

उम्मीद है कि आपको Mahatma Gandhi Essay in Hindi कैसे लिखें, यह पता चल गया होगा। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

' src=

रश्मि पटेल विविध एजुकेशनल बैकग्राउंड रखने वाली एक पैशनेट राइटर और एडिटर हैं। उनके पास Diploma in Computer Science और BA in Public Administration and Sociology की डिग्री है, जिसका ज्ञान उन्हें UPSC व अन्य ब्लॉग लिखने और एडिट करने में मदद करता है। वर्तमान में, वह हिंदी साहित्य में अपनी दूसरी बैचलर की डिग्री हासिल कर रही हैं, जो भाषा और इसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा के प्रति उनके प्रेम से प्रेरित है। लीवरेज एडु में एडिटर के रूप में 2 साल से ज़्यादा अनुभव के साथ, रश्मि ने छात्रों को मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान करने में अपनी स्किल्स को निखारा है। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करते हुए 1000 से अधिक ब्लॉग लिखे हैं और 2000 से अधिक ब्लॉग को एडिट किया है। रश्मि ने कक्षा 1 से ले कर PhD विद्यार्थियों तक के लिए ब्लॉग लिखे हैं जिन में उन्होंने कोर्स चयन से ले कर एग्जाम प्रिपरेशन, कॉलेज सिलेक्शन, छात्र जीवन से जुड़े मुद्दे, एजुकेशन लोन्स और अन्य कई मुद्दों पर बात की है। Leverage Edu पर उनके ब्लॉग 50 लाख से भी ज़्यादा बार पढ़े जा चुके हैं। रश्मि को नए SEO टूल की खोज व उनका उपयोग करने और लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहने में गहरी रुचि है। लेखन और संगठन के अलावा, रश्मि पटेल की प्राथमिक रुचि किताबें पढ़ना, कविता लिखना, शब्दों की सुंदरता की सराहना करना है।

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें।

Contact no. *

I am very happy

आपका आभार, ऐसे आप हमारी वेबसाइट पर बने रहिए।

very nice ……lots of information…thanks

आपका धन्यवाद, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बने रहिए।

browse success stories

Leaving already?

8 Universities with higher ROI than IITs and IIMs

Grab this one-time opportunity to download this ebook

Connect With Us

25,000+ students realised their study abroad dream with us. take the first step today..

essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

Resend OTP in

essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

Need help with?

Study abroad.

UK, Canada, US & More

IELTS, GRE, GMAT & More

Scholarship, Loans & Forex

Country Preference

New Zealand

Which English test are you planning to take?

Which academic test are you planning to take.

Not Sure yet

When are you planning to take the exam?

Already booked my exam slot

Within 2 Months

Want to learn about the test

Which Degree do you wish to pursue?

When do you want to start studying abroad.

September 2024

January 2025

What is your budget to study abroad?

essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

How would you describe this article ?

Please rate this article

We would like to hear more.

ताज़ा हवा और रोशनी के लिए

Mahatma Gandhi Essay in Hindi

mahatma gandhi essay in hindi

Mahatma Gandhi Essay in Hindi: गांधी जी ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ और दक्षिण अफ्रीका में भारत के अहिंसक स्वतंत्रता आंदोलन के नेता थे जिन्होंने भारत देश वासियों के नागरिक अधिकारों की वकालत की थी। तो, आइये देखते हैं उनके जीवन की कुछ झलक, जिनसे हम सीख ले सकें.

Essay on Mahatma Gandhi in Hindi (250 Words)

Essay of gandhi jayanti in hindi (300 words), mahatma gandhi essay in hindi (400 words), about mahatma gandhi essay in hindi (500 words), महात्मा गांधी जी द्वारा किये गये मुख्य काम:.

मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनके पिता पोरबंदर के दीवान (मुख्यमंत्री) थे; उनकी गहरी धार्मिक माँ वैष्णववाद के लिए समर्पित थी।

अपने अहिंसक दर्शन के लिए दुनिया भर में प्रतिष्ठित, मोहनदास करमचंद गांधी को उनके कई अनुयायी महात्मा के रूप में जानते थे। उन्होंने 1900 के दशक की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका में एक भारतीय अप्रवासी के रूप में अपनी सक्रियता शुरू की, और विश्व युद्ध 1 के बाद के वर्षों में, वे ब्रिटेन से स्वतंत्रता हासिल करने के लिए भारत के संघर्ष में अग्रणी व्यक्ति बन गए।

अपनी तपस्वी जीवनशैली के लिए जाने जाने वाले-वे अक्सर केवल एक लंगोटी और शॉल पहनते थे और हिंदू धर्म के प्रति आस्था रखते थे. गांधी जी को कई बार कैद किया गया, और उन्होंने भारत के सबसे गरीब वर्गों के उत्पीड़न का विरोध करने के लिए कई भूख हड़तालें भी की।

महात्मा गांधी को दक्षिण अफ्रीका में एक भारतीय आप्रवासी के रूप में काफ़ी भेदभाव सहा। जब डरबन में एक यूरोपीय मजिस्ट्रेट ने उनसे अपनी पगड़ी उतारने के लिए कहा, तो उन्होंने इनकार कर दिया और अदालत कक्ष से बाहर चले गए।

अप्रैल-मई 1930 के प्रसिद्ध नमक मार्च में, हजारों भारतीयों ने महात्मा गांधी का अहमदाबाद से अरब सागर तक साथ दिया। इस मार्च में महात्मा गांधी सहित लगभग 60,000 लोगों की गिरफ्तारी हुई।

1947 में विभाजन के बाद, उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच शांति की दिशा में काम करना जारी रखा। गांधी को जनवरी 1948 में एक हिंदू कट्टरपंथी द्वारा दिल्ली में गोली मार दी गयी।

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था, जिसको गांधी जयंती के रूप में जाना जाता है। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था। 13 साल की उम्र में, महात्मा गांधी की शादी कस्तूरबा से हुई जो एक अरेंज मैरिज थी। कस्तूरबा ने 1944 में अपनी मृत्यु तक अपने पति के सभी प्रयासों का समर्थन किया।

उनके पिता पोरबंदर के दीवान थे। महात्मा गांधी अपने पिता की चौथी पत्नी पुतलीबाई के पुत्र थे, जो एक संपन्न वैष्णव परिवार से थीं।

महात्मा गांधी का जीवन और संघर्ष के तरीके अब लोगों को काफी प्रभावित करते हैं। एक आदमी की महानता का एहसास तब होता है जब उसका जीवन लोगों को बेहतर बदलाव के लिए प्रभावित करता है, और इसी तरह महात्मा गांधी का जीवन था। उनकी मृत्यु के दशकों के बाद, उनके बारे में पढ़ने पर, लोगों ने बेहतर तरीके से अपने जीवन को बदल दिया।

लगभग 20 वर्षों के लिए दक्षिण अफ्रीका में, महात्मा गांधी ने विरोध प्रदर्शन की अहिंसक पद्धति का उपयोग करते हुए अन्याय और नस्लीय भेदभाव का विरोध किया। सादगीपूर्ण जीवन शैली के कारण उनके बहुत प्रशंसक थे । उन्हें लोग प्यार से बापू के नाम से संबोधित करते थे।

गांधी की पहली बड़ी उपलब्धि 1918 में थी जब उन्होंने बिहार और गुजरात के चंपारण और खेड़ा आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, स्वराज और भारत-छोड़ो आंदोलन का भी नेतृत्व किया।

मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने की थी। नाथूराम गोडसे एक हिंदू राष्ट्रवादी और हिंदू महासभा का सदस्य था। उन्होंने गांधी पर पाकिस्तान का पक्ष लेने का आरोप लगाया और अहिंसा के सिद्धांत का विरोध किया।

मोहनदास गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर, भारत में हुआ था। वह 1900 के दशक के सबसे सम्मानित आध्यात्मिक और राजनीतिक नेताओं में से एक बन गए थे । गांधी ने अहिंसक प्रतिरोध से भारतीय लोगों को ब्रिटिश शासन से मुक्त करने में मदद की। उनको भारतीयों द्वारा राष्ट्रपिता के रूप में सम्मानित किया गया।

लोग गांधी को ‘ महात्मा ‘ कहते हैं, जिसका अर्थ है महान आत्मा। 13 साल की उम्र में, उन्होंने कस्तूरबा से शादी की थी, जो 13 साल की ही थी। गांधी के चार बच्चे थे। उन्होंने लंदन में कानून (Law) का अध्ययन किया और अभ्यास करने के लिए 1891 में भारत लौट आए।

उन्होंने साहस, अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों के आधार पर कार्रवाई की एक विधि विकसित की जिसको सत्याग्रह नाम दिया गया। उनका मानना ​​था कि लोगों के व्यवहार का तरीका उनके द्वारा हासिल की गई चीज़ों से अधिक महत्वपूर्ण है।

सत्याग्रह ने राजनीतिक और सामाजिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अहिंसा और सविनय अवज्ञा को सबसे उपयुक्त तरीकों के रूप में बढ़ावा दिया। 1915 में गांधी भारत लौट आए। 15 वर्षों के भीतर वे भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन के नेता बन गए।

सत्याग्रह के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए उन्होंने अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के अभियान का नेतृत्व किया। गांधी को दक्षिण अफ्रीका और भारत में उनकी गतिविधियों के लिए अंग्रेजों द्वारा कई बार गिरफ्तार किया गया था। उनका मानना ​​था कि उचित कारण के लिए जेल जाना सम्मानजनक है।

1947 में भारत को स्वतंत्रता दी गई और भारत और पाकिस्तान में विभाजन हुआ। हिंदू और मुसलमानों के बीच दंगे हुए। महात्मा गांधी एक अखंड भारत के लिए एक वकील थे, जहां हिंदू और मुस्लिम शांति का समर्थन करते थे।

13 जनवरी, 1948 को, 78 वर्ष की आयु में, उन्होंने खून खराबे को रोकने के लिए अनशन शुरू किया। 5 दिनों के बाद विरोधी नेताओं ने लड़ाई रोकने का संकल्प लिया और गांधी ने अपना अनशन तोड़ दिया। 12 दिन बाद एक हिंदू कट्टरपंथी, नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।

महात्मा गांधी ने दुनिया को दिए पांच महान योगदान:

  • एक नई भावना और तकनीक – सत्याग्रह.
  • नैतिक ब्रह्मांड एक है, इसलिए व्यक्तियों, समूहों और राष्ट्रों की नैतिकता समान होनी चाहिए।
  • उनका आग्रह है कि साधन और अंत सुसंगत होना चाहिए.
  • यह तथ्य कि उन्होंने खुद को कभी अवतार सिद्ध करने की कोशिश नहीं की।
  • अपने सिद्धांतों के लिए दर्द सहने और मरने की इच्छा। इनमें से सबसे बड़ा उनका सत्याग्रह है।

महात्मा गांधी जी का जीवन, विचार और कार्य उन सभी के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो मानव जाति के लिए बेहतर जीवन चाहते हैं।

मोहनदास गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को, पश्चिमी भारत के समुद्री तट पर, गुजरात के एक छोटे से शहर पोरबंदर में हुआ था।

उसके द्वारा उठाए गए नैतिक मुद्दों का महत्व व्यक्तियों और राष्ट्रों के भविष्य के लिए आज भी है। हम आज भी महात्मा गांधी की शिक्षाओं से प्रेरणा लेते हैं, जो चाहते थे कि हम सदियों पुरानी कहावत को याद रखें।

“मृत्यु के बावजूद, जीवन बना रहता है, और घृणा के बावजूद, प्यार बना रहता है।”

रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें ‘महात्मा’ के रूप में संबोधित किया। सुभाष चंद्र बोस ने हिंद आज़ाद रेडियो पर अपने संदेश में उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ कहा था।

दक्षिण अफ्रीका में, मोहनदास ने डरबन से प्रिटोरिया की अपनी यात्रा के दौरान नस्लीय भेदभाव के कड़वे अनुभव का स्वाद चखा, जहाँ एक मुकदमे के सिलसिले में उनकी उपस्थिति आवश्यक थी।

Maritzburg Station पर उन्हें ट्रेन के प्रथम श्रेणी के डिब्बे से बाहर कर दिया गया क्योंकि वे ठंड में ‘कलर्स’ कांप रहे थे। Maritzburg Station के Waiting Room में बैठे बैठे, उन्होंने फैसला किया कि अधिकारों के लिए लड़ने के बजाय भाग जाना कायरता है। इस घटना के साथ सत्याग्रह की अवधारणा विकसित हुई।

  • भारत में उनका पहला सत्याग्रह 1917 में बिहार के चंपारण में हुआ था, जिसमें Indigo Plantations के लिए किसानों का अधिकार था।
  • अहमदाबाद में, मिल श्रमिकों और मिल मालिकों के बीच विवाद था। गांधी जी ने श्रमिकों के समर्थन में अनशन किया।
  • 1919 में, उन्होंने रोलेट बिल के खिलाफ सविनय अवज्ञा का आह्वान किया।
  • 1921 में, गांधीजी ने गरीब जनता के साथ खुद को पहचानने के लिए और खादी, हाथ से घूमने वाले कपड़े का प्रचार करने के लिए धोती पहन ली।
  • उन्होंने स्वदेशी आंदोलन भी शुरू किया, जिसमें देश में निर्मित वस्तुओं के उपयोग को महत्त्व दिया गया। उन्होंने भारतीयों से विदेशी कपड़े का बहिष्कार करने और इस तरह से ग्रामीणों के लिए काम करने के लिए हाथ से बनी खादी को बढ़ावा देने के लिए कहा।
  • 12 मार्च 1930 को, गांधीजी ने साबरमती आश्रम, अहमदाबाद से समुद्र तट पर बसे दांडी गांव तक, ऐतिहासिक नमक मार्च में 78 स्वयंसेवकों के साथ बैठक की। यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक अहिंसक आंदोलन था।
  • मार्च 1931 में, कुछ संवैधानिक मुद्दों को हल करने के लिए गांधी-इरविन पैक्ट पर हस्ताक्षर किए गए और इसने सविनय अवज्ञा को समाप्त कर दिया।
  • 1933 में, उन्होंने Young India की जगह Harijan के साप्ताहिक प्रकाशन की शुरुआत की।
  • 1942 में गांधीजी ने एक व्यक्तिगत सत्याग्रह शुरू किया। उस वर्ष लगभग 23 हजार लोग जेल में बंद हुए थे।
  • ऐतिहासिक “भारत छोड़ो” प्रस्ताव 8 अगस्त 1942 को कांग्रेस द्वारा पारित किया गया था। गांधी जी के “ करो या मरो ” (Do or Die) के संदेश ने लाखों भारतीयों को प्रभावित किया।

30 जनवरी 1948 को, गांधी जी, नई दिल्ली के बिरला हाउस में प्रार्थना सभा के दौरान नाथूराम विनायक गोडसे द्वारा दागी गई गोलियों से मारे गए।

गाँधी जी के बारे में अधिक जाने – बायोग्राफी

उम्मीद है महात्मा गांधी जी पर ये निबंध (Essay on Mahatma Gandhi in Hindi, Mahatma Gandhi Essay in Hindi ) आपकी जरूरत पर खरे उतरेंगे. आपके लिए ऐसी ही ज्ञानवर्धक जानकारी लेकर आते रहेंगे. पढ़ने के लिए धन्यवाद.

यह भी पढ़ें –

  • 83 प्रेरक कथन – Good Thought in Hindi
  • 100 Motivational Quotes in Hindi for Students
  • बाल मजदूरी पर निबंध
  • आतंकवाद पर निबंध और भाषण
  • जल संरक्षण पर निबंध
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध/भाषण/pdf
  • शिक्षा का महत्त्व
  • Tags: Essay of Gandhi Jayanti in Hindi , Essay on Mahatma Gandhi in Hindi , Mahatma Gandhi Essay in Hindi

Editorial Team

Editorial Team

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

Related Posts

three friends stands and a True Friendship Quotes in Hindi is written on it

True Friendship Quotes in Hindi | फ्रेंडशिप कोट्स

हर इंसान के लिए दोस्ती की एक अलग परिभाषा होती है जिसे वो शायद शब्दों में बयाँ भी न कर

a boy sleeping and Dream Quotes & Status in Hindi writes here

Dream Quotes & Status in Hindi | सपने स्टेटस

सपना बड़ा हो या छोटा, सपना तो सपना होता है। यहां तक ​​​​कि सबसे सफल व्यक्तियों के भी सपने थे,

a mother and his daughter sitting in a garden and a Maa Quotes in Hindi is written

Maa Quotes in Hindi | माँ सुविचार & कोट्स

माँ, जननी, अम्मा और ना जाने कितने और अनेक नाम है एक माँ के। कहते हैं धरती पर अपनी कमी

a women doing spiritual and a Deep Spiritual Quotes in Hindi is written on it

Deep Spiritual Quotes in Hindi | सद्भावना सुविचार

ऐसा माना जाता है कि अंतरिक्ष का आपकी अंतरात्मा पर कोई काबू नहीं होता है। मनुष्य की अंदर की शक्तियों

essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

Education Thought in Hindi | शिक्षा पर दो लाइन

दिन की शुरुआत में खुद को शिक्षित करने का अर्थ होता है दिन के अंत में उसका फल पाना। आज

a person stands on a mountain and a Hard Work Motivational Quotes in Hindi is written on it

Hard Work Motivational Quotes in Hindi

हमारे बड़े यह बात कह रहे हैं कि तुम्हारी सफलता का राज केवल तुम्हारे बड़ों के आशीर्वाद और उनके विश्वास

  • Privacy Policy

Meaning In Hindi

  • Essay On Mahatma Gandhi In...... »

Essay On Mahatma Gandhi In Hindi: महात्मा गाँधी पर निबंध 200, 500, 1000 शब्दों में

Essay Mahatma Gandhi in Hindi: जैसा कि हमारे देश में ऐसे बहुत से वीर योद्धा भगत सिंह, लाला लाजपत राय, सरदार वल्लभ भाई पटेल, जैसे बहुत से महान धर्मवीर थे जिन्होंने हमारे देश के लिए बहुत से बलिदान दिए और हमारे देश को स्वतंत्र भारत बनाया। उसमे से एक महानात्माओ में हमारे महात्मा गांधी जी भी आते है, जिनको राष्ट्रपिता के नाम से भी जाना जाता है। इनका अपने राष्ट्र के हित में बहुत बड़ा योगदान रहा जिन्हे हम चाह के कभी भूल नहीं सकते।

Essay On Mahatma Gandhi in Hindi

गांधी जी, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और आजाद भारत के पिता, विश्व के एक अद्वितीय और प्रेरणास्पद व्यक्तित्व के धारक थे। उन्होंने अपने अद्वितीय सत्याग्रह और अहिंसा के सिद्धांतों के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक महत्वपूर्ण मोड़ पर ले जाया और भारतीय समाज को एक सशक्त और समृद्धि शील समाज की दिशा में मार्गदर्शन किया। उनका जीवन और कार्य एक महान उदाहरण हैं, और इस निबंध में, हम महात्मा गांधी के जीवन और उनके महत्वपूर्ण योगदान को विस्तार से जानेंगे।

क्षात्रो को स्कूल में हमेशा टास्क दिया जाता है “महात्मा गाँधी पर निबंध लिखें (Write  an  Essay on Mahatma Gandhi)” ऐसे में कई बच्चो को Essay लिखने में प्रॉब्लम होती है। इसी प्रॉब्लम का समाधान इस लेख में दी जा रही है। यहाँ पर महात्मा गाँधी पर निबंध ( Essay on Mahatma Gandhi ) लिखी जा रही है।

Essay On Mahatma Gandhi In Hindi

जीवन परिचय महात्मा गांधी-.

Mahatma Gandhi जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी (MohanDas Karamchand Gandhi) गांधी है जिन्हें शोर्ट में महात्मा गांधी कहा जाता है। M K Gandhi का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात (Gujarat) के पोरबंदर (Porbandar) में हुआ था। 2 अक्टूबर को उनका जन्मदिन दुनिया भर में अहिंसा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। वह एक अच्छे परिवार से आते थे और उनके पिता राजकोट के शाही दरबार से जुड़े हुए थे। वह पढ़ाई में बहुत अच्छे नहीं थे लेकिन उन्होंने अपने चरित्र का बहुत ख्याल रखा और अपने चरित्र पर आंच नहीं आने दी।

उनके पिता करमचंद उत्तमचंद गांधी (Karamchand Uttamchand Gandhi) पोरबंदर के मुख्यमंत्री (दीवान) थे।  हरिलाल, मणिलाल, रामदास और देवदास गांधीजी के चार पुत्र थे। महात्मा गांधी British शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महान नेताओं में से एक थे। Gandhiji ने दुनिया भर में नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता आंदोलनों को प्रेरित किया। गांधीजी जिनकी गोद में पले और बड़े हुए उनकी माता का नाम पुतलीबाई (Putlibai) था।

महात्मा गांधी की शिक्षा-

महात्मा गांधी एक भारतीय वकील, सक्रिय राजनीतिज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी थे। वह सबसे महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने दुनिया को यह साबित कर दिया कि कैसे शांतिपूर्ण तरीकों को लागू करके बड़ी से बड़ी लड़ाई लड़ी और जीती जा सकती है। 14 साल की उम्र में उन्होंने कस्तूरबा गांधी (Kasturba Gandhi) से शादी की। बाद में वे कानून की पढ़ाई के लिए England चले गए। इंग्लैंड में गांधीजी को शाकाहारी भोजन प्राप्त करने में बड़ी कठिनाई हुई। तमाम कठिनाई को झेलते हुए उन्होंने अपनी जीविका को संभाला।

महात्मा गांधी ने England में अपनी कानून की पढ़ाई समाप्त किया और 1891 में बैरिस्टर के रूप में भारत लौट आए। उन्होंने राजकोट (Rajkot) और बॉम्बे(Bombay) में अभ्यास शुरू किया लेकिन असफल रहे। माना जाता है की वह शर्मीले मिजाज के युवक थे।

गांधी जी 1893 में एक मुकदमे के सिलसिले में South Africa  गए। वहां वह भारतीयों और अन्य अश्वेत लोगों की दयनीय स्थिति थी। उन्हें वहा रंग भेद देखने को मिला तब उन्होंने ठान लिया की लोगो के बीच इस रंगभेद को खत्म करके सबको एक बराबर दर्जा दिया जाए जिसे करने में ये सफल भी रहे। 

उन्होंने वहां फीनिक्स आश्रम की स्थापना की और 1986 में नटाल इंडियन कांग्रेस का गठन किया। उन्होंने रंगभेद की गोरी अफ्रीकी नीति का पुरजोर विरोध किया और सत्याग्रह के अभ्यास का उन्हें पहला अनुभव था।

महात्मा गांधी का सहयोग-

गांधीजी ने सत्याग्रह (Satyagrah) का प्रयोग पहली बार South Africa मे सितंबर साल 1906 में ट्रांसवाल (Transwal) में इंडियन के खिलाफ जारी एशियन ऑर्डिनेंस के विरोध में किया था। गांधीजी का पहला कारावास इसी मूवमेंट के जरिए साल 1908 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग (Johannesburg) में हुआ था।

साल 1899 में बोअर युद्ध (Bowar Battle) के दौरान गांधीजी ने अंग्रेजों के लिए भारतीय एम्बुलेंस का आयोजन किया। उन्हे बेइज्जत किया गया और दक्षिण अफ्रीका में पीटर मैरिट्स बर्ग (Peter Mauritius) रेलवे स्टेशन से बाहर कर दिया गया। उन्होंने साल 1910 में दक्षिण अफ्रीका में टॉलस्टॉय (Tolstoy) फार्म और डरबन (Durban) में फीनिक्स सेटलमेंट की शुरुआत की। महान रसियन दार्शनिक और लेखक लियो टॉल्स्टॉय (Leo Tolstoy) द्वारा महात्मा गांधी सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा और निष्क्रिय प्रतिरोध जैसे उनके विचारों से बहुत प्रभावित थे। 

उस समय भारतीय राजनीति पर गोपाल कृष्ण गोखले और बाल गंगाधर तिलक का काफी प्रभाव था। महात्मा गांधी दोनों से प्रभावित थे, हालांकि वास्तव में उन्होंने अपनी विचारधारा और रणनीति विकसित की थी। फिर भी उनके असली गुरु गोपाल कृष्ण गोखले थे। और महात्मा की उपाधि इनके ही द्वारा दी गई थी। गांधी जी भारतीय महाकाव्यों, रामायण और महाभारत से बहुत प्रभावित थे और गीता पढ़ना पसंद करते थे जिसके इंग्लिश ट्रांसलेट ने वास्तव में उनके जीवन को बदल दिया था।

महात्मा गांधी के सुधार-

एक पॉलिटीशियन होने के अलावा गांधीजी ने जातिवाद, अनटचैबिलिटी, नशीली दवाओं के दुरुपयोग, बालविवाह, पर्दा प्रथा और सार्वजनिक भेदभाव को समाप्त करने के लिए एक समाज सुधारक के रूप में कई काम किए। वे जीवन भर हिंदू मुस्लिम को एक करते रहे, लेकिन आजादी मिलने के बाद जब धर्म के नाम पर भारत के बंटवारे की बात शुरू हुई तो वे इस एकता को बरकरार नहीं रख सके और उन्हें बहुत दुख हुआ।

वे नहीं चाहते थे कि विभाजन हो लेकिन परिस्थितियाँ ऐसी बनीं कि विभाजन को रोका नहीं जा सका। Pakistan बनने के बाद भी गांधीजी Pakistan की आर्थिक मदद करना चाहते थे। गांधी जी की इस नीति का कट्टरपंथी हिन्दू संगठनों ने विरोध किया।

महात्मा गांधी ने अपने आत्मनिर्भर प्रिनिसिपल के तहत खादी और चरखा को इनकरेज किया। साथ ही शॉर्ट एवं झोपड़ी उद्योगों तथा अन्य गांव की इंडस्ट्री को आगे तक ले जाने पर जोर दिया।

इन आंदोलन का नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया –

चंपारण सत्याग्रह (Champaran Satyagraha) :

गांधीजी ने 1917 में चम्पारण में नील (indigo) की खेती करने वाले फार्मर्स के अधिकारों के लिए लड़ते हुए British शासन के खिलाफ पहला आंदोलन शुरू किया जिसे चंपारण सत्याग्रह का नाम दिया गया। यह एक पावरफुल हथियार के रूप में सत्याग्रह ( Satyagraha) के उपयोग की शुरुआत थी जो आने वाले वर्षों में अपनी चमत्कारी शक्ति को प्रदर्शित करने वाला था। इस movement के दौरान ही वल्लभभाई पटेल(Vallabh Bhai Patel) जो आंदोलन में सबसे आगे थे, उन्हें गांधीजी द्वारा *सरदार* की उपाधि मिली।

रोलेट एक्ट(Rowlatt Act):

महात्मा गांधी ने जलियांवालाबाग (Jallianwala Bagh) नरसंहार साल 1919 के विरोध में अपनी उपाधि कैसर-ए-हिंद (Keshar e hind) का परित्याग कर दिया। गांधीजी का पहला नेशनल आंदोलन 1919 में रोलेट एक्ट के खिलाफ शुरू किया गया था। उन्होंने 1st अगस्त 1920 को असहयोग आंदोलन (Non Cooperation Movement) शुरू किया जिसके कारण UP के चौरी चौरा (Chauri Chaura) में हिंसक घटना हुई। इस घटना ने 1922 में आंदोलन को स्थगित करने के लिए गांधीजी को प्रेरित किया।

दांडी मार्च (Dandi March):

महात्मा गांधी द्वारा स्टार्ट किए गए सबसे महवतपूर्ण आंदोलनों में से एक प्रचलित दांडी मार्च था जो भारतीयों को समुद्री जल से नमक(Salt) बनाने का अधिकार दिलाने के लिए 12 मार्च 1930 को शुरू किया गया था। Gandhiji और उनके साथियों द्वारा Gujarat समुद्र तट के पास Dandi में नमक बनाकर Salt Law का विरोध करने पर 5 मई 1930 को उनकी गिरफ्तारी हुई। 

गांधी इरविन समझौता(Gandhi Irwin Pact):

विख्यात दांडी मार्च महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए सविनय अवज्ञा आंदोलन का मूल था और जब 5 मार्च 1931 को “Gandhi Irwin Pact” के नाम से एक समझौते पर सिग्नेचर किए गए थे, कहा जाता है कि गांधीजी शरारत से नमक की एक चुटकी बाहर लाए थे। पैकेट को उसकी चाय में मिलाने के लिए कहा, “यह दांडी से है”।

भारत छोड़ो आंदोलन(Quit India Movement):

गांधी जी ने 1940 में पर्सनल Satyagraha शुरू किया और उसके लिए Vinoba Bhave और Nehru को चुना। उन्होंने 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन भी शुरू किया और “करो या मरो” ( Do or Die) का नारा दिया। 

लगभग सभी Congress नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया और jail में डाल दिया गया। लेबर और कर्मचारियों ने फैक्ट्रीज और ऑफिसेज में काम बंद कर दिया और स्टूडेंट्स ने स्कूलों और कॉलेजों में भाग लेने से खुद को अनुपस्थित कर लिया। इसके रिजल्ट में हालांकि गांधीजी द्वारा कभी नहीं चाहा या इरादा नहीं किया गया था, आर्मी में विद्रोह के संकेत थे और यदि पहले गदर पार्टी (Gadar Party) और भगत सिंह(Bhagat Singh) और अन्य लोगों की शहादत होती तो अब सुभाष चंद्र बोस(Subhash Chandra Bose) और अन्य लोगों के नेतृत्व वाली भारतीय राष्ट्रीय सेना,एक वास्तविकता बन गया।

30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बिड़ला हाउस (Birla House) में नाथूराम विनायक गोडसे (Nathuram Godse) द्वारा गांधीजी की हत्या कर दी गई थी। लगभग शाम 5:17 बजे उनका निधन हो गया। उनका आखिरी शब्द था “हे राम, हे राम”। नाथूराम गोडसे ने गांधीजी पर गोली चलाने के लिए एक इतालवी बेरिटा पिस्तौल का इस्तेमाल किया।

Essay On Mahatma Gandhi In 200, 500 Words

महात्मा गांधी, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत और अद्भुत महापुरुष थे। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। गांधी जी ने अहिंसा, सत्याग्रह, और सर्वोदय के मूल्यों को अपनाया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नया दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

गांधी जी ने दंड-मुक्ति, नमक सत्याग्रह, चारका, और भाषा आंदोलन जैसे अनेक महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया। उन्होंने अपने सत्य के लिए अनगिनत बार जेल जाने का साहस दिखाया और अपने प्रेरणास्पद भाषणों से लाखों लोगों को आत्मा समर्पण की ओर प्रेरित किया।

महात्मा गांधी की मृत्यु 30 जनवरी 1948 को हुई, परंतु उनका आदर्श और योगदान हमें आज भी प्रेरित करता है। उनके आलोचनात्मक दृष्टिकोण, समर्पण भावना, और साहसपूर्ण कदम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महात्मा गांधी एक अद्वितीय भारतीय होने के साथ-साथ एक विश्व नेता भी थे, जिनका संदेश सदैव जीवित रहेगा और उनके आलोचनात्मक दृष्टिकोण का अभिवादन करता है।

महात्मा गांधी ने अपने जीवन में सादगी और आत्मनिर्भरता के महत्व को प्रमोट किया। उन्होंने खादी पहनने और चरका चलाने के माध्यम से भारतीय बन्धुओं को आत्मनिर्भर बनाने का संदेश दिया। इससे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को भी एक समाजवादी और स्वावलंबी दिशा में अग्रसर किया।

उन्होंने धर्मनिरपेक्षता के महत्व को भी बताया और सभी धर्मों के समान समर्थन दिया। उन्होंने अधिकार, समानता, और न्याय की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय समाज में सामाजिक सुधार के लिए लड़ा।

गांधी जी का विचारशील और मानवीय दृष्टिकोण आज भी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत है। उनके आलोचनात्मक दृष्टिकोण ने हमें विश्वास दिलाया कि सत्य और अहिंसा हमें आगे बढ़ने में मदद कर सकते हैं।

इस प्रकार, महात्मा गांधी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक महत्वपूर्ण मोड़ पर ले जाकर देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनका आदर्श हमारे लिए आज भी प्रेरणा स्रोत है।

 Conclusion (निष्कर्ष)

हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे है कि गांधीजी केवल एक राजनीतिक नेता नहीं थे। उनका नजरिया सबके लिए समान था और उनके विचार जीवन के सभी क्षेत्रों में फैले थे। वे जितने आध्यात्मिक और धार्मिक द्रष्टा और समाज सुधारक थे उतने ही राजनीतिक नेता भी थे। यहां तक ​​कि शिक्षा, स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, नैतिकता, राष्ट्रवाद, अंतर्राष्ट्रीयता, युवाओं, बच्चों और महिलाओं के कल्याण आदि जैसे मामलों पर उनके विचारों को आसानी से नकारा नहीं किया जा सकता है।

गांधीजी के महान सपनों में से एक ग्राम स्वराज की स्थापना थी। महात्मा गांधी ने 30 अप्रैल 1936 को सेवाग्राम आश्रम की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि अहिंसा एक रूप नहीं है, यह प्रत्यक्ष कार्रवाई का एकमात्र रूप है। 

आशा करते है की यह लेख के माध्यम से प्रदान की गई जानकारी आपके लिए काफी उपयोगी होगी। और आप अपने लाइफ में गांधी के चरित्र को अच्छे से घोलेंगे।

Related Articles

rashi name

Leave a Comment Cancel reply

Hindi Essay, Paragraph, Speech on “Mohandas Karamchand Gandhi”, “मोहनदास कर्मचंद गांधी”, Hindi Anuched, Nibandh for Class 5, 6, 7, 8, 9 and Class 10 Students.

मोहनदास कर्मचंद गांधी

Mohandas Karamchand Gandhi

“चल पड़े जिधर दो डगमग में, चल पड़े कोटि पग उसी ओर। पड़ गई जिधर भी एक दृष्टि, गड़ गए कोटि दृग उसी ओर।।” (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});

भूमिका- महात्मा गांधी के संदर्भ में कवि की उपर्युक्त उक्ति अक्षरशः सत्य है। भारत महापुरुषों की जन्मभूमि है। जब-जब इस पुण्य भूमि पर रावण और कंस जैसे लोगों ने अत्याचार किया तब-तब राम और कृष्ण जैसे महापुरुषों ने उनका संहार कर लोगों की रक्षा की। महात्मा गांधी की गणना ऐसे ही महापुरुषों में की जा सकती है, जिसने भारत को दासता से मुक्त कराने में सत्य और अहिंसा के हथियार का प्रयोग किया।

जन्म एवं शिक्षा- काठियावाड़ गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर 2 अक्तूबर, 1869 को वैश्य परिवार में कर्मचंद के घर एक पुत्र ने जन्म लिया, जिसका पूरा नाम मोहनदास कर्मचंद गांधी रखा गया। आपके पिता राजकोट रियासत के दीवान थे। माता पुतलीबाई बड़ी धर्मनिष्ठ और साध्वी स्वभाव की थी। आपकी प्रारंभिक शिक्षा राजकोट की पाठशाला में हुई। तेरह वर्ष की छोटी-सी आयु में ही आपका विवाह कस्तूरबा से हो गया। पोरबंदर से मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद कानून की शिक्षा प्राप्त करने के लिये माता-पिता ने आपको इंग्लैंड भेजा। जाने से पूर्व माता जी ने मांस न खाने, परस्त्री गमन न करने और शराब न पीने की प्रतिज्ञा करवा ली थी, जिनका आपने दृढ़तापूर्वक पालन किया। आप तीन वर्ष बाद बैरिस्टर बनकर भारत लौटे।

अफ्रीका प्रवास- सन् 1891 में भारत लौटने पर वकालत प्रारंभ की। कुछ दिनों के बाद एक मुकदमे की पैरवी के लिये आप अफ्रीका गए। वहाँ भारतीयों की दयनीय दशा देखकर हृदय को बहुत ठेस पहँची। गोरे और काले के भेद को मिटाने के लिये गांधी जी ने सत्याग्रह का मार्ग अपनाया। उन्होंने वहाँ पर कांग्रेस की स्थापना की। दो वर्ष पश्चात अपने उद्देश्य में सफल होकर स्वदेश लौटे।

भारत में स्वतंत्रता संग्राम- अपने देश की दीन-हीन दशा देखकर देश को स्वतंत्र कराने में जुट गए। जगह-जगह जा कर भाषण दिए। 1919 में गांधी ने असहयोग आंदोलन चला दिया। गांधी के आह्वान पर अनेक विद्यार्थी अपनी शिक्षा छोड़कर स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े। कितने ही भारतीयों ने अंग्रेजों की नौकरी का बहिष्कार किया। आपने सन 1930 में नमक सत्याग्रह आंदोलन छोड़ा और डांडी यात्रा की।

अछुतोद्धार के प्रयत्न -1933 में गांधी जी ने हरिजनों के उद्धार के लिए उपवास किया। इस प्रकार छुआछूत मिटाने का प्रयत्न किया। स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का सुझाव दिया।

भारत छोड़ो आंदोलन- 1942 में गांधी जी ने- अंग्रेज़ों, भारत छोड़ो’ का नारा लगाया। इस आंदोलन से एक क्रांति-सी मच गई। अंत में सत्य और अहिंसा की जीत हुई।

भारत की स्वतंत्रता- 15 अगस्त, 1947 को भारत स्वाधीन हो गया, परंतु अंग्रेजों ने अपनी कूटनीति से देश का विभाजन कर दिया। विभाजन के साथ ही सांप्रदायिकता भड़क उठी। मनुष्य भेड़ बकरियों की तरह कटने लगे। गांधी जी ने इसे रोकने के लिये उपवास किया और हिंदू-मुस्लिम एकता स्थापित की।

बलिदान- 30 जनवरी, 1948 के दिन जब वे प्रार्थना सभा में जा रहे थे, नाथूराम गोडसे नामक व्यक्ति ने तीन गोलियां चलाईं जिससे भारत का महान संत, अहिंसा का पुजारी इस देश को रोता बिलखता छोड़कर चल बसा।

यद्यपि गांधी जी इस संसार में नहीं हैं परंतु उनकी शिक्षाएँ हमारा मार्गदर्शन कर रही हैं और आगे भी करती रहेंगी।

Related Posts

Hindi-Essays

Absolute-Study

Hindi Essay, English Essay, Punjabi Essay, Biography, General Knowledge, Ielts Essay, Social Issues Essay, Letter Writing in Hindi, English and Punjabi, Moral Stories in Hindi, English and Punjabi.

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

  • Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer

ImportantIndia.com

Indian History, Festivals, Essays, Paragraphs, Speeches.

Essay on Mahatma Gandhi (Mohandas Karamchand Gandhi) – 4 Essays

Category: Essays and Paragraphs On April 20, 2015 By Team Work

Mahatma Gandhi – Essay 1.

Introduction:  Gandhiji was one of the   greatest Indian of all time. He is called the “Father of the Indian Nation”. His original name was Mohandas Karamchand Gandhi. He was given the title of “ Mahatma “, which implies “ Great Soul “. People also call him “Bapu” affectionately.

Early life:  The birth of Mahatma Gandhi took place on 2nd day of October in 1869 at Porbandar (Gujarat). His father, Karamchand Gandhi, was a noble and pious man. Mr. Karamchand was the chief Dewan of the State of Rajkot.

His mother, Putlibai, was a simple and religious lady. In his early age, Gandhiji was deeply influenced by the religious and pious behaviour of her mother.

Gandhiji received his early education and training from such pious parents. He grew up to be deeply religious, truthful, honest, and fearless from his very boyhood. He was married to Kasturba Gandhi in 1883. The wedding took place according to traditional custom.

As a child, he was a brilliant student. He completed his matriculation examination in 1887. After a brief study, he traveled to England to study barrister-in-law. In 1891, he became a barrister and returned back to home country.

South Africa:  At the age of 24, Mahatma Gandhi went to South Africa as a lawyer. He had spent twenty-one years at South Africa from 1893 to 1914. As a lawyer, he was mainly employed by Indians staying at South Africa. He found that Indians and other dark skinned people were the oppressed section of the society. He himself faced discrimination on several occasions. He was once disallowed to travel on first-class and thrown out of the train. He was moved by the poor condition of Indians and decided to fight against the injustice. In 1894, he formed the Indian Natal Congress to fight for the civil rights of the Indian community in South Africa.

While at South Africa, he fought for the civil rights and privileges of the Indians living in South Africa. Throughout his struggle, he taught people to fight for their rights through non-violence. Hence, he made his mark as a great political leader in South Africa.

India: He returned to India in 1915. Later, he was the president of Indian National Congress. He protested against the mis-rule of the British Government. He had been associated with several national movements during India’s struggle for independence such as Non-cooperation Movement in 1920, Satyagraha, Quit India Movement in 1942, etc. On several occasions, he was sent to prison. There was wide participation of women in the freedom movements led by Gandhi.

Non-cooperation was his great weapon. The Non-cooperation Movement  as a non-violent protest against the use of the British made goods by Indians. It was a movement of the masses of India.

Salt Satyagraha or Dandi March was a protest against the tax regime of British in India. Gandhiji produced salt at Dandi without paying the salt tax. The Civil Disobediance Movement movement got support of millions of common people.

Also read: Causes, Effects and Significance of Civil Disobedience Movement in India

In 1942, Gandhi raised the ‘Quit India’ slogan. Gandhiji asked the British Government to “Quit India”.  T he Quit India Movement was the most powerful movement launched by Gandhi to end the British rule in India. He gave the famous slogan of “Do or die” for the freedom of mother country.

Principles: He followed the principles of non-violence, truth and peace throughout his life. He guided his fellow citizens to struggle for freedom, not by using weapons, but by following ahimsa ( non-violence ), peace (Shanti) and truth (Sayta). He proved that Ahimsa (non-violence) is more powerful than the sword. He adopted the principles of satyagraha in the Indian Independence movements.

Gandhian era in Indian History: His remained the most influential leader of India’s freedom movement during the period from 1919 to 1948 and thus the period is called the ‘Gandhian Era’in Indian history.

Importance: He is a well-known world personality. He shook off the British imperialism. The British were compelled to quit India. He secured freedom for our country following the principles of truth and non-violence. He was, thus, a saintly leader. Finally, India won its independence on 15th day of August in 1947.  

Gandhi Jayanti : In India, Gandhi Jayanti is celebrated every-year on the day of his birth-anniversary. It is a national holiday. The world celebrates 2nd October as the International day of non-violence.

Death:  Unfortunately, the great saint was assassinated by Nathuram Godse on 30th January, 1948.

Conclusion: Thus ,  Mahatma Gandhi was both a saint and a practical leader of his compatriots. He was a simple, pure, unselfish and religious person. He did most of his personal jobs of his own. He fought for the freedom of India through non-violent and peaceful methods. He tried hard to raise the distressed sections of the society. He fought against illiteracy. He dreamt of providing mass employment through Charka and Khaddar. He always felt for the poor and untouchables people. He wanted to abolish untouchability from Indian society.

The life and teachings of Mahatma Gandhi were so glorious that people around the world still pay homage to him. We will always remember his in our hearts.

Also read: Short Biographical Paragraph on Mahatma Gandhi

Mahatma Gandhi – Essay 2

Mahatma Gandhi refers to as the “Father of the Nation,” and Bapu (Father) was the leader of the advocacy group that fought for the Independence of India called ‘Indian independence movement’ against the British rule. He was a Lawyer, a writer, politician, and an activist.

The early life of Mahatma Gandhi

He was born on the 2nd of October in 1869. He was born as Mohandas Karamchand Gandhi into a Gujarati Hindu Modh Baniya family in Porbandar. He went to a local school near his home in Rajkot at the age of 9, at the age of 11, he attends High school in Rajkot. He was married at the age of 13 to a 14-year-old Kasturbai Makhanji Kapadia in an arranged marriage.

He studied law in University College London. After returning to India for a short period, he was invited to Johannesburg to be a lawyer for an Indian acquaintance. Once there he was faced with extreme racism and discrimination towards the local Indian community from the British officers. He started a movement against the British while in Africa.

The Role of Mahatma Gandhi in the Indian Independence

He returned to India and joined the Indian struggle for Independence. He joined the Indian National Congress and as a leader led many movements like the Satyagraha movement, Dandi March, the non-cooperation, civil disobedience movements while maintaining non-violence. He courted arrests and even fasts to demand Swaraj.

Finally,the British agreed to give independence to India.

Influence on the world

Gandhiji left a deep influence on the world movements and leaders and is still considered to be one of the greatest leaders in the world.

Mahatma Gandhi died on 30 th of January, 1948 at the age of 78 years. He was indeed the Father of Nation because of his role in India independence.

Short Essay on Gandhiji – Essay 3

Gandhiji , in India, is referred to as Father of Nation . It was a name given to Mahatma Karamchand Gandhi who pushed India towards Independence. Gandhiji was born on 2 nd of October, 1869 in Gujarat, India . He was also raised in his birthplace.

His father was Karamchand Gandhi and mother Putlibai Gandhi . He was admitted to a local school in Rajkot , near his home at the age of 9. At the age of 11, he was admitted to high school in Rajkot, he was an average student and a shy type but won some prizes. He was a bookworm and has no interest in games.

He got married at a tender age of 13 years to her wife of 14 years named Kasturbai Makhanji Kapadia. The marriage was an arranged marriage and it was in line with the custom of that region then. The wedding was a joint event because his brother and cousin got married on the same day.

At the age of 18, in November 1887, he graduated from High school in Ahmedabad then enrolled at Samaldas College in Bhavnagar state in January 1888. In the same year; 1888, his wife gave birth to the first surviving son. On 4 th of September, 1888 he sailed to London to attend University College, London to study Law and jurisprudence.

At age 23, in 1893, he went to South Africa. It was in South Africa, where he developed himself in terms of politics and ethics. He spent 21 years in South Africa. When he returned to India, he joined the Indian National Congress and was made the leader in 1920. He started pushing for the independence of India since then until 26 January 1930 and immediate independence was asked for in 1942.

India was freed on 15 th August, 1947. He was assassinated on 30 th of January, 1948 at 5:17 pm.

In conclusion, Gandhiji was the man who pushed for the independence of India and was celebrated up till today.

Mahatma Gandhi – Essay 4. 

Introduction

Mahatma Gandhi (full name: Mohandas Karamchand Gandhi) is a name is popular all around the world. Many people know about the famous Indian activist who led the Indian country towards independence from the British. Besides being a freedom fighter, he helped to inspire many people around the world to fight for their rights and freedom.

Father of the Nation

Mahatma Gandhi is considered as the father of the nation in India. This is a title that is given to someone if they are regarded to as being the force behind which a country or state was established. This title hence suits Mahatma as he was the one who led to the establishment of free India.

What does Mahatma mean?

The word Mahatma comes from a Sanskrit word that means one with a great soul . This title was then given to Gandhi to show that he was a person of wisdom, prestige and to show his selflessness. Gandhi was given the title Mahatma by the poet Rabindranath Tagore in the year 1915.

Early Life and Education

Gandhi was born on the 2 nd of October 1869. His father was named Karamchand Gandhi who was a Chief Minister of the now Gujarat state. His mother’s name was Putlibai who was a very stringent religious woman. He started school at the age of nine years where he went to a local school in Rajkot. At the school, Gandhi studied arithmetic, history, geography and Gujarati language. He went to a high school in the same area when he was aged 11. At the age of thirteen, Gandhi married his 14 year old wife who was called Kasturba. He hence missed a year of school due to the marriage but he later recovered it. Gandhi graduated from high school when he was 18 years old and he went to Samaldas College but he later dropped out and went back to his family. He then went to the University College of London where he studied law and was later enrolled to the Inner temple with the desire of becoming a barrister.

Movements in South Africa

When Gandhi was aged 23, he went to South Africa to become a lawyer. He stayed in South Africa for 21 years which was where he began gaining his political views and he became an activist. He faced a lot of discrimination from the whites in the country who treated Indians and Africans unequally. Some of the things that he did in South Africa include;

  • He helped the Indians in South Africa to refute a bill that denied them the right to vote. Although the bill was still passed, his actions drove the attention of the world to the treatment of Indians in South Africa.
  • In 1894, he founded the Natal Indian congress that that unified the Indians in South Africa as one political movement.
  • In the year 1906, Gandhi had his first ever Satyagraha campaign that was aimed at opposing the Transvaal Asiatic rule that would oppress the Indians in South Africa,
  • In 1907, he also led a Satyagraha campaign against the black act that discriminated against the Africans.
  • Gandhi was also arrested multiple times for carrying out Non Violent movements against the British rule in South Africa.

Freedom Movements in India

  • Gandhi carried out the Champaran movement in 1917 that was aimed at fighting against the oppression of the farmers in the Champaran regions.
  • He also organized the Kheda movement in the year 1918 that was aimed at fighting against the oppression of the Indian people by the British landlords to the people of Kheda village.
  • Gandhi supported the Khilafat movement took place in 1919.
  • The Non-cooperation movement took place in 1920 to convince the Indian people not to cooperate with the British in a peaceful way.
  • The Quit India Movement of 1942 was organized during the Second World War so that the British rule would be driven out of India.
  • The Civil Disobedience Movement was one that was aimed at opposing the rule of the British government.

Gandhi Jayanti

Gandhi Jayanti is national celebration in India that is used to celebrate the birth of Mahatma Gandhi. This celebration takes place on the 2 nd of October every year. It is National holiday in India. This day involves a memorial of Gandhi and prayers and tributes all over the country.

Ahimsa (Peace and Non-violence)

Ahimsa is a Sanskrit that is used to symbolize ‘non-injure’ and compassion. This is a term that is used to symbolize an important virtue to the Indian religions. Mahatma Gandhi is believed to have greatly depended on the principle of Ahimsa. This was why he advocated for non violent and peaceful movements.

Global personality

Mahatma Gandhi was a person who had a very large reputation around the world. This is due to the advocacy for peace and the fight for equal rights for all. He is a global personality who not only helped to shape the modern day India but he helped to be the base upon which global peace would be preached.

An Inspiration

Gandhi is an inspiration to many people all over the world. This is because he is a symbol that represents peace and selflessness. He fought for the rights of others without expecting anything in return. This hence should be what we all advocate for to ensure that we are able to achieve world peace and harmony.

Mahatma Gandhi is a person that will leave to be remembered not only in India but also in the whole world. He played a critical role towards the attainment of independence by India and also other countries like South Africa. He is a leader that the present day leaders and individuals should aim to emulate due to his love for peace and non-violence.

  • History of Mughal Empire
  • Modern History of India
  • Important India
  • Indian Geography
  • Report an Article
  • Terms of Use, Privacy Policy, Cookie Policy, and Copyrights.

Hindi Yatra

महात्मा गांधी पर निबंध – Essay On Mahatma Gandhi In Hindi

Essay On Mahatma Gandhi In Hindi  : दोस्तो आज हमने महात्मा गांधी पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है।

इस लेख के माध्यम से हमने एक Mahatma Gandhi जी के जीवन का और उनके आंदोलनों वर्णन किया है इस निबंध की सहायता से हम भारत के सभी लोगों को हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी और उनके विचारों के बारे में बताएंगे।

Short Essay On Mahatma Gandhi In Hindi

महात्मा गांधी हमारे देश के राष्ट्रपिता माने जाते हैं उन्हें बच्चा-बच्चा बापू के नाम से भी जानता है। Mahatma Gandh i ने हमारे देश को आजादी दिलाने के लिए अंग्रेजों से इन अहिंसा पूर्वक की लड़ाई लड़ी थी।

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनचंद करमचंद गांधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था।

Essay On Mahatma Gandhi In Hindi

Get some best Essay On Mahatma Gandhi In Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 students

महात्मा गांधी की प्रारंभिक शिक्षा गुजरात के ही एक स्कूल में हुई थी और उन्होंने इंग्लैंड से वकालत की पढ़ाई करी थी। वहां पर उन्होंने देखा कि अंग्रेज लोग काले गोरे का भेद भाव करते हैं

और भारतीय लोगों से बर्बरता पूर्वक व्यवहार करते है। यह बात में बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी इसके खिलाफ उन्होंने भारत आकर आंदोलन करने की ठानी।

यह भी पढ़ें –   स्वच्छ भारत अभियान निबंध Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi

भारत आते ही Mahatma Gandhi ने गरीबों के लिए कई हिंसक आंदोलन किए और अंत में उन्होंने “भारत छोड़ो आंदोलन” प्रारंभ किया जिसके कारण हमारे देश को आजादी मिली थी।

भारत की आजादी के 1 साल बाद महात्मा गांधी जी की 30 जनवरी 1948 में नाथूराम गोडसे नामक व्यक्ति ने गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी थी।

Essay On Mahatma Gandhi In Hindi 400 Words

महात्मा गांधी एक महान व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। उन्हें महात्मा की उपाधि इसलिए दी गई है क्योंकि उन्होंने हमारे भारत देश में जन्म लेकर हमारे देश के लोगों के लिए बहुत कुछ किया है। महात्मा गांधी अहिंसा और सत्य के पुजारी थे। उन्हें झूठ बोलने वाले व्यक्ति पसंद नहीं है।

Mahatma Gandhi का जन्म गुजरात राज्य के एक छोटे से शहर पोरबंदर में 2 अक्टूबर 1869 को हुआ था उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था जो की अंग्रेजी हुकूमत में एक दीवान के रूप में कार्य करते थे।

उनकी माता का नाम पुतलीबाई था जो कि गृहणी थी वे हमेशा पूजा पाठ में लगी रखी थी इसका असर हमें गांधी जी का सीन देखने को मिला है वह भी ईश्वर में बहुत आस्था रखते है।

महात्मा गांधी के जीवन पर राजा हरिश्चंद्र के व्यक्तित्व का बहुत अधिक प्रभाव था इसी कारण उनका झुकाव सत्य के प्रति बढ़ता गया।

यह भी पढ़ें –  स्वतंत्रता दिवस पर निबंध – Swatantrata Diwas Par Nibandh

Mahatma Gandhi का व्यक्तित्व है बहुत ही साधारण और सरल था इसका असर हमें उनके अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलनों में देखने को मिलता है उन्होंने कभी भी हिंसात्मक आंदोलन नहीं किए हुए हमेशा अहिंसा और सत्याग्रह को हथियार के रूप में काम में लेते थे।

उन्होंने अपना पूरा जीवन हमारे भारत देश के लिए समर्पित कर दिया था उन्हीं के अथक प्रयासों से हम आज एक आजाद देश में सुकून की सांस ले पा रहे है। महात्मा गांधी जी ने भारत में अपने जीवन का पहला आंदोलन चंपारण से प्रारंभ किया गया था

जिसका नाम बाद में चंपारण सत्याग्रह ही रख दिया गया था इस आंदोलन में उन्होंने किसानों को उनका हक दिलाने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन किया था।

इसी प्रकार उन्होंने खेड़ा आंदोलन, असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह (दांडी यात्रा) जैसे और भी आंदोलन किए थे जिसके कारण अंग्रेजी हुकूमत के पैर उखड़ने लगे थे।

उन्होंने अपने जीवन का अंतिम आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन किया था जो कि अंग्रेजों को मुझसे भारत को आजादी दिलाने के लिए हुआ था इसी आंदोलन के कारण हमें वर्ष 1947 में अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली थी।

लेकिन गांधीजी भारत की इस आजादी को ज्यादा दिन देख नहीं पाए क्योंकि आजादी के 1 साल बाद ही नाथूराम गोडसे नामक व्यक्ति ने 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। यह दिन हमारे देश के लिए बहुत ही दुखद था इस दिन हमने एक महान व्यक्ति को खो दिया था।

नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की हत्या तो कर दी लेकिन उनके विचारों को नहीं दबा पाया आज भी उनके विचारों को अमल में लाया जाता है।

Essay On Mahatma Gandhi In Hindi 1800 words

प्रस्तावना –

महात्मा गांधी एक स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक और महान व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। इसीलिए भारत में उन्हें राष्ट्रपिता और बापू के नाम से पुकारा जाता है। भारत का प्रत्येक व्यक्ति महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित है। उनके विचारों और उनके द्वारा किए गए भारत के लिए आंदोलन को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

उन्होंने अपना पूरा जीवन भारत के लोगों को समर्पित कर दिया था इसी समर्पण की भावना के कारण उन्होंने भारत के लोगों के हितों के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कई आंदोलन आंदोलन किए थे जिनमें वे पूरी तरह से सफल रहे थे। उनका अंतिम आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन अंग्रेजी हुकूमत के ताबूत पर अंतिम कील साबित हुई।

यह भी पढ़ें –  बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध – Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi

उनके सम्मान में पूरे विश्व भर में 2 अक्टूबर को अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है और भारत में महात्मा गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। महात्मा गांधी आज हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनके विचार हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।

प्रारंभिक जीवन –

महात्मा गांधी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था उनके पिताजी करमचंद गांधी अंग्रेजी हुकूमत के दीवान के रूप में काम करते थे उनकी माताजी पुतलीबाई गृहणी थी वह भक्ति भाव वाली महिला थी जिन का पूरा दिन लोगों की भलाई करने में बीतता था।

जिसका असर हमें गांधी जी के जीवन पर भी देखने को मिलता है। महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात राज्य की पोरबंदर शहर में हुआ था। महात्मा गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था । महात्मा गांधी की प्रारंभिक पढ़ाई गुजरात में ही हुई थी।

Mahatma Gandhi बचपन में अन्य बच्चों की तरह ही शरारती थे लेकिन धीरे-धीरे उनके जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं घटती गई जिनके कारण उनके जीवन में बदलाव आना प्रारंभ हो गया था। उनका विवाह 13 साल की छोटी सी उम्र में ही कर दिया गया था उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा था जिन्हें प्यार से लोग “बा” के नाम से पुकारते थे। उस समय बाल विवाह प्रचलन में था इसलिए गांधी जी का विवाह बचपन में ही कर दिया गया था।

उनके बड़े भाई ने उनको पढ़ने के लिए इंग्लैंड भेज दिया था। 18 वर्ष की छोटी सी आयु में 4 सितंबर 1888 को गांधी यूनिवर्सिटी कॉलेज लन्दन में कानून की पढाई करने और बैरिस्टर बनने के लिए इंग्लैंड चले गए। 1891 में महात्मा गांधीजी इंग्लैंड से बैरिस्टरी पास करके सुदेश आए और मुंबई में वकालत प्रारंभ कर दी।

अहिंसावादी जीवन का प्रारंभ –

महात्मा गांधी के जीवन में एक अनोखी घटना घटने के कारण उन्होंने अहिंसा वादी जीवन जीने का प्रण ले लिया था। दक्षिण अफ्रीका में प्रवास के दौरान महात्मा गांधी ने 1899 के एंगलो बोअर युद्ध के समय स्वास्थ्य कर्मी के तौर पर मदद की थी लेकिन इस युद्ध की विभीषिका को देख कर अहिंसा के रास्ते पर चलने का कदम उठाया था इसी के बल पर उन्होंने कई आंदोलन अनशन के बल पर किये थे जो कि अंत में सफल हुए थे।

उन्होंने ऐसे ही दक्षिण अफ्रीका के जोल विद्रोह के समय एक सैनिक की मदद की थी जिसे लेकर वे 33 किलोमीटर तक पैदल चले थे और उस सैनिक की जान बचाई थी। जिसे प्रतीत होता है कि महात्मा गांधी के जीवन के प्रारंभ से ही रग-रग में मानवता और करुणा की भावना भरी हुई थी।

राजनीतिक जीवन का प्रारंभ –

दक्षिण अफ्रीका में जब गांधी जी वकालत की पढ़ाई कर रहे थे उसी दौरान उन्हें काले गोरे का भेदभाव झेलना पड़ा। वहां पर हमेशा भारतीय एवं काले लोगों को नीचा दिखाया जाता था। एक दिन की बात है उनके पास ट्रेन की फर्स्ट एसी की टिकट थी लेकिन उन्हें ट्रेन से धक्के मार कर बाहर निकाल दिया गया और उन्हें मजबूरी में तृतीय श्रेणी के डिब्बे में यात्रा करनी पड़ी।

यहां तक कि उनके लिए अफ्रीका के कई होटलों में उनका प्रवेश वर्जित कर दिया गया था। यह सब बातें गांधीजी के दिल को कचोट गई थी इसलिए उन्होंने राजनीतिक कार्यकर्ता बनने का निर्णय लिया ताकि वे भारतीयों के साथ हो रहे भेदभाव को मिटा सके।

भारत में महात्मा गांधी का प्रथम आंदोलन –

महात्मा गांधी जी का भारत में प्रथम आंदोलन अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ का क्योंकि अंग्रेजों ने किसानों से खाद्य फसल की पैदावार कम करने और नील की खेती बढ़ाने को जोर दे रहे थे और एक तय कीमत पर अंग्रेजी किसानों से नील की फसल खरीदना चाहते थे।

इसके विरोध में Mahatma Gandhi जी ने अंग्रेजों के खिलाफ वर्ष 1917 में चंपारण नाम के गांव में आंदोलन छेड़ दिया था। अंग्रेजों की लाख कोशिशों के बाद भी गांधीजी मानने को तैयार नहीं थे अंत में अंग्रेजों को गांधी जी की सभी बातें माननी पड़ी। बाद में इस आंदोलन को चंपारण आंदोलन के नाम से जाना गया।

इस आंदोलन की सफलता से गांधीजी में और विश्वास पैदा हुआ और उन्होंने जान लिया था कि अहिंसा से ही वे अंग्रेजों को भारत से बाहर खदेड़ सकते है।

खेड़ा सत्याग्रह –

खेड़ा आंदोलन में Mahatma Gandhi ने किसानों की स्थिति में सुधार लाने के लिए ही किया था। वर्ष 1918 में गुजरात के खेड़ा नाम के गांव में भयंकर बाढ़ आई थी जिसके कारण किसानों की सारी फसलें बर्बाद हो गई थी और वहां पर भयंकर अकाल की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।

इतना सब कुछ होने के बाद भी अंग्रेजी हुकूमत के अफसर करो (Tax) में छुट नहीं करना चाहते थे। वह किसानों से फसल बर्बाद होने के बाद भी कर वसूलना चाहते थे। लेकिन किसानों के पास उन्हें देने के लिए कुछ नहीं था तो किसानों ने यह बात गांधी जी को बताई।

गांधीजी अंग्रेजी हुकूमत के इस बर्बरता पूर्वक निर्णय से काफी दुखी हुए फिर उन्होंने खेड़ा गांव से ही अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसा पूर्वक आंदोलन छेड़ दिया। महात्मा गांधी के साथ आंदोलन में सभी किसानों ने हिस्सा लिया जिसके कारण अंग्रेजी हुकूमत के हाथ पांव फूल गए और उन्होंने खेड़ा के किसानों का कर (Tax) माफ कर दिया। इस आंदोलन को खेड़ा सत्याग्रह के नाम से जाना गया।

असहयोग आंदोलन –

अंग्रेजी हुकूमत के भारतीयों पर बर्बरता पूर्ण जुल्म करने और जलियांवाला हत्याकांड के बाद महात्मा गांधी जी को समझ में आ गया था कि अगर जल्द ही अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ कुछ नहीं किया गया तो यह लोग भारतीय लोगों को अपनी क्रूर नीतियों से हमेशा खून चूसते रहेंगे।

महात्मा गांधी जी पर जलियांवाला बाग हत्याकांड का बहुत गहरा प्रभाव पड़ा था जिसके बाद वर्ष 1920 में Mahatma Gandhi ने अंग्रेजों के खिलाफ असहयोग आंदोलन की शुरुआत कर दी । इस आंदोलन के अंतर्गत गांधी जी ने सभी देशवासियों से निवेदन किया कि वे विदेशी वस्तुओं का उपयोग बंद कर दें और स्वदेशी वस्तुएं अपनाएं।

इस बात का लोगों पर इतना असर हुआ कि जो लोग ब्रिटिश हुकूमत के अंदर काम करते थे उन्होंने अपने पदों से इस्तीफा देना चालू कर दिया था। सभी लोगों ने अंग्रेजी वस्तुओं का बहिष्कार करते हुए स्वदेशी सूती वस्त्र पहने लगे थे।

इस आंदोलन के कारण ब्रिटिश हुकूमत के पैर उखड़ने लगे थे। लेकिन आंदोलन ने बड़ा रूप ले लिया था और चोरा चोरी जैसे बड़े कांड होने लगे थे जगह-जगह लूटपाट हो रही थी। गांधी जी का अहिंसा पूर्ण आंदोलन हिंसा का रुख अपना रहा था। इसलिए गांधी जी ने असहयोग आंदोलन को वापस ले लिया। इस आंदोलन के कारण उन्हें 6 वर्ष की जेल की सजा भी हुई थी।

नमक सत्याग्रह –

ब्रिटिश हुकूमत की क्रूरता दिन प्रतिदिन भारतीयों पर बढ़ती ही जा रही थी। ब्रिटिश हुकूमत ने नया कानून पास करके नमक पर अधिक कर लगा दिया था। जिसके कारण आम लोगों को बहुत अधिक परेशानी हो रही थी।

नमक पर अत्यधिक कर लगाए जाने के कारण महात्मा गांधी जी ने 12 मार्च 1930 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से नमक पर भारी कर लगाए जाने के विरोध में दांडी यात्रा प्रारंभ की जो कि 6 अप्रैल 1930 को गुजरात के दांडी नामक गांव में समाप्त हुई।

इस यात्रा में गांधी जी के साथ हजारों लोगों ने हिस्सा लिया था। दांडी गांव पहुंचकर गांधी जी ने ब्रिटिश हुकूमत के कानून की अवहेलना करते हुए खुद नमक का उत्पादन किया और लोगों को भी स्वयं नमक के उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित किया।

इस आंदोलन की खबर देश विदेश में आग की तरह फैल गई थी जिसके कारण विदेशी देशों का भी ध्यान इस आंदोलन की तरफ आ गया था यह आंदोलन गांधी जी की तरफ से अहिंसा पूर्वक लड़ा गया था जो कि पूर्णत: सफल रहा। इस आंदोलन को नमक सत्याग्रह और दांडी यात्रा के नाम से जाना जाता है।

नमक आंदोलन के कारण ब्रिटिश हुकूमत विचलित हो गई थी और उन्होंने इस आंदोलन में सम्मिलित होने वाले लोगों में से लगभग 80000 लोगों को जेल भेज दिया था।

भारत छोड़ो आंदोलन –

महात्मा गांधी जी ने ब्रिटिश हुकूमत को भारत से जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन प्रारंभ किया गया । इस आंदोलन की नींव उसी दिन पक्की हो गई थी जिस दिन गांधी जी ने नमक आंदोलन सफलतापूर्वक किया था।

उन्हें विश्वास हो गया था कि अंग्रेजों को अगर भारत से बाहर क देना है तो उसके लिए अहिंसा का रास्ता ही सबसे उत्तम रास्ता है। महात्मा गांधी ने यह आंदोलन कब छेड़ा जब द्वितीय विश्वयुद्ध चल रहा था और ब्रिटिश हुकूमत अन्य देशों के साथ युद्ध लड़ने में लगी हुई थी।

द्वितीय विश्वयुद्ध के कारण अंग्रेजों की हालत दिन प्रति दिन खराब होती जा रही थी उन्होंने भारतीय लोगों को लिखते विश्वयुद्ध में शामिल करने का निर्णय लिया। लेकिन भारतीय लोगों ने उन्हें नित्य विश्वयुद्ध से अलग रखने पर जोर दिया।

बाद में ब्रिटिश हुकूमत के वादा करने पर भारतीय लोगों ने द्वितीय विश्वयुद्ध में अंग्रेजों का साथ दिया। ब्रिटिश हुकूमत ने वादा किया था कि वे द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद भारत को स्वतंत्र कर देंगे। यह सब कुछ भारत छोड़ो आंदोलन के प्रभाव के कारण ही हो पाया और वर्ष 1947 में भारत को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिल गई।

महात्मा गांधी का भारत छोड़ो आंदोलन पूर्ण रूप से सफल रहा। इसकी सफलता का श्रेय सभी देशवासियों को भी जाता है क्योंकि उन्हीं की एकजुटता के कारण इस आंदोलन में किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं हुई और अंत में सफलता प्राप्त हुई।

उपसंहार –

Mahatma Gandhi बहुत ही सरल स्वभाव के व्यक्ति थे वे हमेशा सत्य और अहिंसा में विश्वास रखते थे। उन्होंने हमेशा गरीब लोगों का साथ दिया था। जब देश में जाति, धर्म और अमीर गरीब के नाम पर लोगों को बांटा जा रहा था तब गांधी जी ने ही गरीबों को साथ लेते हुए उन्हें “हरिजन” का नाम लिया और इसका मतलब भगवान के लोग होता है।

उनके जीवन पर भगवान बुद्ध के विचारों का बहुत प्रभाव था इसी कारण उन्होंने अहिंसा का रास्ता बनाया था। उनका पूरा जीवन संघर्षों से भरा हुआ था लेकिन अंत में उन्हें सफलता प्राप्त हुई थी। उन्होंने भारत देश के लिए जो किया है उसके लिए धन्यवाद सब बहुत कम है।

हमें उनके विचारों से सीख लेनी चाहिए आज लोग एक दूसरे से छोटी छोटी बात पर झगड़ा करने लगते हैं और हर एक छोटी सी बात पर लाठी और बंदूके चलाने लगते है। गांधी जी ने कहा था कि जो लोग हिंसा करते हैं वे हमेशा नफरत और गुस्सा दिलाने की कोशिश करते है। गांधीजी के अनुसार अगर शत्रु पर विजय प्राप्त करनी है तो हम अहिंसा का मार्ग भी अपना सकते है। जिसको अपनाकर गांधी जी ने हमें ब्रिटिश हुकूमत से आजादी दिलवाई थी।

यह भी पढ़ें –

हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay On Mahatma Gandhi In Hindi  आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

10 thoughts on “महात्मा गांधी पर निबंध – Essay On Mahatma Gandhi In Hindi”

Rohit ji app ne sahi bola

apke essay ka koi app hai महात्मा गांधी एक महान व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। उन्हें महात्मा की उपाधि इसलिए दी गई है क्योंकि उन्होंने हमारे भारत देश में जन्म लेकर हमारे देश के लोगों के लिए बहुत कुछ किया है। महात्मा गांधी अहिंसा और सत्य के पुजारी थे। उन्हें झूठ बोलने वाले व्यक्ति पसंद नहीं है।

बहुत सुन्दर प्रस्तुति

सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद प्रवीण विश्नोई जी, ऐसे ही हिंदी यात्रा पर आते रहे

Bhut Accha laga ye padh ke or hame ghadhi Ji ke bare me kafi jankari basil hui or isko Yaar Karna bhi easy hoga kyoki ye saral shbdo me tha or aasha karte he ese hi hame Jo chaye wo ese hi mile

Nishat khan ji, hum aap ko aise hi saral bhasha me content dete rahnge. Parsnsha ke liye aap ka bhut bhut Dhanyawad.

Mahatma Gandhi the legend me hamare liye kya kuch nhi kiya par tabh bhi kuch log unhe abhi bhi Bura Bolte h

Arti Nanda ji aap ne sahi bola aap chahe kitne bhi sahi hi log kuch na kuch to kahe ge, log to bhagvaan ko bhi dosh dete hai gandhi ji to bhi insaan the.

Mahatma gandhi bhale hee kyu na rahe lakin us kee yad aabhi bhee ham sab ke dilo dimag mai hai

Rohit ji app ne sahi bola, Mahatma gandhi ji ke vichar aaj bhi hamare saath hai.

Leave a Comment Cancel reply

essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

Customer Reviews

PenMyPaper

Please fill the form correctly

IMAGES

  1. Mahatma Gandhi Biography In Hindi

    essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

  2. Mahatma Gandhi Biography In Hindi

    essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

  3. महात्मा गांधी पर आदर्श हिन्दी निबंध। Hindi Essay Mahatma Gandhi

    essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

  4. Short Essay on Mahatma Gandhi in Hindi-महात्मा गांधी पर निबंध 100 शब्द

    essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

  5. Mahatma Gandhi Hindi Nibandh

    essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

  6. (New) Mahatma Gandhi Essay in Hindi

    essay on mohandas karamchand gandhi in hindi

VIDEO

  1. Mohandas Karamchand Gandhi 2 October 1869 to 30 January 1948

  2. Gandhiji ka chashma kis desh ne kharida tha।। Gandhi Ji।।#shorts ।।

  3. Essay on Mahatma Gandhi in Hindi Essay Writing/महात्मा गांधी पर निबंध

  4. Essay on Mahatma Gandhi in hindi

  5. Mahatma Gandhi Essay ppt download

  6. Mohandas Karamchand Gandhi.The Great Mahatma Gandhi.#gandhi #india#peace#nonviolence #truth #viral

COMMENTS

  1. महात्मा गांधी पर निबंध

    Essay on Mahatma Gandhi in Hindi. महात्मा गांधी एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने जिंदगीभर भारत को आज़ादी दिलाने के लिये संघर्ष किया। महात्मा ...

  2. महात्मा गांधी

    Fiji Hindi; Hrvatski; ... MAHATMA (In 8 Volumes) By: D. G. Tendulkar (First Edition : January 1954) [The Publications Division, govt. of India, New Delhi] MAHATMA GANDHI -(In 10 Volumes) {The Early Phase to Last Phase} - By Pyarelal & Sushila Nayar [Navajivan Publishing House, Ahmedabad]

  3. महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay in Hindi)

    Essay on Mahatma Gandhi in Hindi - निबंध 3 (500 शब्द) परिचय "कमजोर कभी माफ़ी नहीं मांगते, क्षमा करना तो ताकतवर व्यक्ति की विशेषता है" - महात्मा गाँधी

  4. Essay of Mahatma Gandhi for Student

    Mahatma Gandhi Life (महात्मा गांधी जीवन)युगमनाब महामगंधी का जन्म 1869, October 2 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था। उनके जन्म के समय उनका नाम Mohon Das Karamchand Gandhi था। Mahatma Gandhi का जन्म गुजरात ...

  5. Mahatma Gandhi essay in Hindi

    स्कूलों में अक्सर Mahatma Gandhi Essay in Hindi में लिखने के लिए कहा जाता है। इसलिए मैं आपको महात्मा गाँधी पर निबंध 200, 300, 500 और 1000 word मे लिखकर दूंगा, जिससे ...

  6. करमचन्द गाँधी

    करमचन्द गाँधी. करमचन्द उत्तमचन्द गाँधी (१८२२ — १६ नवंबर १८८५ ...

  7. Mahatma Gandhi Essay in Hindi

    Gandhi Jayanti Quotes In Hindi: गांधी जयंती कोट्स. महात्मा गाँधी द्वारा दिए गए कुछ अनमोल वचन. Mahatma Gandhi Essay in Hindi में हम महात्मा गांधी के कुछ अनमोल विचार के बारे ...

  8. महात्मा गांधी Essay

    महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। - Mahatma Gandhi पर हिन्दी में निबंध

  9. Mahatma Gandhi Essay in Hindi

    Essay of Gandhi Jayanti in Hindi (300 Words) महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में हुआ था, जिसको गांधी जयंती के रूप में जाना जाता है। उनके पिता ...

  10. Mahatma Gandhi Essay in Hindi

    Mahatma Gandhi Essay in Hindi छोड़ो भारत आंदोलन (Leave India Movement). द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ८ अगस्त १९४२ को 'छोड़ो भारत आंदोलन' (Leave India Movement) की शुरुआत अखिल भारतीय काँग्रेस समिति ...

  11. Essay On Mahatma Gandhi In Hindi ...

    Essay On Mahatma Gandhi In Hindi: महात्मा गाँधी पर निबंध 200, 500, 1000 शब्दों में. Essay Mahatma Gandhi in Hindi: जैसा कि हमारे देश में ऐसे बहुत से वीर योद्धा भगत सिंह, लाला लाजपत ...

  12. Hindi Essay, Paragraph, Speech on "Mohandas Karamchand Gandhi

    मोहनदास कर्मचंद गांधी Mohandas Karamchand Gandhi "चल पड़े जिधर दो डगमग में, चल पड़े कोटि पग उसी ओर। पड़ गई जिधर भी एक दृष्टि, गड़ गए कोटि दृग उसी ओर।।"

  13. Essay on Mahatma Gandhi (Mohandas Karamchand Gandhi)

    Short Essay on Gandhiji - Essay 3. Gandhiji, in India, is referred to as Father of Nation.It was a name given to Mahatma Karamchand Gandhi who pushed India towards Independence.Gandhiji was born on 2 nd of October, 1869 in Gujarat, India.He was also raised in his birthplace. His father was Karamchand Gandhi and mother Putlibai Gandhi.He was admitted to a local school in Rajkot, near his home ...

  14. Mahatma Gandhi

    Mohandas Karamchand Gandhi ( ISO: Mōhanadāsa Karamacaṁda Gāṁdhī; [pron 1] 2 October 1869 - 30 January 1948) was an Indian lawyer, anti-colonial nationalist and political ethicist who employed nonviolent resistance to lead the successful campaign for India's independence from British rule.

  15. Essay Mahatma Gandhi Hindi

    Essay on The Life Of Mahatma Ghandi. Mahatma Gandhi Introduction Mohandas Karamchand Gandhi, the preeminent leader of Indian nationalism and the prophet of nonviolence in the 20th century, was born, the youngest child of his father's fourth wife, on Oct. 2, 1869, at Porbandar, the capital of a small principality in Gujarat in western India under British suzerainty.

  16. महात्मा गांधी पर निबंध

    हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay On Mahatma Gandhi In Hindi आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ ...

  17. Mahatma Gandhi

    Mahatma Gandhi (born October 2, 1869, Porbandar, India—died January 30, 1948, Delhi) Indian lawyer, politician, social activist, and writer who became the leader of the nationalist movement against the British rule of India. As such, he came to be considered the father of his country.

  18. Essay On Mahatma Gandhi In Hindi

    2. Essay On Mahatma Gandhi Gandhi was born on October 2, 1869 in the small western Indian state of Porbandar under the name Mohandas Karamchand Gandhi ("Ghandi 's Life") . When Gandhi was finished with high school, he entered a small Indian college, the Samaldas College at the University of Bombay ("Mahatma").

  19. Mahatma Gandhi Essay In Hindi

    Mahatma Gandhi Essay. Mahatma Gandhi Mohandas Gandhi, known as Mahatma Gandhi. Also known as Mahatma the great soul, was the "father of modern India". He originally came from Western India, a city called Porbandar. He was born on 2nd October 1869.

  20. Hindi Essay On Indira Gandhi

    Gandhi : The Father Of India. Mohandas Karamchand Gandhi: The Father of India "Generations to come, it may be", Einstein once said about Gandhi, "will scarcely believe that such one as this ever in flesh and blood walked upon earth." Mohandas Karamchand Gandhi, more commonly known as "Mahatma" (meaning "Great Soul") was a spiritual leader of India during ...

  21. Free Essays on Mohandas Karamchand Gandhi In Hindi

    There are tons of free term papers and essays on Mohandas Karamchand Gandhi In Hindi on CyberEssays.com. We also have a wide variety of research papers and book reports available to you for free. ... Mohandas Karamchand Gandhi Mohandas Karamchand Gandhi(2 October 1869 - 30 January 1948), also known as Gandhi, was the preeminent leader of Indian ...

  22. Essay Mahatma Gandhi Hindi.pdf

    Document Essay Mahatma Gandhi Hindi.pdf, Subject History, from Wallace Community College, Length: 39 pages, Preview: Essay on The Life Of Mahatma Ghandi Mahatma Gandhi Introduction Mohandas Karamchand Gandhi, the preeminent leader. Please share free course specific Documents, Notes, Summaries and more! Subjects. Accounting; Aerospace Engineering;

  23. Essay On Mohandas Karamchand Gandhi In Hindi

    Try EssayBot which is your professional essay typer. EssayBot is an essay writing assistant powered by Artificial Intelligence (AI). Given the title and prompt, EssayBot helps you find inspirational sources, suggest and paraphrase sentences, as well as generate and complete sentences using AI. If your essay will run through a plagiarism checker ...